Champawat Agriculture University: चंपावत में खुलेगा कृषि विश्वविद्यालय, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने की घोषणा
Champawat Agriculture University: चंपावत में खुलेगा कृषि विश्वविद्यालय, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने की घोषणा
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को शारदा घाट, टनकपुर में आयोजित एक विशेष कार्यक्रम में भाग लेते हुए 20.50 रुपये करोड़ की 10 विकास योजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने चंपावत में पंतनगर कृषि विश्वविद्यालय की तर्ज पर नया कृषि विश्वविद्यालय स्थापित करने की महत्वपूर्ण घोषणा की। इसके साथ ही उन्होंने छीनीगोठ क्षेत्र में बाढ़ राहत और सुरक्षा कार्य कराने की भी घोषणा की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि छीनीगोठ और आसपास के क्षेत्रों में बाढ़ राहत और सुरक्षा कार्य कराए जाने से मानसून के दौरान होने वाले प्राकृतिक क्षत्रि से निपटने में मदद मिलेगी और कृषि भूमि तथा सार्वजनिक संपत्ति की सुरक्षा सुनिश्चित होगी। उन्होंने बताया कि इस परियोजना से स्थानीय किसानों और ग्रामीणों को लंबे समय में स्थायी सुरक्षा और आर्थिक लाभ प्राप्त होगा।

पंतनगर कृषि विश्वविद्यालय की तर्ज पर स्थापित होने वाला नया कृषि विश्वविद्यालय स्थानीय युवाओं को कृषि और संबद्ध विज्ञानों में उच्च शिक्षा और अनुसंधान के अवसर प्रदान करेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह कदम क्षेत्र में वैज्ञानिक खेती को बढ़ावा देगा और पर्वतीय कृषि अर्थव्यवस्था को नई पहचान प्रदान करेगा। उन्होंने इसे चंपावत को शिक्षा, कृषि और आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में सशक्त बनाने की दिशा में ऐतिहासिक पहल बताया।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आगे कहा कि राज्य सरकार उत्तराखंड को हर क्षेत्र में आगे बढ़ा रही है। शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, उद्यान, रोजगार और स्वरोजगार जैसे सभी क्षेत्रों में योजनाओं को तेजी से लागू किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि चंपावत जिले में भी विकास की गति बढ़ाई जा रही है और इसे आदर्श जिले के रूप में स्थापित करने का प्रयास किया जा रहा है।
इस अवसर पर दायित्वधारी श्याम नारायण पांडे, शंकर कोरंगा, जिला पंचायत अध्यक्ष आनंद सिंह अधिकारी, ब्लॉक प्रमुख अंचला बोहरा, भाजपा जिला अध्यक्ष गोविंद सामंत, जिलाधिकारी मनीष कुमार, पुलिस अधीक्षक अजय गणपति और अन्य स्थानीय जनप्रतिनिधि एवं नागरिक उपस्थित रहे। यह कार्यक्रम जिले में शिक्षा, कृषि और आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में विकास के नए अध्याय की शुरुआत का प्रतीक बना।