Uttarakhand: डोल आश्रम में मुख्यमंत्री धामी का आगमन, आध्यात्मिक पर्यटन को मिलेगा नया आयाम

Uttarakhand: डोल आश्रम में मुख्यमंत्री धामी का आगमन, आध्यात्मिक पर्यटन को मिलेगा नया आयाम
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को अल्मोड़ा जिले के लमगड़ा स्थित डोल आश्रम में आयोजित श्री कल्याणिका हिमालय देवस्थानम न्यास के श्री पीठम स्थापना महोत्सव में भाग लिया। भव्य समारोह में मुख्यमंत्री ने 1100 कन्याओं का पूजन कर मां राजेश्वरी का अभिषेक किया और प्रदेश व देश की सुख-समृद्धि की कामना की। उन्होंने कहा कि डोल आश्रम में आकर उन्हें हमेशा दिव्य ऊर्जा का अनुभव होता है। बाबा कल्याणदास जी महाराज द्वारा स्थापित श्रीयंत्र आने वाले समय में भारत ही नहीं, विश्वभर में श्रद्धा और आस्था का केंद्र बनेगा। मुख्यमंत्री ने विश्वास जताया कि यह आश्रम शांति, आध्यात्म और भारतीय संस्कृति का वैश्विक केंद्र बनेगा, जहां दुनिया भर से लोग साधना और दर्शन के लिए आएंगे।
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि राज्य सरकार मानसखंड मंदिर माला मिशन के जरिए उत्तराखंड के तमाम मंदिरों को बेहतर अवस्थापना सुविधाओं से जोड़ रही है, ताकि आध्यात्मिक पर्यटन को गति मिल सके। उन्होंने डोल आश्रम की विशेष सराहना करते हुए कहा कि यह स्थल न केवल धार्मिक पर्यटन को प्रोत्साहित कर रहा है, बल्कि युवाओं को भारतीय संस्कृति की शिक्षा देकर उन्हें अपनी जड़ों से जोड़ने का कार्य कर रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस पवित्र भूमि में जन्म लेना अपने आप में सौभाग्य है, जहां संस्कृति, आस्था और अध्यात्म की गंगा प्रवाहित होती है।
मुख्यमंत्री ने राष्ट्रहित के मुद्दों पर भी अपनी बात रखी। उन्होंने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि भारत आतंकवाद के प्रति जीरो टॉलरेंस नीति पर अडिग है और हमारे सुरक्षाबलों ने इस हमले का करारा जवाब दिया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सनातन संस्कृति की पताका आज सम्पूर्ण विश्व में लहरा रही है। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार धर्मांतरण के विरुद्ध कठोर कानून लेकर आई है और लैंड जिहाद व लव जिहाद जैसी साजिशों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करते हुए अपराधियों को जेल भेजा गया है। इसके अलावा समान नागरिक संहिता (यूसीसी) को लागू करने वाला उत्तराखंड देश का पहला राज्य बना है।
शिक्षा के क्षेत्र में सुधारों का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सख्त नकल विरोधी कानून ने प्रदेश के युवाओं को निष्पक्ष अवसर प्रदान किए हैं, जिससे अब हर जिले के प्रतिभागी चयन सूची में स्थान पा रहे हैं। उन्होंने डोल आश्रम के संस्थापक पूज्य महाराज कल्याणदास जी को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि उनकी सोच के अनुरूप यह आश्रम धर्म, अध्यात्म, संस्कृति और शिक्षा का बड़ा केंद्र बनकर विकसित हो रहा है।
समारोह में पूज्य महाराज कल्याणदास जी ने भी उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए समाज में व्याप्त बुराइयों को छोड़कर आध्यात्मिक पथ अपनाने का आह्वान किया। उन्होंने संस्कृत भाषा के संरक्षण की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि जब तक संस्कृत जीवित है, भारतीय संस्कृति को कोई खतरा नहीं है।
इस अवसर पर केंद्रीय राज्य मंत्री अजय टम्टा, जागेश्वर विधायक मोहन सिंह मेहरा, अल्मोड़ा विधायक मनोज तिवारी, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल, भाजपा जिलाध्यक्ष महेश नयाल, जिलाधिकारी आलोक कुमार पांडेय, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देवेंद्र पिंचा, मुख्य विकास अधिकारी दिवेश शासनी सहित अनेक गणमान्य लोग उपस्थित रहे। कार्यक्रम के समापन पर मुख्यमंत्री ने सभी को बुद्ध पूर्णिमा की शुभकामनाएं दीं और महात्मा बुद्ध के शांति और अहिंसा के संदेश को अपनाने का आग्रह किया।