Bageshwar Farmer: गर्म घाटी में सेब की बंपर पैदावर, बागेश्वर के किसान दरबान सिंह ने रचा इतिहास
उत्तराखंड की धरती मेहनती किसानों की मिसालों से भरी पड़ी है और अब इसमें एक नया नाम जुड़ गया है – बागेश्वर के किसान दरबान सिंह परिहार। आमतौर पर सेब की खेती सिर्फ ठंडी जलवायु वाले प्रदेशों जैसे कश्मीर और हिमाचल में ही संभव मानी जाती है। लेकिन दरबान सिंह ने इस धारणा को तोड़ते हुए गर्म घाटी में भी सेब की सफल खेती कर दिखाई है। उनकी मेहनत और समर्पण ने यह साबित कर दिया कि अगर हौसला बुलंद हो तो कठिन से कठिन परिस्थितियों में भी सफलता हासिल की जा सकती है।
दरबान सिंह परिहार ने बागेश्वर की सात रतबे के पास स्थित जमखितोला गांव में सिर्फ पांच नाली जमीन में सेब का पौधारोपण किया। मार्च 2022 में लगाए गए इन 250 पौधों ने महज एक साल बाद ही पैदावार देना शुरू कर दिया। जुलाई 2023 में प्रत्येक पौधे से औसतन 8 से 10 किलो तक सेब की उपज मिली। अगले साल यानी 2024 में उत्पादन और बढ़ा और अब तीसरे साल में उनकी बगिया और भी लहलहा रही है। उनकी मेहनत का नतीजा यह है कि अब हर पेड़ पर 10 से 15 किलो तक फल आ रहे हैं।
उन्होंने बताया कि जून के आखिर से ही पेड़ों में फल आना शुरू हो जाता है और जुलाई के तीसरे सप्ताह तक वे फसल की तुड़ाई कर लेते हैं। अभी भी उनके बगीचे में एक तिहाई फल पेड़ों पर लटक रहे हैं। दरबान सिंह का कहना है कि वे लगातार कृषि विशेषज्ञों से मार्गदर्शन लेते रहते हैं और उसी आधार पर पौधों को खाद और पोषण उपलब्ध कराते हैं। यही वजह है कि उनकी फसल समय पर फल देती है और गुणवत्ता में भी बेहतरीन है।
बागेश्वर के इस किसान ने सेब की अलग-अलग प्रजातियों को यहां सफलतापूर्वक उगाकर प्रशासन और स्थानीय लोगों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया है। किसान तक की टीम जब उनके खेतों तक पहुंची तो हर कोई उनकी लगन और जज्बे से प्रभावित हुआ। दरबान सिंह का यह प्रयोग न केवल बागेश्वर बल्कि पूरे उत्तराखंड के लिए एक प्रेरणा है।
यह उपलब्धि इस बात का प्रमाण है कि अगर सही तकनीक और वैज्ञानिक दृष्टिकोण के साथ खेती की जाए तो प्राकृतिक सीमाओं को भी पार किया जा सकता है। बागेश्वर के दरबान सिंह ने सेब उत्पादन के क्षेत्र में नई राह खोल दी है और अब अन्य किसान भी उनकी इस सफलता से प्रेरणा लेकर गर्म घाटियों में सेब की खेती करने का साहस जुटा रहे हैं।