Ek Ped Maa Ke Naam: 7 साल के गोलू पुरी का “एक पेड़ माँ के नाम” अभियान, छोटे कदम, बड़ी सोच

Ek Ped Maa Ke Naam: 7 साल के गोलू पुरी का “एक पेड़ माँ के नाम” अभियान, छोटे कदम, बड़ी सोच
उत्तराखंड के बागेश्वर का रहने वाला 7 साल का गोलू पुरी हर किसी के लिए प्रेरणा बन गया है। इतनी छोटी उम्र में उसने “एक पेड़ माँ के नाम” अभियान शुरू किया, जो प्रकृति के प्रति उसके अटूट प्रेम और समर्पण को दर्शाता है।
गोलू का यह अभियान केवल पेड़ लगाने तक सीमित नहीं है। वह हर दिन एक नया पेड़ लगाता है, उनकी देखभाल करता है और समय-समय पर उन्हें पानी देता है, जैसे वे उसके अपने परिवार का हिस्सा हों। कक्षा एक का छात्र होने के बावजूद गोलू का यह समर्पण बड़े-बड़ों के लिए भी प्रेरक है।
“एक पेड़ माँ के नाम” गोलू के हृदय की गहराई से निकला संदेश है — धरती के हर पेड़ में माँ जैसी ममता बसती है। घर के कामों में मदद करना, पढ़ाई में मेहनत करना और पर्यावरण की रक्षा करना — इस संतुलन को निभाना किसी भी उम्र में आसान नहीं होता। गोलू ने यह साबित कर दिया कि छोटा कद मायने नहीं रखता, बड़ी सोच ही असली पहचान होती है।
गोलू जैसे नन्हे पर्यावरण योद्धा हर पेड़ में अपनी माँ का अंश देखते हैं और धरती को हरियाली की चादर ओढ़ाने में लगे हैं। “माँ के नाम एक पेड़ — धरती के नाम एक उम्मीद। नन्हे हाथों से उगती हरियाली की नींव।”