Uttarakhand Apple Packaging: उत्तराखंड के सेब को मिलेगी नई पहचान, किसानों को मिलेंगे यूनिवर्सल कार्टन—मुख्यमंत्री धामी की पहल पर शुरू हुआ वितरण
देहरादून/ उत्तराखंड सरकार सेब उत्पादक किसानों के हित में एक और बड़ा कदम उठाते हुए अब राज्य के सेब उत्पादकों को बेहतर पैकेजिंग के लिए यूनिवर्सल कार्टन (कोरोगेटेड फाइबर बॉक्स) वितरित कर रही है। मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर यह योजना प्रदेश के पर्वतीय क्षेत्रों विशेषकर उत्तरकाशी और देहरादून जिलों में उत्तराखंड ब्रांड के तहत सेब को विशिष्ट पहचान दिलाने की दिशा में एक ठोस प्रयास मानी जा रही है।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि उत्तराखंड में सेब उत्पादन को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने के लिए सरकार निरंतर प्रयास कर रही है। यह योजना किसानों को केवल बेहतर पैकेजिंग ही नहीं, बल्कि उनके उत्पाद का अधिक मूल्य दिलाने का माध्यम भी बनेगी। अब तक उत्तरकाशी जिले के किसानों के लिए 3.85 लाख यूनिवर्सल कार्टन और देहरादून जिले के लिए 0.75 लाख कार्टन की मांग की गई है, जिसे सूचीबद्ध फर्मों के माध्यम से पूरा किया जा रहा है।
ये यूनिवर्सल कार्टन एप्पल ट्रे सहित किसानों को राज्य सरकार की उत्तर फसल प्रबंधन योजना के तहत 50% राजकीय सहायता पर उपलब्ध कराए जा रहे हैं। इसका उद्देश्य उत्तराखंड के सेब को न केवल बाजार में प्रतिस्पर्धी बनाना है, बल्कि इसे एक ब्रांड के रूप में प्रस्तुत करना भी है। इससे किसानों को न केवल बेहतर आय प्राप्त होगी, बल्कि राज्य के सेब को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में एक विशिष्ट पहचान मिलेगी।
पैकिंग से पहचान तक: उत्तराखंड ब्रांड का निर्माण
सरकार की इस योजना के माध्यम से सेब को ब्रांडेड पैकेजिंग में भेजा जाएगा जिससे न केवल उत्पाद आकर्षक बनेगा, बल्कि उपभोक्ता को इसकी गुणवत्ता और उत्पत्ति की भी जानकारी मिलेगी। यह पहल किसानों को स्थानीय बाजारों से निकालकर बड़े और संगठित बाजारों तक पहुंचाने में मददगार सिद्ध होगी।
उत्तराखंड सरकार बागवानी और जैविक कृषि को लगातार प्रोत्साहन दे रही है। राज्य में सेब उत्पादन को लेकर विशेष योजनाएं चलाई जा रही हैं ताकि उत्तराखंड की भौगोलिक और जलवायु विशेषताओं का लाभ उठाकर इसे भारत के प्रमुख सेब उत्पादक राज्यों में शामिल किया जा सके।
मुख्यमंत्री धामी ने यह भी कहा कि राज्य सरकार सेब उत्पादक किसानों को तकनीकी प्रशिक्षण, पैदावार बढ़ाने के उपाय और उन्नत किस्मों को बढ़ावा देने की दिशा में भी कार्य कर रही है। इसके अतिरिक्त बागवानी क्षेत्र के समग्र विकास के लिए एक लंबी अवधि की नीति तैयार की गई है, जिसमें पैदावार, गुणवत्ता और विपणन तीनों पहलुओं को मजबूत किया जा रहा है।
एक किसान–केंद्रित दृष्टिकोण
सरकार की यह पहल न केवल आर्थिक दृष्टि से किसानों को मजबूत करेगी, बल्कि यह उन्हें बाजार की मांगों के अनुरूप तैयार करेगी। अच्छी पैकेजिंग और मानकीकरण के जरिए सेब उत्पादकों को पारदर्शी मूल्य निर्धारण, लॉजिस्टिक सहयोग और खुदरा श्रृंखला में बेहतर स्थिति हासिल करने में मदद मिलेगी।
उत्तराखंड के सेब अब केवल एक फल नहीं रहेंगे, बल्कि वे राज्य की पहचान, गुणवत्ता और ब्रांड का प्रतिनिधित्व करेंगे। सरकार के इस कदम से किसानों को अधिक लाभ मिलेगा और उत्तराखंड की बागवानी अर्थव्यवस्था को नई गति प्राप्त होगी।