Reverse Migration Uttarakhand: रिवर्स पलायन का प्रतीक बने बिमला गुंज्याल और यशपाल नेगी: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी
उत्तराखंड के सीमांत और पर्वतीय क्षेत्रों में एक नई सामाजिक चेतना और रिवर्स पलायन की सकारात्मक लहर देखने को मिल रही है। इसी क्रम में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सेवानिवृत्त वरिष्ठ अधिकारियों—पूर्व पुलिस महानिरीक्षक (आई.जी.) बिमला गुंज्याल और पूर्व कर्नल यशपाल सिंह नेगी—को ग्राम प्रधान निर्विरोध चुने जाने पर हार्दिक बधाई दी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इन दोनों व्यक्तित्वों का गांव लौटकर पंचायत नेतृत्व संभालना न केवल प्रेरणादायक है, बल्कि रिवर्स पलायन का सशक्त उदाहरण भी है।
बिमला गुंज्याल को पिथौरागढ़ ज़िले की गुंजी ग्राम पंचायत और यशपाल सिंह नेगी को पौड़ी जनपद की बिरगण ग्राम पंचायत का निर्विरोध प्रधान चुना गया है। मुख्यमंत्री ने इसे उत्तराखंड के ग्रामीण क्षेत्रों के लिए एक सुखद संकेत बताते हुए कहा कि उनके नेतृत्व और अनुभव से पंचायती राज व्यवस्था को बल मिलेगा और गांवों के समग्र विकास को दिशा मिलेगी।
मुख्यमंत्री धामी ने इस पहल को “गांव लौटने की संस्कृति” की पुनर्स्थापना बताया और कहा कि यह दर्शाता है कि सेवानिवृत्ति के बाद भी लोग अपने अनुभव, समर्पण और सेवा भावना से गांव की तरक्की में बड़ी भूमिका निभा सकते हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ऐसे हर सकारात्मक कदम को समर्थन देगी और ऐसी सोच को मजबूत करने के लिए हर स्तर पर सहयोग करेगी।
सरकार की ओर से लगातार ग्रामीण आजीविका, कृषि, बागवानी, स्वरोजगार और स्थानीय संसाधनों पर आधारित आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के लिए योजनाएं चलाई जा रही हैं। मुख्यमंत्री ने उम्मीद जताई कि गुंजी और बिरगण ग्राम पंचायतें भविष्य में “मॉडल गांव” के रूप में उभरेंगी, जो अन्य गांवों के लिए मिसाल बनेंगी।
मुख्यमंत्री ने यह भी जोड़ा कि अगर गांवों को संसाधन, नेतृत्व और अवसर मिलें, तो लोग शहरों की भीड़ से वापस गांवों की ओर लौट सकते हैं और अपने पैतृक स्थानों को न केवल रहने लायक बना सकते हैं बल्कि विकास का केंद्र भी बना सकते हैं। उन्होंने इस बदलाव को उत्तराखंड के भविष्य के लिए शुभ संकेत बताया।