Kashmiri Bodo Constitution: अमित शाह ने कश्मीरी और बोडो भाषाओं में संविधान की प्रति जारी करने की सराहना की
Kashmiri Bodo Constitution: अमित शाह ने कश्मीरी और बोडो भाषाओं में संविधान की प्रति जारी करने की सराहना की
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को कहा कि राष्ट्रपति द्वारा कश्मीरी और बोडो भाषाओं में संविधान की प्रति का लोकार्पण यह सुनिश्चित करेगा कि जिन क्षेत्रों में ये भाषाएं बोली जाती हैं, वहां के लोग संवैधानिक मूल्यों को आत्मसात करें और उन्हें राष्ट्रीय जीवन की आत्मा बनाएं।
सरकार ने 76वें संविधान दिवस के अवसर पर पहली बार कश्मीरी और बोडो भाषाओं में संविधान प्रकाशित किया है। जम्मू-कश्मीर और बोडोलैंड प्रादेशिक क्षेत्र के लोगों को उनकी भाषाओं में संविधान लागू होने पर बधाई देते हुए शाह ने सोशल मीडिया पर कहा, “कश्मीर से बोडोलैंड तक, हमारा संविधान और मजबूत होता जा रहा है।”
अमित शाह ने कहा, “संविधान दिवस पर भारत की माननीय राष्ट्रपति द्वारा स्थापित यह उपलब्धि सुनिश्चित करेगी कि इन क्षेत्रों के लोग संविधान के मूल्यों को आत्मसात करें और उन्हें हमारे राष्ट्रीय जीवन की आत्मा बनाएं।” उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने संविधान को जमीनी स्तर पर लागू करके इन क्षेत्रों में शांति और प्रगति के युग की शुरुआत की है।
शाह ने आगे कहा, “नए अनुवाद इन प्रयासों को नई गति देंगे।”
संविधान दिवस के अवसर पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने नौ भाषाओं—मलयालम, मराठी, नेपाली, पंजाबी, तेलुगु, ओडिया, असमिया, बोडो और कश्मीरी—में संविधान का डिजिटल संस्करण भी जारी किया।
संविधान सभा ने 26 नवंबर, 1949 को संविधान को अपनाया और यह 26 जनवरी, 1950 को लागू हुआ।