• October 14, 2025

Uttarakhand Revenue: उत्तराखंड में मुख्य सचिव ने राजस्व वादों की समीक्षा बैठक की

 Uttarakhand Revenue: उत्तराखंड में मुख्य सचिव ने राजस्व वादों की समीक्षा बैठक की
Sharing Is Caring:

Uttarakhand Revenue: उत्तराखंड में मुख्य सचिव ने राजस्व वादों की समीक्षा बैठक की

उत्तराखंड के मुख्य सचिव एवं अध्यक्ष राजस्व परिषद आनन्द बर्द्धन ने शनिवार को राजस्व परिषद सभागार में जिलाधिकारियों के साथ राजस्व वादों की समीक्षा बैठक की। बैठक में उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए कि धारा 34 और 143 से संबंधित एक वर्ष से अधिक समय से लंबित वादों का निपटारा अगले तीन माह के भीतर सुनिश्चित किया जाए।

मुख्य सचिव ने कहा कि इन वादों में किसी भी प्रकार की अनियमितता सहन नहीं की जाएगी और जिन मामलों में गम्भीर त्रुटियां पाई जाएं, वहां तत्काल विभागीय कार्रवाई की जाए। उन्होंने विशेष रूप से विकासनगर तहसील को वादों के निस्तारण में धीमी गति के लिए कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश दिए।

उन्होंने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिए कि पूरे राज्य में ऑनलाइन म्यूटेशन प्रक्रिया जल्द से जल्द लागू की जाए। इसके लिए आरसीएमएस पोर्टल को पूर्ण रूप से संचालित किया जाएगा, जिससे रजिस्ट्री होने के तुरंत बाद म्यूटेशन प्रक्रिया पूरी हो सके। साथ ही तहसील मुख्यालयों और एसडीएम कार्यालयों में ई-ऑफिस भी शीघ्र लागू किया जाए। जहां नेटवर्क या हार्डवेयर की कमी है, वहां इसे तत्काल उपलब्ध कराया जाए।

555618880 1104319901871040 755442343499804624 n

मुख्य सचिव ने जनपदों में स्थानांतरण होने के बावजूद कार्यमुक्ति नहीं दिए जाने पर नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने निर्देश दिए कि बैठक समाप्त होने के तुरंत बाद सभी स्थानांतरित कार्मिकों को कार्यमुक्त किया जाए और संबंधित प्रमाण पत्र आज शाम तक उपलब्ध कराया जाए।

राजस्व वसूली से संबंधित समितियों की बैठकें नियमित रूप से आयोजित करने और दोनों मण्डलों के आयुक्तों को मासिक बैठकों में राजस्व वादों एवं वसूली की समीक्षा करने के निर्देश भी दिए गए। रेवेन्यू रियलाईजेशन कमेटी, वन, वाणिज्य, रजिस्ट्रेशन और आरसीएस से संबंधित बैठकों को नियमित रूप से आयोजित करने पर भी जोर दिया गया।

मुख्य सचिव ने आपदा से क्षतिग्रस्त पटवारी चौकियों और तहसील भवनों का आंकलन शीघ्र भेजने की आवश्यकता बताई। उन्होंने कहा कि प्रमोशन के लिए पात्र कार्मिकों की प्रक्रिया जल्द पूरी की जाए, ताकि पटवारी, कानूनगो और नायब तहसीलदार जैसे पदों को भरकर वादों के निस्तारण में तेजी लाई जा सके।

साथ ही उन्होंने जिलाधिकारियों को निर्देश दिए कि सेवा का अधिकार के अंतर्गत निर्गत प्रमाणपत्रों की समय सीमा संबंधित कार्यालयों में अनिवार्य रूप से चस्पा की जाए, ताकि आवेदकों को उनके प्रमाणपत्र कब तक उपलब्ध होंगे, इसकी स्पष्ट जानकारी मिल सके।

Sharing Is Caring:

Admin

https://nirmanshalatimes.com/

A short bio about the author can be here....

Related post

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *