Uttarakhand : उत्तराखंड ने हासिल की ऐतिहासिक उपलब्धि, 42 हजार सोलर रूफटॉप संयंत्र स्थापित
 
            
      Uttarakhand : उत्तराखंड ने हासिल की ऐतिहासिक उपलब्धि, 42 हजार सोलर रूफटॉप संयंत्र स्थापित
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हर घर को स्वच्छ और सस्ती ऊर्जा से जोड़ने के संकल्प को साकार करते हुए उत्तराखंड पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (यूपीसीएल) ने अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में बड़ी उपलब्धि दर्ज की है। ऊर्जा मंत्रालय, भारत सरकार ने यूपीसीएल को मार्च 2027 तक 40,000 सोलर रूफटॉप संयंत्र स्थापित करने का लक्ष्य दिया था, लेकिन यूपीसीएल ने अपने अथक प्रयासों और उपभोक्ताओं के सहयोग से यह लक्ष्य समय से लगभग डेढ़ वर्ष पहले ही अगस्त 2025 में पूरा कर लिया। इससे भी आगे बढ़ते हुए अब तक प्रदेशभर में 42,000 से अधिक सोलर रूफटॉप संयंत्र सफलतापूर्वक स्थापित किए जा चुके हैं, जिनकी कुल उत्पादन क्षमता लगभग 156 मेगावाट है। इस उपलब्धि ने उत्तराखंड को हरित ऊर्जा उत्पादन और ऊर्जा आत्मनिर्भरता के क्षेत्र में देश के अग्रणी राज्यों में शामिल कर दिया है। इस अभियान के नोडल अधिकारी यूपीसीएल के मुख्य अभियंता आशीष अरोड़ा थे।
यूपीसीएल के प्रबंध निदेशक अनिल कुमार ने कहा कि यह ऐतिहासिक सफलता मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के प्रेरणादायी नेतृत्व और प्रमुख सचिव (ऊर्जा) के सतत मार्गदर्शन का परिणाम है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री की महत्वाकांक्षी योजना ‘पीएम सूर्य-घर मुफ्त बिजली’ को प्रदेश के घर-घर तक पहुंचाना हमारे लिए गर्व का विषय है। जिस लक्ष्य को 2027 में पूरा करना था, उसे हमने अगस्त 2025 में ही हासिल कर लिया। यह यूपीसीएल परिवार की प्रतिबद्धता और उपभोक्ताओं के विश्वास का प्रमाण है। उन्होंने कहा कि भविष्य में भी इसी उत्साह के साथ उत्तराखंड को हरित ऊर्जा के क्षेत्र में नई ऊंचाइयों पर ले जाया जाएगा।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन के अंतर्गत उत्तराखंड ने जिस तरह डेढ़ वर्ष पहले ही लक्ष्य हासिल कर लिया है, वह पूरे राज्य के लिए गर्व का विषय है। यह उपलब्धि दर्शाती है कि उत्तराखंड तेजी से स्वच्छ ऊर्जा की दिशा में आगे बढ़ रहा है और आने वाले समय में ऊर्जा आत्मनिर्भरता और पर्यावरण संरक्षण में अग्रणी राज्य बनेगा। उन्होंने यूपीसीएल परिवार, ऊर्जा विभाग और प्रदेशवासियों को इस उपलब्धि पर बधाई दी और कहा कि राज्य सरकार हर संभव सहयोग कर यह सुनिश्चित करेगी कि उत्तराखंड हरित ऊर्जा के क्षेत्र में देश को नई दिशा प्रदान कर सके।
 
                      
                     