Birsa Munda Jayanti: जनजातीय गौरव दिवस पर देहरादून में उमड़ा सम्मान का सैलाब, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी रहे मुख्य अतिथि
Birsa Munda Jayanti: जनजातीय गौरव दिवस पर देहरादून में उमड़ा सम्मान का सैलाब, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी रहे मुख्य अतिथि
देहरादून।
भगवान बिरसा मुंडा की जयंती और जनजातीय गौरव दिवस के अवसर पर देहरादून के रेंजर्स ग्राउंड में आयोजित भव्य आदि गौरव महोत्सव में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की। कार्यक्रम में पहुंचे लोगों ने भगवान बिरसा मुंडा को नमन करते हुए उनकी अदम्य वीरता, संघर्ष और आत्मसम्मान की भावना को याद किया। मुख्यमंत्री धामी ने इस अवसर पर सभी को जनजातीय गौरव दिवस की शुभकामनाएं दीं और जनजातीय समाज की गौरवशाली संस्कृति व परंपराओं को देश की धरोहर बताया।
भगवान बिरसा मुंडा के विचार आज भी प्रेरणा का स्रोत

मुख्यमंत्री धामी ने अपने संबोधन में कहा कि भगवान बिरसा मुंडा संघर्ष, स्वाभिमान और सामाजिक एकता के प्रतीक थे। उन्होंने ब्रिटिश शासन के खिलाफ जनजातीय समाज को संगठित कर एक बड़ी लड़ाई लड़ी, जिसने स्वतंत्रता आंदोलन को नई दिशा दी।
उन्होंने कहा कि जब तक समाज की अंतिम पंक्ति में खड़े व्यक्ति का विकास नहीं होगा, तब तक देश अपनी वास्तविक मजबूती प्राप्त नहीं कर सकता। आदि गौरव महोत्सव जैसे आयोजन न सिर्फ जनजातीय समाज की संस्कृति, कला और परंपराओं को मंच प्रदान करते हैं, बल्कि समाज के अन्य वर्गों को भी इनकी समृद्ध विरासत से अवगत कराते हैं।
मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनजातीय समाज के उत्थान के लिए ऐतिहासिक कदम उठाए हैं। केंद्र सरकार ने जनजातीय बजट को तीन गुना बढ़ाकर विकास योजनाओं की गति को तेज किया है। प्रधानमंत्री जनजातीय उन्नत ग्राम अभियान के तहत उत्तराखंड के 128 गांवों को चिह्नित कर वहां बुनियादी सुविधाओं, शिक्षा, स्वास्थ्य और आजीविका को सुदृढ़ किया जा रहा है।
राज्य सरकार जनजातीय विकास को लेकर प्रतिबद्ध: मुख्यमंत्री धामी

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि राज्य सरकार जनजातीय समुदाय को मुख्यधारा से जोड़ने के लिए निरंतर कार्य कर रही है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में कालसी, मेहरावना, बाजपुर और खटीमा में चार एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय संचालित हैं। पिथौरागढ़ में भोटिया और राजी जनजाति के लिए नया एकलव्य विद्यालय खोलने का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा गया है।
उन्होंने कहा कि प्राथमिक से स्नातकोत्तर स्तर तक छात्रवृत्ति योजना से हजारों जनजातीय छात्र लाभान्वित हो रहे हैं। प्रदेश में 16 राजकीय आश्रम पद्धति विद्यालय संचालित हैं, जबकि तकनीकी प्रशिक्षण के लिए तीन आईटीआई कॉलेज भी चल रहे हैं।
राज्य सरकार प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए निःशुल्क कोचिंग, जनजातीय बेटियों की शादी हेतु 50,000 रुपये की सहायता, जनजातीय कला-संस्कृति और खेलों को बढ़ावा देने के लिए राज्य जनजाति महोत्सव एवं खेल महोत्सव का नियमित आयोजन कर रही है। साथ ही जनजातीय शोध संस्थान के लिए 1 करोड़ रुपये का कॉर्पस फंड भी स्थापित किया गया है।

मुख्यमंत्री धामी ने यह भी कहा कि वर्ष 2021 में प्रधानमंत्री मोदी ने 15 नवंबर को जनजातीय गौरव दिवस घोषित किया था, ताकि जनजातीय नायकों के योगदान को नई पीढ़ी तक पहुंचाया जा सके। राज्य सरकार इस महोत्सव के आयोजन के लिए हर वर्ष 50 लाख रुपये की वित्तीय मदद देती है।
उन्होंने जनता को संबोधित करते हुए कहा, “हमारी सरकार उत्तराखंड के आदिवासी समाज के सर्वांगीण विकास के लिए संकल्पित है। ‘विकल्प रहित संकल्प’ के साथ हम उत्तराखंड को देश का श्रेष्ठ राज्य बनाने के लिए लगातार प्रयासरत हैं।”
कार्यक्रम में विभिन्न राज्यों और उत्तराखंड के जनजातीय सांस्कृतिक दलों ने शानदार प्रस्तुतियां दीं। इस अवसर पर राज्यसभा सांसद नरेश बंसल, कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी, विधायक खजान दास, मुन्ना सिंह चौहान, सविता कपूर सहित कई अधिकारी, जनप्रतिनिधि और बड़ी संख्या में स्थानीय लोग उपस्थित रहे।