Sainik School Ghorakhal: सैनिक स्कूल घोड़ाखाल हीरक जयंती समारोह में मुख्यमंत्री धामी बोले—“यह केवल स्कूल नहीं, राष्ट्र के वीरों की कर्मभूमि है”
Sainik School Ghorakhal: सैनिक स्कूल घोड़ाखाल हीरक जयंती समारोह में मुख्यमंत्री धामी बोले—“यह केवल स्कूल नहीं, राष्ट्र के वीरों की कर्मभूमि है”
नैनीताल जिले के भवाली स्थित सैनिक स्कूल घोड़ाखाल में आयोजित हीरक जयंती समारोह का मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को विधिवत उद्घाटन किया। मुख्यमंत्री ने वार्षिकोत्सव कार्यक्रम में सभी अतिथियों, शिक्षकों, अभिभावकों और cadets का स्वागत कर उनके उज्जवल भविष्य की कामना की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सैनिक स्कूल घोड़ाखाल न केवल उत्तराखंड बल्कि पूरे देश के सबसे प्रतिष्ठित संस्थानों में से एक है, जिसने दशकों से अनुशासन, परिश्रम और राष्ट्रभक्ति से ओतप्रोत युवा तैयार किए हैं। उन्होंने कहा कि यह वही विद्यालय है जिसके बारे में वे बचपन से सुनते आए हैं और जिसने लगातार उत्कृष्ट सैन्य अधिकारी देश को दिए हैं।

उन्होंने कहा कि यहां दी जाने वाली शिक्षा केवल पुस्तकीय ज्ञान तक सीमित नहीं है, बल्कि यह विद्यालय छात्रों का व्यक्तित्व निर्माण, नेतृत्व क्षमता, शौर्य और ज़िम्मेदारी की भावना को गढ़ता है। कई पूर्व छात्र आज भारतीय सेना, नौसेना, वायुसेना तथा अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्रों में देश की सेवा कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने बताया कि सैनिक स्कूल घोड़ाखाल ने एनडीए में सर्वोच्च प्रविष्टियाँ देने का गौरव हासिल किया है और रक्षा मंत्री ट्रॉफी को 10वीं बार जीत कर अद्वितीय उपलब्धि स्थापित की है। उन्होंने कहा कि घोड़ाखाल की मिट्टी में एक अलग जज़्बा है, जो cadets को श्रेष्ठ अधिकारी बनने की ऊर्जा देता है।
उन्होंने कहा कि उत्तराखंड देवभूमि ही नहीं बल्कि वीरभूमि भी है, जहां जन्मे अनेक वीरों ने देश के लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर किया है। एक सैनिक-पुत्र होने के नाते उन्होंने कहा कि वे सैनिक परिवारों के त्याग, अनुशासन और संघर्ष को भलीभांति समझते हैं।

मुख्यमंत्री ने छात्रों से कहा कि उनकी स्कूल ड्रेस सिर्फ कपड़ा नहीं, बल्कि अनुशासन, सम्मान और कर्तव्य का वचन है। यह अनुशासन और कड़ी मेहनत उन्हें जीवन की हर चुनौती का सामना करने की शक्ति देगा।
उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सेना और सैनिक स्कूलों को मजबूत करने के लिए ऐतिहासिक कदम उठाए गए हैं। रक्षा बजट में वृद्धि से सैनिकों का आधुनिकीकरण हुआ है और आज भारत दुनिया के कई देशों को रक्षा उपकरण निर्यात कर रहा है। उन्होंने वन रैंक-वन पेंशन योजना को लागू करने को भी पूर्व सैनिकों के सम्मान और कल्याण की दिशा में बड़ा कदम बताया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार भी शहीदों, सैनिकों और पूर्व सैनिकों के परिवारों के सम्मान और कल्याण को प्राथमिकता देती है। शहीदों के परिजनों की अनुग्रह अनुदान राशि 5 गुना करना, एक आश्रित को नौकरी देना, पूर्व सैनिकों को विभिन्न छूट प्रदान करना और वीरता पुरस्कारों की वार्षिकी में वृद्धि जैसे कदम इसी संकल्प का प्रतीक हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में भव्य सैन्य धाम निर्माणाधीन है, जिसका लोकार्पण जल्द किया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने cadets को संदेश देते हुए कहा कि जीवन में संकल्प विकल्प रहित होना चाहिए। जब दृढ़ संकल्प बिना विकल्प के किया जाता है, तो सफलता निश्चित मिलती है।
समारोह के दौरान विद्यालय के विभिन्न हाउस—बेस्ट जूनियर हाउस, बेस्ट सीनियर हाउस, सी. हाउस आदि के विद्यार्थियों को सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम में विधायक सरिता आर्या, विधायक राम सिंह कैड़ा, ब्लॉक प्रमुख डॉ. हरीश बिष्ट, मंडलायुक्त दीपक रावत, आईजी रिद्धिम अग्रवाल, जिलाधिकारी ललित मोहन रयाल, एसएसपी डॉ. मंजूनाथ टीसी सहित छात्र-छात्राएं एवं अभिभावक उपस्थित रहे।