Uttarakhand: उत्तराखंड में चिकित्सा सेवाओं के आधुनिकीकरण की बड़ी पहल, स्वास्थ्य मंत्री ने दिए निर्देश – हर अस्पताल बने ‘फुली फंक्शनल’ केंद्र

Uttarakhand: उत्तराखंड में चिकित्सा सेवाओं के आधुनिकीकरण की बड़ी पहल, स्वास्थ्य मंत्री ने दिए निर्देश – हर अस्पताल बने ‘फुली फंक्शनल’ केंद्र
उत्तराखंड सरकार ने प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं में बड़ा बदलाव लाने की दिशा में कमर कस ली है। शुक्रवार को आयोजित एक उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक में स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने स्पष्ट रूप से कहा कि राज्य के सभी मेडिकल कॉलेज, जिला चिकित्सालय और उप जिला चिकित्सालयों को जल्द से जल्द आधुनिक सुविधाओं से लैस किया जाए और इन्हें संपूर्ण चिकित्सा सेवा प्रदाता संस्थान के रूप में विकसित किया जाए। मंत्री ने स्वास्थ्य विभाग को अगले पांच माह के भीतर ठोस और परिणामदायक कार्ययोजना लागू करने के निर्देश दिए।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि सरकार की प्राथमिकता है कि आम नागरिक को स्थानीय स्तर पर ही हर बीमारी की संपूर्ण चिकित्सा उपलब्ध हो। मरीजों को दूसरे शहर रेफर करने की नौबत न आए, इसके लिए सुपर स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की नियुक्ति, मेडिकल इक्विपमेंट की उपलब्धता, और फुली फंक्शनल ऑपरेशन थिएटर (OT) जैसी बुनियादी संरचनाएं विकसित की जाएं। उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि चिकित्सकों के अवकाश के दौरान वैकल्पिक चिकित्सक की व्यवस्था हर अस्पताल में सुनिश्चित की जाए ताकि चिकित्सा सेवाओं में कोई रुकावट न आए।
टेलीमेडिसिन को वास्तविक चिकित्सा सेवा में बदलने पर जोर
बैठक में उपस्थित मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने स्वास्थ्य विभाग को टेलीमेडिसिन को एक नाममात्र की सेवा बनने से बचाने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि यह सेवा केवल वीडियो कॉल या परामर्श तक सीमित न रह जाए, बल्कि इसके माध्यम से रोगियों को प्रभावी और परिणामपरक इलाज मिले। उन्होंने टेलीमेडिसिन को “एक्चुअल मेडिसिन” के रूप में बदलने के लिए ठोस प्रयास करने के निर्देश दिए।
मुख्य सचिव ने यह भी निर्देश दिया कि राज्य के सभी मेडिकल कॉलेजों और जिला चिकित्सालयों में पूरी तरह क्रियाशील (फुली फंक्शनल) ऑपरेशन थिएटर तैयार किए जाएं। ऐसे OTs आधुनिक चिकित्सा पद्धति के मानकों के अनुरूप हों, और उनकी तकनीकी गुणवत्ता किसी भी राष्ट्रीय मेडिकल संस्थान से कम न हो। उन्होंने यह भी सुनिश्चित करने को कहा कि चिकित्सा के क्षेत्र में जो भी उपकरण खरीदे जाएं उनका 100% उपयोग हो और वो केवल शोपीस बनकर न रह जाएं।
स्वास्थ्य शिक्षा और इन्फ्रास्ट्रक्चर में सुधार पर भी विशेष ध्यान
बैठक के दौरान स्वास्थ्य विभाग ने एक प्रस्तुति के माध्यम से बताया कि वर्तमान में मेडिकल कॉलेजों, जिला और उप जिला अस्पतालों में कई क्षेत्रों में सुधार की आवश्यकता है। इनमें सुपर स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की भारी कमी, सपोर्टिंग स्टाफ की नियुक्ति, एडवांस स्किल लैब, और ट्रॉमा सेंटर शामिल हैं। स्वास्थ्य मंत्री ने इन बिंदुओं पर तुरंत कार्रवाई सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए।
बैठक में सचिव दिलीप जावलकर, स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. सुनीता टम्टा, निदेशक स्वास्थ्य शिक्षा डॉ. आशुतोष सयाना, डॉ. आर. राजेश कुमार, वी. षणमुगम सहित स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
इस बैठक और निर्देशों से स्पष्ट संकेत मिलते हैं कि उत्तराखंड सरकार प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था को “रोगी केंद्रित और तकनीकी रूप से सशक्त” बनाने की दिशा में गंभीर है। आने वाले समय में राज्य के अस्पताल केवल उपचार केंद्र ही नहीं, बल्कि विश्वसनीय, अत्याधुनिक और आत्मनिर्भर चिकित्सा केंद्र के रूप में उभरेंगे।