Pantnagar Kisan Mela: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पंतनगर विश्वविद्यालय में 118वें अखिल भारतीय किसान मेले एवं कृषि उद्योग प्रदर्शनी का किया उद्घाटन

Pantnagar Kisan Mela: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पंतनगर विश्वविद्यालय में 118वें अखिल भारतीय किसान मेले एवं कृषि उद्योग प्रदर्शनी का किया उद्घाटन
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गोविंद बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, पंतनगर में आयोजित 118वें अखिल भारतीय किसान मेले और कृषि उद्योग प्रदर्शनी का उद्घाटन किया। इस अवसर पर उन्होंने पंतनगर विश्वविद्यालय द्वारा विकसित नवीन दलहनी प्रजातियों का लोकार्पण किया और “पंतनगर प्रवाह” नामक पुस्तक का विमोचन किया। मुख्यमंत्री ने मेले में उपस्थित वैज्ञानिकों, किसानों और उद्योगपतियों से संवाद करते हुए कहा कि ऐसे आयोजन केवल कृषि उत्पादों और यंत्रों के प्रदर्शन का मंच नहीं हैं, बल्कि ये ज्ञान, नवाचार और अनुभव के आदान-प्रदान के लिए भी महत्वपूर्ण हैं।
मुख्यमंत्री ने बताया कि इस वर्ष के कृषि मेले में देशभर से 400 से अधिक स्टॉल लगाए गए हैं, जिनमें 200 से अधिक स्टार्टअप्स और कृषि आधारित उद्योग शामिल हैं। उन्होंने कहा कि इस तरह के आयोजन किसानों को नई तकनीक, उन्नत बीज, आधुनिक यंत्र और नवीनतम शोधों की जानकारी एक ही स्थान पर उपलब्ध कराते हैं। इससे किसान वैज्ञानिकों और विशेषज्ञों के अनुभवों से सीख लेकर अपनी खेती को और अधिक उत्पादक, टिकाऊ और लाभकारी बना सकते हैं।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश कृषि क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत देश के 11 करोड़ से अधिक किसानों को आर्थिक सहायता दी जा रही है, जिनमें उत्तराखंड के लगभग 9 लाख किसान भी शामिल हैं। किसानों को प्रति वर्ष 6 हजार रुपये की आर्थिक सहायता दी जा रही है। उन्होंने कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) में वृद्धि से किसानों को फसलों का उचित मूल्य मिल रहा है और प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना उन्हें प्राकृतिक आपदाओं और फसल हानि से सुरक्षा प्रदान कर रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना से किसानों को मिट्टी की गुणवत्ता और आवश्यक पोषक तत्वों की जानकारी मिल रही है, जिससे उपज की गुणवत्ता और भूमि की उर्वरता दोनों में सुधार हुआ है। इसके साथ ही किसान मानधन योजना, मिलेट मिशन, बागवानी विकास मिशन, डिजिटल कृषि मिशन और बूंद-बूंद सिंचाई योजना जैसी अनेक योजनाएं किसानों की आय बढ़ाने में सहायक सिद्ध हो रही हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने किसान क्रेडिट कार्ड की सीमा तीन लाख रुपये से बढ़ाकर पाँच लाख रुपये कर दी है, जिससे किसानों को आर्थिक रूप से अधिक सुविधा मिल सकेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में किसानों को तीन लाख रुपये तक का ब्याज-मुक्त ऋण दिया जा रहा है और फार्म मशीनरी बैंक योजना के तहत कृषि उपकरणों पर 80 प्रतिशत तक की सब्सिडी दी जा रही है। नहरों से सिंचाई पूरी तरह मुफ्त कर दी गई है और पॉलीहाउस निर्माण के लिए 200 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। उन्होंने बताया कि अब तक 115 करोड़ रुपये की सहायता से 350 पॉलीहाउस स्थापित किए जा चुके हैं। किसानों को गेहूं पर 20 रुपये प्रति क्विंटल बोनस और गन्ने के रेट में 20 रुपये प्रति क्विंटल की वृद्धि दी गई है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य में वर्षा आधारित खेती को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए 1000 करोड़ रुपये की लागत से ‘उत्तराखंड क्लाइमेट रिस्पॉन्सिव रेन-फेड फार्मिंग प्रोजेक्ट’ स्वीकृत किया गया है। उन्होंने कहा कि सरकार सेब, कीवी, मिलेट और ड्रैगन फ्रूट जैसी फसलों की खेती को प्रोत्साहन देने के लिए नई नीतियां लागू कर रही है। इन योजनाओं के तहत किसानों को 80 प्रतिशत तक सब्सिडी दी जा रही है, जिससे राज्य की बागवानी क्षेत्र को नई दिशा मिलेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज कृषि वैज्ञानिकों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने वैज्ञानिकों से आग्रह किया कि वे पारंपरिक कृषि पद्धतियों पर अनुसंधान करें और अपने ज्ञान को तेजी से किसानों तक पहुँचाएँ ताकि उनकी आय और उत्पादन दोनों में वृद्धि हो सके। उन्होंने कहा कि कृषि अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाना राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश की सरकार किसानों की प्रगति के साथ-साथ समाजिक सुधारों के लिए भी दृढ़ संकल्पित है। उन्होंने समान नागरिक संहिता (UCC) और नकल विरोधी कानून को लागू करने के लिए राज्य सरकार की पहल को ऐतिहासिक कदम बताया। उन्होंने कहा कि समान नागरिक संहिता का उद्देश्य सभी नागरिकों को समान अधिकार और न्याय दिलाना है। यह किसी धर्म या पंथ के खिलाफ नहीं, बल्कि समाज में समानता और समरसता स्थापित करने का संवैधानिक प्रयास है। उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता के बाद लंबे समय तक राजनीतिक स्वार्थों के कारण UCC लागू नहीं हो सका, लेकिन उत्तराखंड ने इसे लागू कर देश के लिए उदाहरण प्रस्तुत किया है।
कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. मनमोहन सिंह चौहान ने मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त करते हुए बताया कि विश्वविद्यालय अनुसंधान और विकास के क्षेत्र में लगातार प्रगति कर रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य में प्रति व्यक्ति आय बढ़कर 2 लाख 61 हजार रुपये हो गई है, जो 26 प्रतिशत की विकास दर पर है। इस वर्ष के किसान मेले में 507 स्टॉल लगाए गए हैं और अब तक लगभग 20 हजार किसान इसमें भाग ले चुके हैं।
इस अवसर पर विधायक शिव अरोरा, त्रिलोक सिंह चीमा, सुरेश गाड़िया, पूर्व विधायक राजेश शुक्ला, जिलाधिकारी नितिन सिंह भदौरिया, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मणिकांत मिश्रा सहित कई अधिकारी और किसान उपस्थित रहे। मुख्यमंत्री ने सभी प्रतिभागियों को कृषि में नवाचार और आत्मनिर्भरता की दिशा में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया।