Uttarakhand Disaster Relief: उत्तराखंड में आपदा प्रभावित क्षेत्रों में राहत और पुनर्निर्माण कार्य तेज़ करने के लिए CM धामी का सख्त निर्देश

Uttarakhand Disaster Relief: उत्तराखंड में आपदा प्रभावित क्षेत्रों में राहत और पुनर्निर्माण कार्य तेज़ करने के लिए CM धामी का सख्त निर्देश
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने काठगोदाम और हल्द्वानी में उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक के दौरान आपदा प्रभावित क्षेत्रों में राहत और पुनर्निर्माण कार्यों में तेजी लाने के लिए अधिकारियों को कड़े निर्देश दिए। बैठक में राज्य के विभिन्न जनपदों में हाल ही में हुई असामान्य वर्षा और भूस्खलन से हुए नुकसान की व्यापक जानकारी दी गई। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट कहा कि आपदा से हुई हानि को नजरअंदाज नहीं किया जाएगा और प्रभावित जनता को त्वरित राहत उपलब्ध कराना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है।
बैठक के दौरान मंडलायुक्त और जिलाधिकारी ने मुख्यमंत्री को नैनीताल, बागेश्वर और आसपास के क्षेत्रों में हुई क्षति की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि नैनीताल की लोअर मॉल रोड धंस गई है, बागेश्वर में पुल क्षतिग्रस्त हुए हैं, रानीबाग पावर हाउस में समस्या उत्पन्न हुई है और ओखलकांडा तथा धारी ब्लॉक मार्गों पर अवरोध बने हुए हैं। साथ ही, राष्ट्रीय राजमार्गों पर भूस्खलन की स्थिति गंभीर बनी हुई है। जिलाधिकारी ने बताया कि नैनीताल जिले में अब तक हुई कुल क्षति का आंकलन लगभग 443 करोड़ रुपये किया गया है, जो भारत सरकार की आपदा विश्लेषण टीम को भी प्रस्तुत किया गया है। उन्होंने जिला स्तर पर किए गए राहत और बचाव कार्यों तथा आपदा न्यूनीकरण प्रयासों की जानकारी भी प्रस्तुत की।
मुख्यमंत्री ने बैठक में अधिकारियों को निर्देश दिए कि हर विभाग और अधिकारी अपनी जिम्मेदारी तय करे। उन्होंने स्पष्ट कहा, “जिम्मेदारी तय होगी और लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।” उन्होंने एक माह के भीतर सड़कों का पैचवर्क पूरा करने, जल निकायों से अतिक्रमण हटाने और उनके संरक्षण के लिए ठोस कार्रवाई करने के निर्देश दिए। लालकुआं, बिंदुखत्ता, गोला नदी, नंधौर नदी और कोसी नदी से हो रही क्षति के स्थायी समाधान के लिए डीपीआर तैयार की जा रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार के संसाधनों का उपयोग कर आपदा प्रभावित क्षेत्रों में पुनर्निर्माण कार्य तेजी से सुनिश्चित किया जाएगा।
बैठक में मुख्यमंत्री ने सिंचाई विभाग के मुख्य अभियंता को जलाशयों में de-silting कार्य की ठोस योजना बनाने और समयबद्ध कार्ययोजना प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग को भी आदेशित किया कि जलभराव से उत्पन्न जलजनित रोगों की आशंका को ध्यान में रखते हुए व्यापक तैयारी की जाए और चिकित्सा केंद्रों में आवश्यक सुविधाएँ सुनिश्चित की जाएँ। साथ ही, स्थान-स्थान पर स्वास्थ्य शिविर लगाकर प्रभावित जनता को तुरंत सहायता उपलब्ध कराई जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राहत और पुनर्निर्माण कार्यों में प्रशासन और जनप्रतिनिधियों की साझा भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि जन समस्याओं के समाधान के लिए नियमित रूप से जन निवारण शिविर और बहुउद्देशीय शिविर आयोजित किए जाएँ और जनता मिलन कार्यक्रम लगातार संचालित किए जाएँ। उन्होंने यह भी कहा कि उभरती समस्याओं और लंबित मुद्दों, जैसे UPNL कर्मियों के वेतन का मामला, का त्वरित समाधान किया जाए।
बैठक में उपस्थित नेताओं और अधिकारियों में जिला पंचायत अध्यक्ष दीपा दरमवाल, भाजपा जिलाध्यक्ष प्रताप बिष्ट, कालाढूंगी विधायक बंशीधर भगत, लालकुआं विधायक डॉ. मोहन सिंह बिष्ट, रामनगर विधायक दीवान सिंह बिष्ट, भीमताल विधायक राम सिंह केड़ा, रानीखेत विधायक प्रमोद नैनवाल, दायित्वधारी डॉ. अनिल डब्बू, दीपक महरा, शंकर कोरंगा और सभी मंडलीय अधिकारी शामिल थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार आपदा से प्रभावित लोगों के साथ खड़ी है और राहत व पुनर्निर्माण कार्यों को प्राथमिकता के साथ अंजाम देने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं।
उत्तराखंड में इस बार की असामान्य वर्षा और भूस्खलन के कारण प्रभावित क्षेत्रों में व्यापक नुकसान हुआ है। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि सड़कें, पुल, जल निकाय और आवासीय क्षेत्र सभी स्तरों पर पुनर्निर्माण कार्य समयबद्ध तरीके से सुनिश्चित किए जाएँ। उन्होंने भरोसा दिलाया कि एक माह के भीतर सड़कों और पुलों के पैचवर्क तथा जल निकायों से अतिक्रमण हटाने के कार्य पूरे किए जाएंगे और प्रभावित जनता को शीघ्र राहत मिलेगी।
इस बैठक के माध्यम से मुख्यमंत्री ने यह स्पष्ट संदेश दिया कि आपदा से हुए नुकसान को नजरअंदाज नहीं किया जाएगा, सभी विभाग जिम्मेदारी के साथ काम करेंगे, और पुनर्निर्माण कार्यों में किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। राज्य सरकार का पूरा ध्यान प्रभावित जनता की सुरक्षा, राहत और पुनर्निर्माण पर केंद्रित है।