Bihar Honey Production: बिहार शहद उत्पादन में बना देश का चौथा सबसे बड़ा उत्पादक राज्य, वार्षिक उत्पादन 18,030 मीट्रिक टन

Bihar Honey Production: बिहार शहद उत्पादन में बना देश का चौथा सबसे बड़ा उत्पादक राज्य, वार्षिक उत्पादन 18,030 मीट्रिक टन
बिहार ने पिछले दो दशकों में शहद उत्पादन में अभूतपूर्व प्रगति की है। 2005 से पहले राज्य में शहद का उत्पादन काफी सीमित था, लेकिन अब वर्ष 2023-24 में यह बढ़कर 18,030 मीट्रिक टन से अधिक हो गया है, जिससे बिहार देश में शहद का चौथा सबसे बड़ा उत्पादक राज्य बन गया है। शहद उत्पादन में वृद्धि से हजारों लोगों को रोजगार मिला है और उनके जीवन में आर्थिक सुधार और खुशहाली आई है।
राज्य में शहद उत्पादन में वृद्धि के पीछे सरकारी योजनाओं द्वारा दिए गए प्रोत्साहन, वनस्पतियों की विविधता, अनुकूल जलवायु और प्रचुर प्राकृतिक संसाधनों का योगदान है। सरसों, लीची, सहजन, जामुन जैसी फसलों के खेतों में मधुमक्खी पालन को बढ़ावा मिलने से उत्पादन में निरंतर बढ़ोत्तरी हुई है। मुजफ्फरपुर, वैशाली और समस्तीपुर लीची के बड़े-बड़े बागों के लिए प्रसिद्ध हैं, और लीची का शहद बिहार के सबसे लोकप्रिय शहदों में से एक है। सरसों का शहद नालंदा और पटना जैसे क्षेत्रों में उत्पादित होता है, जबकि औरंगाबाद और रोहतास में तिल का शहद तैयार किया जाता है।
मधुमक्खी पालन और शहद उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए सरकार अनुदान देती है। केंद्र प्रायोजित एकीकृत बागवानी विकास मिशन और राज्य योजना के तहत मधुमक्खी पालकों को मधुमक्खी बक्सा, छत्ते और मधु निष्कासन यंत्र पर सामान्य कृषकों को 75 प्रतिशत और अनुसूचित जाति एवं जनजाति के कृषकों को 90 प्रतिशत तक अनुदान दिया जाता है। इसके अलावा राज्य में परागण बढ़ावा कार्यक्रम के तहत वार्षिक 20,000 से 1,00,000 मधुमक्खी बक्सों का वितरण किया जा रहा है। सरकार किसानों को शहद उत्पादन और प्रबंधन का प्रशिक्षण भी प्रदान करती है। इन प्रयासों के कारण बिहार में शहद उत्पादन न केवल बढ़ा है बल्कि इसकी गुणवत्ता भी उच्च स्तर की है, जिससे राज्य का शहद देशभर में लोकप्रिय और मांग में है।