अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेला 2025 में बिहार ने रच दिया इतिहास! निवेश के लिए ‘भारत का सर्वश्रेष्ठ’ पैकेज घोषित, ‘विकसित बिहार’ के संकल्प पर मुहर-
अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेला 2025 में बिहार ने रच दिया इतिहास! निवेश के लिए ‘भारत का सर्वश्रेष्ठ’ पैकेज घोषित, ‘विकसित बिहार’ के संकल्प पर मुहर-
अहमद हसन:-
’बिहार दिवस’ समारोह में स्पष्ट संदेश : स्थानिक आयुक्त कुंदन कुमार का आह्वान, “अब समय आ गया है, बिहार में निवेश करें और समृद्धि के भागीदार बनें”
अत्याधुनिक पवेलियन में सीतामाता मंदिर और महाबोधि मंदिर की भव्य प्रतिकृतियाँ; ‘जीविका’ के माध्यम से महिला सशक्तिकरण की गाथा प्रदर्शित
नई दिल्ली, 23 नवम्बर 2025:
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के भारत मंडपम (प्रगति मैदान) में 14 से 27 नवम्बर 2025 तक आयोजित 44वें अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेले (IITF) के केंद्र में आज ‘बिहार दिवस’ समारोह का भव्य आयोजन किया गया। इस ऐतिहासिक अवसर पर, बिहार सरकार ने न केवल अपनी सांस्कृतिक विरासत का प्रदर्शन किया, बल्कि वैश्विक निवेशकों के लिए एक ‘सुनहरा प्रवेश द्वार’ खोलते हुए बड़ी घोषणा की।

दिल्ली में बिहार सरकार के स्थानिक आयुक्त, निवेश आयुक्त एवं बिआडा (बिहार इंडस्ट्रियल एरिया डेवलपमेंट ऑथोरिटी) के एमडी, श्री कुंदन कुमार (आईएएस) ने आज एक महत्वपूर्ण प्रेस वार्ता को संबोधित किया। उन्होंने स्पष्ट किया कि बिहार सरकार की औद्योगिक नीति 2025, भारत की सर्वश्रेष्ठ और सबसे आकर्षक निवेश नीतियों में से एक है।
श्री कुंदन कुमार ने दहाड़ते हुए कहा, “अब समय आ गया है कि निवेशक देश के आर्थिक परिवर्तन की इस यात्रा में बिहार के साथ चलें। हम आपको केवल अवसर नहीं, बल्कि भारत में मिलने वाले सर्वोत्तम पैकेज, आकर्षक जीएसटी छूट और अन्य वित्तीय प्रोत्साहन प्रदान कर रहे हैं। बिहार जल्द ही उद्योग और शहरी विकास के मानचित्र पर एक अग्रणी और चमकता सितारा बनने जा रहा है।”

पवेलियन बना लोक कला और वास्तुकला का अद्भुत संगम
इस वर्ष के मेले की थीम “एक भारत श्रेष्ठ भारत” को चरितार्थ करते हुए बिहार पवेलियन को उपेंद्र महारथी शिल्प अनुसंधान संस्थान के कुशल कारीगरों द्वारा एक नायाब रूप दिया गया है। यह पवेलियन न केवल एक प्रदर्शनी स्थल है, बल्कि बिहार की गौरवशाली गाथा का जीवंत प्रस्तुतिकरण है।

मुख्य आकर्षण: पवेलियन का मुख्य द्वार सीतामढ़ी के पुनौरा धाम में बन रहे सीतामाता के प्रस्तावित मंदिर के प्रारूप पर आधारित है, जो धार्मिक पर्यटन के नए आयामों को दर्शाता है।
ऐतिहासिक झलक: इसके अतिरिक्त, मुख्य द्वार के बगल में पावापुरी मंदिर, दीवारों पर राजगीर का विश्व शांति स्तूप, और अन्य प्रवेश द्वारों पर पटना मेट्रो एवं महाबोधि मंदिर के प्रारूपों का निर्माण किया गया है। यह प्राचीन इतिहास और आधुनिक विकास के संगम को दर्शाता है।
सांस्कृतिक केंद्र: बिहार के लोक कलाकारों द्वारा पवेलियन को लोक कलाओं से सजाया गया है। केंद्रीय हॉल में स्थापित बिहार संग्रहालय आगंतुकों को प्राचीन मगध से लेकर आधुनिक बिहार तक की यात्रा करा रहा है।

65 स्टॉल पर बिहार की समृद्धि का प्रदर्शन
श्री कुंदन कुमार ने बताया कि पवेलियन में हैंडलूम, हैंडीक्राफ्ट, कृषि-उत्पाद, पर्यटन और औद्योगिक विकास को प्रदर्शित करते हुए कुल 65 स्टॉल लगाए गए हैं।
वर्ग प्रदर्शित उत्पाद / संस्था मुख्य आकर्षण
महिला सशक्तिकरण 5 जीविका दीदी स्टॉल, दीदी की रसोई ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ में महिलाओं के योगदान का विशेष प्रदर्शन।
हस्तशिल्प हैंडलूम, हैंडीक्राफ्ट, बिहार खादी बोर्ड (5 स्टॉल) उपेंद्र महारथी शिल्प अनुसंधान संस्थान द्वारा डिज़ाइन किए गए नायाब उत्पाद।
खाद्य एवं कृषि सुधा डेयरी, प्रमोद मल्टीफूड्स, सुप्रसिद्ध कतरनी चावल, स्वर्ण मंसूरी एवं सोनम चावल बिहार के बेहतरीन कृषि उत्पादों की राष्ट्रीय पहचान।
औद्योगिक/पर्यटन बिआडा (2 स्टॉल), पर्यटन विभाग (3 स्टॉल), आम्रपाली इंपोरियम बिहार में निवेश और पर्यटन के नए अवसरों का प्रदर्शन।
सांस्कृतिक संध्या ने बांधा समा
प्रेस वार्ता के बाद, भारत मंडपम के एमपीथिएटर 1 में एक भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। बिहार से आए लोक कलाकारों ने अपनी गीत-संगीत और मनमोहक नृत्य (जैसे लोक गायन, झिझिया, आदि) से दर्शकों का मन मोह लिया और ‘बिहार दिवस’ को एक यादगार सांस्कृतिक उत्सव बना दिया।
उद्योग विभाग के संयुक्त सचिव श्री अनिल कुमार और बिहार पवेलियन के निदेशक संजय कुमार सिंह सहित कई वरिष्ठ अधिकारी इस समारोह में मौजूद थे। इस सफल आयोजन से यह सिद्ध होता है कि बिहार, अपनी सांस्कृतिक जड़ों को सहेजते हुए, औद्योगिक और आर्थिक महाशक्ति बनने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है।