Bageshwar Disaster: बागेश्वर में आपदा प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण करने पहुँची केंद्र सरकार की उच्च स्तरीय टीम

Bageshwar Disaster: बागेश्वर में आपदा प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण करने पहुँची केंद्र सरकार की उच्च स्तरीय टीम
केंद्र सरकार द्वारा गठित उच्च-स्तरीय अंतर-मंत्रालयी केंद्रीय टीम (IMCT) ने सोमवार को उत्तराखंड के बागेश्वर जनपद के विभिन्न आपदा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया। टीम ने पौंसारी, बैसानी क्षेत्र और जगथाना मोटर मार्ग सहित उन स्थलों का स्थलीय निरीक्षण किया, जहाँ हाल ही में प्राकृतिक आपदा से भारी तबाही हुई थी। इस निरीक्षण का मुख्य उद्देश्य आपदा से हुए जन-धन, आधारभूत संरचना, कृषि और स्थानीय आजीविका को हुए नुकसान का विस्तृत आकलन करना और राज्य सरकार द्वारा संचालित राहत व पुनर्वास कार्यों की समीक्षा करना रहा।
निरीक्षण के दौरान टीम के सदस्यों ने प्रभावित परिवारों से सीधे संवाद स्थापित किया और उनकी समस्याओं को गंभीरता से सुना। उन्होंने यह भी जाना कि जिला प्रशासन और राज्य सरकार किस प्रकार से राहत और पुनर्वास कार्यों को अंजाम दे रहे हैं। स्थानीय लोगों ने प्रशासन द्वारा किए जा रहे त्वरित कार्यों की सराहना की, लेकिन साथ ही सुरक्षित स्थानों पर स्थायी पुनर्वास की मांग भी रखी।
स्थलीय निरीक्षण के बाद टीम ने कलेक्ट्रेट सभागार में बैठक की, जहाँ जिलाधिकारी आशीष भटगांई ने आपदा की स्थिति, राहत-बचाव कार्यों और पुनर्वास योजनाओं की विस्तृत जानकारी प्रस्तुत की। बैठक में विभिन्न विभागों द्वारा हुए नुकसान के आंकड़े रखे गए। साथ ही, आपदा प्रभावित क्षेत्रों की स्थिति को समझाने के लिए ड्रोन शॉट्स और क्षति के दृश्यावलोकन भी टीम को दिखाए गए। इससे टीम को वास्तविक स्थिति का प्रत्यक्ष आभास हुआ।
टीम के दौरे में नोडल अधिकारी वीरेंद्र कुमार, निदेशक कृषि मंत्रालय सुधीर कुमार, केंद्रीय जल आयोग के अधीक्षण अभियंता शेर बहादुर, वित्त मंत्रालय के अवर सचिव और उत्तराखंड लैंडस्लाइड मिटिगेशन एंड मैनेजमेंट सेंटर, देहरादून के निदेशक डॉ. शांतनु सरकार शामिल रहे। इन सभी अधिकारियों ने अलग-अलग दृष्टिकोण से आपदा की स्थिति का अध्ययन किया और आगे की रणनीति बनाने पर जोर दिया।
केंद्रीय टीम की इस कार्रवाई से उम्मीद जताई जा रही है कि आपदा प्रभावित परिवारों को न केवल तत्काल राहत मिलेगी, बल्कि दीर्घकालिक पुनर्वास और सुरक्षित आवास की दिशा में ठोस कदम भी उठाए जाएंगे। बागेश्वर के लोगों को विश्वास है कि इस निरीक्षण के बाद केंद्र और राज्य मिलकर अधिक प्रभावी सहायता और पुनर्वास योजनाएँ लागू करेंगे।