Ajit Hidko Success Story: PMEGP योजना से बदली हिड़को दंपति की किस्मत: मजदूरी से आत्मनिर्भरता तक की प्रेरणादायक यात्रा

Ajit Hidko Success Story: PMEGP योजना से बदली हिड़को दंपति की किस्मत: मजदूरी से आत्मनिर्भरता तक की प्रेरणादायक यात्रा
छत्तीसगढ़ के मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी जिले के ग्राम एकटकन्हार निवासी अजीत हिड़को और उनकी पत्नी उषा हिड़को ने प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (PMEGP) की सहायता से अपने जीवन की दिशा ही बदल दी। पहले यह दंपति दूसरों के खेतों में मजदूरी कर किसी तरह गुज़ारा करते थे, लेकिन सीमित आमदनी और कठिन जीवन के बावजूद उन्होंने हार नहीं मानी और आत्मनिर्भर बनने का सपना देखा।
हिड़को दंपति को PMEGP योजना के अंतर्गत 5 लाख रुपये का बैंक ऋण स्वीकृत हुआ, जिसमें से 35% राशि अनुदान के रूप में मिली। इस आर्थिक सहयोग के जरिए उन्होंने अपने गांव में ही मुर्गी पालन व्यवसाय की शुरुआत की। उनके पास संसाधनों की कमी थी, लेकिन इरादे मजबूत थे। उन्होंने अपने कच्चे मकान के एक कमरे से मात्र 100 देशी चूजों के साथ यह कार्य शुरू किया।
अजीत हिड़को ने व्यवसाय को तकनीकी रूप से बेहतर ढंग से संचालित करने के लिए दुर्ग अंजोरा स्थित कामधेनु विश्वविद्यालय, कृषि विज्ञान केंद्र और अन्य संबंधित संस्थाओं से प्रशिक्षण लिया। इस तकनीकी ज्ञान और निरंतर परिश्रम के बलबूते आज उनका कुक्कुट फार्म हर माह लगभग 1000 मुर्गियों का उत्पादन करता है। इससे उन्हें प्रतिमाह 20,000 से 40,000 रुपये तक की स्थिर आमदनी हो रही है।
इस उद्यम से न केवल अजीत हिड़को की आर्थिक स्थिति मजबूत हुई है, बल्कि पूरा परिवार अब एक खुशहाल जीवन जी रहा है। उषा हिड़को ने भी अपने पति के साथ हर कदम पर सहयोग किया। उन्होंने “बिहान” योजना से जुड़कर पशु सखी के रूप में काम करना शुरू किया, जिससे उनकी आय में और भी इज़ाफा हुआ। अब यह दंपति न केवल आत्मनिर्भर है, बल्कि गांव के अन्य लोगों के लिए प्रेरणा स्रोत भी बन चुका है।
जिला कलेक्टर तुलिका प्रजापति ने भी उनके कुक्कुट फार्म का दौरा कर उनके कार्यों की सराहना की। उन्होंने भरोसा दिलाया कि जिला प्रशासन की ओर से ऐसे प्रेरणादायक उद्यमियों को हर संभव सहायता दी जाएगी, जिससे ग्रामीण रोजगार और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा मिले।
हिड़को दंपति ने अपनी सफलता का श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को देते हुए उनके प्रति आभार जताया है। उन्होंने कहा कि यदि व्यक्ति के पास मेहनत, हौसला और मार्गदर्शन हो, तो वह किसी भी परिस्थिति में अपने लिए रास्ता बना सकता है।
यह कहानी न सिर्फ हिड़को परिवार की व्यक्तिगत सफलता है, बल्कि यह दिखाती है कि सरकारी योजनाएं जैसे PMEGP वास्तव में ग्रामीण क्षेत्रों के युवाओं और श्रमिकों को आत्मनिर्भर और सम्मानजनक जीवन की ओर अग्रसर कर रही हैं। हिड़को परिवार की यह यात्रा पूरे गांव और जिले के लिए प्रेरणा है कि किस तरह सरकारी समर्थन और व्यक्तिगत प्रयासों के माध्यम से बदलाव संभव है।