UP Women Empowerment: योगी सरकार की योजना से यूपी की महिलाओं ने दिखाया अद्भुत आत्मनिर्भरता का जज़्बा

UP Women Empowerment: योगी सरकार की योजना से यूपी की महिलाओं ने दिखाया अद्भुत आत्मनिर्भरता का जज़्बा
उत्तर प्रदेश ने हाल के वर्षों में महिलाओं की आत्मनिर्भरता और उद्यमशीलता के क्षेत्र में नई पहचान बनाई है। कभी ‘जंगलराज’ और अपराध के लिए बदनाम यह राज्य अब महिलाओं की शक्ति और उनके आर्थिक योगदान का प्रतीक बन गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं और सतत सहयोग ने राज्य की महिलाओं को अपने हुनर को निखारने और आत्मनिर्भर बनने का अवसर प्रदान किया है। इस बदलाव का जीवंत उदाहरण ग्रेटर नोएडा में आयोजित पांच दिवसीय यूपी इंटरनेशनल ट्रेड शो में देखने को मिला।
ट्रेड शो के हॉल नंबर आठ और नौ में स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी महिलाओं ने अपने उत्पादों को प्रदर्शित किया। महिलाओं ने न केवल अपने उत्पादों की शानदार बिक्री की, बल्कि बड़े-बड़े संस्थानों और कंपनियों से भारी मात्रा में ऑर्डर भी हासिल किए। गौतमबुद्ध नगर की जय माता दी स्वयं सहायता समूह की ममता भारद्वाज ने बताया कि उनके समूह से 12 अलग-अलग महिला समूह जुड़े हैं। समूह खाद्य पदार्थ, मसाले, मोटे अनाज, सजावटी सामान और अन्य उत्पाद बनाता है। उन्होंने कहा कि ग्रेटर नोएडा की कई आवासीय कालोनियों में उनके उत्पाद पहले ही बिकते थे, लेकिन ट्रेड शो में पहली बार भाग लेने से उन्हें बड़े पैमाने पर बिक्री और ऑर्डर प्राप्त हुए। कई मेस और कैंटीन ने उनके उत्पादों के लिए ग्रोसरी ऑर्डर दिए।
हॉल नंबर नौ में जौनपुर के चौरा माता और शिव शक्ति स्वयं सहायता समूह के संयुक्त स्टॉल ने भी शानदार प्रदर्शन किया। चौरा माता समूह की सुषमा सिंह ने बताया कि उनके साबुन और फिनायल उत्पादों के बड़े ऑर्डर मिले। वहीं, शिव शक्ति समूह की अनीता चौहान ने कहा कि उनके समूह का सरसों का तेल, आटा और बेसन उत्पादों को दिल्ली, नोएडा और बरेली जैसी जगहों से प्रतिदिन 10-10 टन के ऑर्डर मिले।
चित्रकूट की शालू सिंह ने ट्रेड शो में अपने लकड़ी के खिलौनों के स्टॉल के अनुभव साझा करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में सरकार द्वारा चलाए जा रहे अभियान ने उनके समूह को बहुत फायदा पहुंचाया। अकेले ट्रेड शो में ही प्रतिदिन 50 हजार रुपये की बिक्री हुई। उन्होंने कहा कि ऐसे प्लेटफॉर्म स्वयं सहायता समूहों को अपने उत्पाद दुनिया के सामने रखने का अवसर प्रदान करते हैं।
देवरिया के मोहन स्वयं सहायता समूह की किरण शर्मा ने बताया कि ट्रेड शो में उनकी 40 महिलाओं की टीम के मूंज से बने रोटी बॉक्स, चिड़िया घोंसला, गिफ्ट बॉक्स और टोपी जैसे उत्पादों की बिक्री हुई और सभी उत्पाद बिक गए। उन्होंने कहा कि यह देखकर बहुत अच्छा लगा कि मूंज के उत्पाद अब घरों में प्रवेश कर रहे हैं।
ललितपुर की नारी शक्ति स्वयं सहायता समूह की महिलाएं गाय के गोबर से बने उत्पाद बनाती हैं, जिनमें धार्मिक अनुष्ठानों और दैनिक उपयोग के सामान शामिल हैं। ट्रेड शो में पहली बार भाग ले रही लीला देवी ने कहा कि उनके उत्पादों—घड़ी, मटकी, झूमर और वॉल हैंगिंग—को दर्शकों ने खूब पसंद किया। पांचवें दिन तक 15 प्रमुख कंपनियों ने उनकी रुचि दिखाई और 6 प्रतिष्ठित संगठनों ने उन्हें वर्कशॉप के लिए आमंत्रित किया।
हाथरस के माता स्वयं सहायता समूह की सरस्वती उपाध्याय ने बताया कि उनके समूह की महिलाएं हींग से जुड़े उत्पाद बनाती हैं। उन्होंने ट्रेड शो में पहली बार भाग लिया और उन्हें ऑर्डर भी मिले। सरस्वती ने योगी सरकार से अनुरोध किया कि भविष्य में दिल्ली और देश के अन्य हिस्सों में होने वाले ट्रेड शो में स्वयं सहायता समूह की भागीदारी सुनिश्चित की जाए।
उत्तर प्रदेश में योगी सरकार की नीतियां और महिलाओं को समर्थन देने वाली योजनाएं अब प्रदेश की आधी आबादी के लिए आत्मनिर्भरता का मार्ग प्रशस्त कर रही हैं। ट्रेड शो जैसे प्लेटफॉर्म ने यह साबित कर दिया है कि अगर महिलाओं को अवसर और मार्गदर्शन मिले, तो वे किसी भी क्षेत्र में सफलता की नई मिसाल कायम कर सकती हैं।