SARRA Uttarakhand: उत्तराखण्ड में जल संरक्षण और नदी पुनर्जीवन के लिए आठ नई योजनाओं को मिली स्वीकृति

SARRA Uttarakhand: उत्तराखण्ड में जल संरक्षण और नदी पुनर्जीवन के लिए आठ नई योजनाओं को मिली स्वीकृति
सचिवालय के वीर चंद्र सिंह गढ़वाली सभागार में आज सचिव जलागम एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी, स्प्रिंग एंड रिवर रिजुविनेशन अथॉरिटी (SARRA) दिलीप जावलकर की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय कार्यकारी समिति (SLEC) की बैठक आयोजित हुई। बैठक में राज्यभर में चल रहे जल संरक्षण और नदी पुनर्जीवन से संबंधित कार्यों की समीक्षा की गई और आठ नई कार्ययोजनाओं को स्वीकृति प्रदान की गई, जिनकी कुल लागत 2,468.55 लाख रुपये है। इनमें से 1,861.16 लाख रुपये SARRA द्वारा आवंटित किए जाएंगे।
दिलीप जावलकर ने सभी जनपदों को “वन डिस्ट्रिक्ट, वन रिवर” की अवधारणा पर आधारित कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जनपदीय स्तर पर SARRA समितियों की बैठकें आयोजित कर प्रस्तावों को आगामी राज्य स्तरीय बैठक में प्रस्तुत किया जाए। इसके साथ ही उन्होंने स्थानीय समुदायों की भागीदारी सुनिश्चित करने और ग्राम पंचायत स्तर पर धारा-नौला संरक्षण समितियों का शीघ्र गठन करने के निर्देश दिए, जो स्थानीय स्तर पर निगरानी का कार्य करेंगी। इन समितियों को वित्तीय और तकनीकी सहायता SARRA द्वारा प्रदान की जाएगी।
सचिव ने पारंपरिक धारों और नौलों की ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण और पुनर्जीवीकरण पर विशेष बल दिया। उन्होंने स्थानीय स्तर पर रोजगार सृजन हेतु पैराहाइड्रोलॉजिस्टों की तैनाती करने और सभी कार्यक्षेत्रों में जल संरक्षण हेतु ईको-फ्रेंडली संरचनाएँ विकसित करने के निर्देश दिए। उन्होंने यह भी कहा कि संबंधित विभागों, शैक्षणिक और तकनीकी संस्थानों, जनप्रतिनिधियों और स्थानीय जनता को क्षमता विकास एवं कार्यशालाओं के माध्यम से जोड़ना आवश्यक है। इसके अलावा, विभिन्न कार्ययोजनाओं के अंतर्गत निर्मित RCC चेक डैमों की वर्षा काल के बाद स्थिति का मूल्यांकन भी किया जाएगा।
बैठक में अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी कहकशां नसीम ने एक करोड़ से अधिक लागत वाली आठ कार्ययोजनाओं का विस्तृत प्रस्तुतीकरण दिया, जिनमें पौड़ी की तीन, नैनीताल की दो, चंपावत की एक और पिथौरागढ़ की दो योजनाएँ शामिल हैं।
इस अवसर पर संयुक्त निदेशक डॉ. ए.के. डिमरी, परियोजना निदेशक कुमाऊं डॉ. एस.के. उपाध्याय, परियोजना निदेशक गढ़वाल डॉ. एन.एस. बर्फाल, NIH, IIT रुड़की, केंद्रीय भूजल बोर्ड, विभिन्न जनपदों से मुख्य विकास अधिकारी, प्रभागीय वनाधिकारी, सिंचाई, लघु सिंचाई, कृषि, ग्राम विकास विभागों के अधिकारी और विभिन्न एनजीओ के प्रतिनिधि ऑनलाइन माध्यम से जुड़े। SARRA की राज्य स्तरीय टीम भी बैठक में उपस्थित रही।