UP: यूपी के कानूनों में बड़ा बदलाव, जेल की जगह होगा जुर्माना, व्यापार को बढ़ावा देने की तैयारी
उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार अब उद्योग और व्यापार को नई गति देने के लिए राज्य के कई कानूनों में ऐतिहासिक बदलाव करने जा रही है। सरकार का लक्ष्य है कि जिन कानूनों में अब तक जेल की सजा का प्रावधान था, उन्हें बदलकर केवल आर्थिक दंड और प्रशासनिक कार्रवाई तक सीमित कर दिया जाए। इस बड़े सुधार के बाद कारोबारी और उद्यमी बिना अनावश्यक दंडात्मक दबाव के आसानी से व्यापार कर सकेंगे। यूपी जल्द ही देश का पहला ऐसा राज्य बनने जा रहा है, जो इतने बड़े पैमाने पर आपराधिक प्रावधानों को गैर-आपराधिक श्रेणी में बदलेगा।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को उच्चस्तरीय बैठक में साफ कहा कि “ईज ऑफ डूइंग बिजनेस” को मजबूत बनाने के लिए अनावश्यक दंडात्मक प्रावधानों को हटाना जरूरी है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि सुधारों का उद्देश्य न केवल उद्योगपतियों को राहत देना है, बल्कि श्रमिकों के हितों की सुरक्षा सुनिश्चित करना भी है। जानकारी के अनुसार, सीएम योगी के निर्देश पर उद्योग और व्यापार से जुड़े 13 राज्य अधिनियमों में लगभग 99 प्रतिशत आपराधिक प्रावधान समाप्त किए जाने की तैयारी है।
इसके लिए सरकार “सुगम्य व्यापार (प्राविधानों का संशोधन) विधेयक 2025” लाने जा रही है। इस विधेयक के तहत आबकारी अधिनियम, शीरा अधिनियम, गन्ना अधिनियम, नगर निगम अधिनियम, भूगर्भ जल अधिनियम, प्लास्टिक कचरा अधिनियम, सिनेमा अधिनियम और पंचायत अधिनियम सहित कई कानूनों में बदलाव किए जाएंगे। पहले जहां छोटे-छोटे उल्लंघनों पर जेल की सजा का प्रावधान था, वहीं अब भारी जुर्माना और अन्य प्रशासनिक कार्रवाई लागू होगी।
बैठक में यह भी बताया गया कि इस विधेयक पर संबंधित 14 विभागों से राय ली गई है, जिनमें से अधिकांश विभाग सहमत हैं, जबकि कुछ ने आपत्तियां दर्ज कराई हैं। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि आपत्तियों और सुझावों पर गंभीरता से विचार किया जाए और ऐसा स्वरूप तैयार किया जाए, जो उद्योग और श्रमिक दोनों के लिए लाभकारी हो।
बैठक में श्रम कानूनों के सरलीकरण पर भी चर्चा हुई। प्रस्तावों में फैक्ट्री लाइसेंस की अवधि बढ़ाने, दुकानों और प्रतिष्ठानों के नियमों में व्यावहारिक बदलाव करने और महिलाओं को अधिक अवसर उपलब्ध कराने जैसे सुझाव शामिल किए गए। मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि निरीक्षण व्यवस्था में पारदर्शिता लाने के लिए स्व-सत्यापन और थर्ड पार्टी ऑडिट जैसी प्रणाली लागू की जानी चाहिए।
इसी क्रम में सरकार जल्द ही “निवेश मित्र 3.0” पोर्टल भी लॉन्च करने जा रही है। इस पोर्टल के जरिए निवेशकों को आवेदन और अनुमोदन की पूरी प्रक्रिया डिजिटल और सरल तरीके से मिलेगी। इसमें कॉमन एप्लिकेशन फॉर्म, स्मार्ट डैशबोर्ड और एआई चैटबॉट जैसी आधुनिक सुविधाएं जोड़ी जाएंगी। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि इन सुधारों से जहां उद्योगों का बोझ कम होगा, वहीं श्रमिकों की सुरक्षा और सुविधा की गारंटी भी सुनिश्चित होगी।