Uttarakhand: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने युवा कार्यकर्ता सम्मेलन में रखी योजनाओं की रूपरेखा, श्रमिकों के योगदान को बताया राष्ट्र निर्माण की रीढ़

Uttarakhand: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने युवा कार्यकर्ता सम्मेलन में रखी योजनाओं की रूपरेखा, श्रमिकों के योगदान को बताया राष्ट्र निर्माण की रीढ़
हरिद्वार, 23 जून — उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को ऋषिकुल आयुर्वेदिक कॉलेज ऑडिटोरियम में आयोजित भारतीय मजदूर संघ उत्तराखंड के युवा कार्यकर्ता सम्मेलन एवं संघ की स्वर्ण जयंती वर्ष के समापन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में भाग लिया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने श्रमिकों को राष्ट्र निर्माण का पथ निर्माता बताते हुए अनेक नई योजनाओं की घोषणा की और संगठन के ऐतिहासिक योगदान की प्रशंसा की।
मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि ऋषिकुल में मदन मोहन मालवीय राज्य शोध संस्थान की स्थापना की जाएगी, जो योग, ध्यान, अध्यात्म, ज्योतिष और आयुर्वेद जैसे विषयों में अनुसंधान और अध्ययन को बढ़ावा देगा। उन्होंने कहा कि इस संस्थान से उत्तराखंड में स्पिरिचुअल टूरिज्म को भी बल मिलेगा।
मुख्यमंत्री ने भारतीय मजदूर संघ की 70 वर्षों की यात्रा को “त्याग, तपस्या और राष्ट्र निर्माण के संकल्प से भरी हुई” करार दिया। उन्होंने कहा कि संगठन ने स्वदेशी विचारधारा को मजबूत करते हुए श्रमिकों के हितों के लिए संघर्ष किया और युवाओं को नई दिशा दी। उन्होंने श्रमिकों के लिए चलाई जा रही योजनाओं का उल्लेख करते हुए बताया कि सरकार ने ई-श्रम पोर्टल पर करोड़ों श्रमिकों का पंजीकरण कराया है और उन्हें ईएसआई, ईपीएफ और बीमा जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं।
मुख्यमंत्री धामी ने बताया कि श्रमिकों के 75 मेधावी बच्चों को रुद्रपुर टेक्निकल इंस्टीट्यूट में निःशुल्क उच्च तकनीकी शिक्षा, आवास और भोजन की सुविधा दी जा रही है। उन्होंने कहा, “श्रमिक केवल श्रम के साधक नहीं, बल्कि राष्ट्र निर्माण के पथ निर्माता हैं।”
उन्होंने यह भी बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सबका साथ, सबका विकास के मूल मंत्र के साथ सरकार श्रमिक कल्याण की दिशा में बड़े कदम उठा रही है। प्रधानमंत्री द्वारा शुरू किए गए स्किल इंडिया मिशन को युवाओं को रोजगार से जोड़ने का सशक्त माध्यम बताते हुए उन्होंने कहा कि यह अभियान आत्मनिर्भर भारत की नींव बन रहा है।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि उत्तराखंड में लैंड जिहाद, लव जिहाद और थूक जिहाद जैसी गतिविधियों पर कड़ी कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने बताया कि अब तक 6,500 एकड़ अवैध भूमि मुक्त कराई जा चुकी है। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि देवभूमि की पहचान और संस्कृति से कोई समझौता नहीं किया जाएगा।
वहीं, दंगा विरोधी कानून और नकल विरोधी कानून जैसे अहम विधायी फैसलों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि अब प्रदेश में चयन का आधार केवल प्रतिभा है, न कि सिफारिश या धांधली। उन्होंने यह भी खुलासा किया कि 2022 से अब तक 200 से अधिक अधिकारियों-कर्मचारियों पर कार्रवाई की जा चुकी है जो अपने कर्तव्यों से विमुख पाए गए।
मुख्यमंत्री ने समान नागरिक संहिता को लागू करने के निर्णय को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि उत्तराखंड देश का पहला राज्य बना है जिसने इसे 2025 में लागू किया। उन्होंने इसे महिलाओं और समाज के सभी वर्गों के लिए न्याय का मार्ग बताया।
समारोह में विधायक प्रदीप बत्रा, आदेश चौहान, मेयर किरण जेसल, भारतीय मजदूर संघ के महामंत्री रविंद्र मितरे, प्रदेश अध्यक्ष उमेश जोशी, डीएम मयूर दीक्षित, एसएसपी प्रमेन्द्र डोबाल सहित कई वरिष्ठ नेता और अधिकारी मौजूद रहे।
मुख्यमंत्री ने अंत में यह कहा कि उत्तराखंड आज न केवल चारधाम यात्रा के सफल संचालन से एक पर्यटन राज्य के रूप में उभरा है, बल्कि विकसित भारत 2047 के संकल्प में भी अग्रणी भूमिका निभा रहा है। उत्तराखंड का हर नागरिक अब इस संकल्प यात्रा का सहभागी है।