Jharkhand Pavilion: वर्ल्ड फूड इंडिया 2025 में झारखंड पवेलियन में प्राकृतिक उत्पादों का जलवा

Jharkhand Pavilion: वर्ल्ड फूड इंडिया 2025 में झारखंड पवेलियन में प्राकृतिक उत्पादों का जलवा
नई दिल्ली: दिल्ली के भारत मंडपम में आयोजित वर्ल्ड फूड इंडिया 2025 में झारखंड पवेलियन ने इस बार अपनी प्राकृतिक समृद्धि और पारंपरिक खाद्य उत्पादों से आगंतुकों का ध्यान आकर्षित किया। इस एक्सपो में झारखंड सरकार के उद्योग विभाग द्वारा स्थापित पवेलियन में राज्य के विविध खाद्य उत्पादों की प्रदर्शनी के साथ-साथ बिक्री भी की जा रही है।
झारखंड अपने प्राकृतिक संसाधनों और आदिवासी संस्कृति के लिए जाना जाता है। यहां के उत्पाद प्राकृतिक और स्वास्थ्यवर्धक होते हैं। आदिवासी समुदाय मेहनती और सरल जीवनशैली वाले हैं, और कई संस्थाएं उनके उत्पादों को प्रोसेस करके उन्हें व्यावसायिक रूप दे रही हैं, जिससे किसानों की आमदनी और सशक्तिकरण दोनों सुनिश्चित हो रहा है।
पवेलियन में रागी के लड्डू, नमकीन, महुआ, बांस की करेल का अचार और मशरूम से बने अचार, जेली, चॉकलेट जैसे उत्पादों की बिक्री और आकर्षण सबसे अधिक रहा। रागी के उत्पादन में लगभग 26,000 किसान शामिल हैं, जिनसे संग्रहित रागी को प्रोसेस कर झारखंड के विभिन्न हिस्सों में और देशभर में ऑनलाइन माध्यम से वितरित किया जा रहा है।
इसके अलावा प्राकृतिक उत्पादों जैसे कटहल, फुटहल, ओल, महुआ, बांस के करेल, इमली और संघान के अचार भी आगंतुकों को बेहद लुभा रहे हैं। आधुनिक जीवनशैली और स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता के कारण ऑर्गेनिक और प्राकृतिक उत्पादों की मांग में वृद्धि हो रही है। इसी के चलते महुआ, रागी, जामुन का पावडर और सिरका जैसे उत्पादों की बिक्री भी तेजी से बढ़ रही है।
इस तरह झारखंड का पवेलियन न केवल राज्य के किसानों को आर्थिक रूप से सशक्त बना रहा है, बल्कि प्राकृतिक और स्वास्थ्यवर्धक उत्पादों के माध्यम से आदिवासी और ग्रामीण जीवनशैली को भी देश और दुनिया के सामने प्रस्तुत कर रहा है।