Haridwar: हरिद्वार भूमि घोटाले पर मुख्यमंत्री धामी की बड़ी कार्रवाई, विजिलेंस जांच के आदेश, 10 अधिकारी निलंबित

Haridwar: हरिद्वार भूमि घोटाले पर मुख्यमंत्री धामी की बड़ी कार्रवाई, विजिलेंस जांच के आदेश, 10 अधिकारी निलंबित
हरिद्वार, 02 जून 2025: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नगर निगम हरिद्वार में हुए बहुचर्चित भूमि घोटाले के मामले में बड़ा और सख्त कदम उठाया है। भ्रष्टाचार के विरुद्ध राज्य सरकार की ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति को सख्ती से लागू करते हुए मुख्यमंत्री ने इस घोटाले की गहन जांच सतर्कता विभाग (विजिलेंस) से कराए जाने के निर्देश दिए हैं।
मुख्यमंत्री के आदेशों के बाद प्रकरण में तत्कालीन नगर आयुक्त श्री वरुण चौधरी के कार्यकाल के दौरान हुए सभी कार्यों का विशेष ऑडिट कराने के भी निर्देश दिए गए हैं, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि कहीं और वित्तीय अनियमितताएं तो नहीं हुईं। सरकार का मानना है कि जांच के माध्यम से इस घोटाले में शामिल सभी दोषियों की पूरी श्रृंखला उजागर की जा सकेगी।
सरकारी दस्तावेजों की जांच में सामने आया कि नगर निगम हरिद्वार में नियमों की अवहेलना कर भूमि विक्रय पत्र (सेल डीड) जारी किए गए, जिसके चलते सरकारी खजाने को नुकसान हुआ। इस गड़बड़ी के सामने आने के बाद मुख्यमंत्री ने न केवल विक्रय पत्र को निरस्त करने के आदेश दिए, बल्कि संबंधित भू-स्वामियों से अवैध रूप से दिए गए धन की वसूली सुनिश्चित करने के भी सख्त निर्देश जारी किए हैं।
अब तक की कार्रवाई में 10 अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। इनमें 2 आईएएस और एक पीसीएस अधिकारी शामिल हैं, जो उच्च प्रशासनिक पदों पर कार्यरत थे। इसके अलावा, दो अन्य अधिकारियों का सेवा विस्तार तत्काल समाप्त कर दिया गया है। सरकार ने यह स्पष्ट किया है कि किसी भी स्तर पर कोई रियायत नहीं दी जाएगी, चाहे वह कितना भी वरिष्ठ अधिकारी क्यों न हो।
मुख्यमंत्री धामी ने स्पष्ट शब्दों में कहा है कि राज्य सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त है और हर स्तर पर पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित की जाएगी। उन्होंने दोहराया कि सरकारी तंत्र को जवाबदेह और ईमानदार बनाना राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को चेतावनी देते हुए कहा कि भविष्य में किसी भी प्रकार की वित्तीय या प्रशासनिक अनियमितता को सरकार गंभीरता से लेगी और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। इस पूरे मामले को लेकर राज्य भर में प्रशासनिक हलकों में हलचल है और यह कार्रवाई भ्रष्टाचार पर सरकार के कड़े रुख को दर्शाती है।
हरिद्वार नगर निगम में सामने आए इस बड़े भूमि घोटाले की जांच से यह संकेत मिल रहा है कि उत्तराखंड सरकार अब प्रशासनिक जवाबदेही और पारदर्शिता के नए मानक स्थापित करने के रास्ते पर तेजी से आगे बढ़ रही है।