Uttarakhand Poultry Scheme: उत्तराखंड सरकार का युवा रोजगार योजना में बड़ा कदम, मुर्गीपालन को बढ़ावा

Uttarakhand Poultry Scheme: उत्तराखंड सरकार का युवा रोजगार योजना में बड़ा कदम, मुर्गीपालन को बढ़ावा
उत्तराखंड के पहाड़ी युवा अब अपना खुद का बिजनेस शुरू करने के लिए मुर्गीपालन को एक आकर्षक विकल्प के रूप में अपना सकते हैं। राज्य सरकार इस क्षेत्र में रोजगार और व्यवसाय की संभावनाओं को बढ़ाने के लिए कई अहम कदम उठा रही है। सचिवालय में हुई कैबिनेट बैठक में कुक्कुट पालन से जुड़े एक योजना को मंजूरी दी गई है, जिसके तहत मुर्गीपालन करने वाले लोगों को कुक्कुट आहार पर सब्सिडी प्रदान की जाएगी। इससे पहले बैकयार्ड कुक्कुट पालन योजना के तहत भी विभाग ने सब्सिडी देने का काम शुरू कर रखा था।
उत्तराखंड में हर साल पोल्ट्री उत्पादों की भारी कमी रहती है। राज्य में 15,444 लाख अंडों और 395 लाख किलोग्राम पोल्ट्री मीट की मांग पूरी नहीं हो पाती। ऐसे में पोल्ट्री फार्म में बिजनेस शुरू करना युवाओं के लिए एक सुनहरा अवसर बन सकता है। इसी साल मई में सरकार ने उत्तराखंड की पहली कुक्कुट विकास नीति को मंजूरी दी थी, जिसके तहत अगले पांच सालों में 85 करोड़ रुपये निवेश का लक्ष्य रखा गया है। इस नीति का उद्देश्य राज्य में कुक्कुट पालन को व्यवस्थित करना और युवाओं को रोजगार के नए अवसर प्रदान करना है।
सरकार ने पहाड़ी जिलों में कुक्कुट फीड पर प्रति किलो 10 रुपये की सब्सिडी भी घोषित की है, जिससे मुर्गियों के चारे की अधिक लागत की समस्या को कम किया जा सके। इसके अलावा “पोल्ट्री वैली योजना” के तहत सहकारी समितियां (MPACS) ग्रामीण क्षेत्रों में युवाओं को पोल्ट्री शेड और चूजों के पालन-पोषण के लिए ब्याज मुक्त ऋण उपलब्ध कराती हैं। इससे छोटे और मध्यम स्तर के पोल्ट्री फार्म स्थापित करना और संचालन करना आसान होगा।
बैकयार्ड कुक्कुट पालन योजना के तहत पहले केवल अनुसूचित जाति और जनजाति के लोगों को ही योजना का लाभ मिलता था, लेकिन अब बीपीएल कार्ड धारक भी इस योजना का लाभ उठा सकते हैं। इस योजना के तहत 50 मुर्गी के चूजे, उनका चारा और आवश्यक दवाइयां पशुपालन विभाग द्वारा उपलब्ध कराई जाती हैं। यह पहल खासकर ग्रामीण और पहाड़ी क्षेत्रों के युवाओं को स्वरोजगार के अवसर देने में मदद करेगी।
सरकार की यह पहल न केवल मुर्गीपालन के व्यवसाय को बढ़ावा देगी, बल्कि स्थानीय आर्थिक विकास और रोजगार सृजन में भी अहम योगदान देगी। युवा इस क्षेत्र में छोटे स्तर से शुरुआत करके भविष्य में बड़े पोल्ट्री फार्म तक का व्यवसाय विकसित कर सकते हैं।