Uttarakhand Disaster: उत्तराखण्ड में आपदा से हुई तबाही का आकलन करेगी केंद्र सरकार की टीम

Uttarakhand Disaster: उत्तराखण्ड में आपदा से हुई तबाही का आकलन करेगी केंद्र सरकार की टीम
उत्तराखण्ड में इस वर्ष मानसून सीजन में हुई भारी तबाही के मद्देनजर केंद्र सरकार की अंतर मंत्रालयीय टीम सोमवार को राज्य के दौरे पर आ रही है। आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास सचिव विनोद कुमार सुमन ने जानकारी दी कि यह टीम आपदा प्रभावित जिलों का स्थल निरीक्षण करेगी और शासन स्तर पर बैठक कर वस्तुस्थिति से अवगत कराएगी। इस दौरे का मुख्य उद्देश्य राज्य को हुई वास्तविक क्षति का आकलन करना और आगे मिलने वाली आर्थिक सहायता के लिए आधार तैयार करना है।
सचिव आपदा प्रबंधन ने बताया कि जल्द ही पोस्ट डिजास्टर नीड एसेसमेंट (PDNA) प्रक्रिया शुरू की जाएगी। यह आकलन केंद्र सरकार से मिलने वाली विशेष सहायता राशि तय करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा और राज्य के पुनर्निर्माण एवं पुनर्प्राप्ति कार्यों को गति प्रदान करेगा। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) के विभागाध्यक्ष राजेंद्र सिंह और सचिव मनीष भारद्वाज ने उत्तराखण्ड को हर संभव आर्थिक सहयोग देने का भरोसा दिलाया है।
उन्होंने बताया कि इस वर्ष अब तक राज्य में 574 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई है, जो पिछले कई वर्षों की तुलना में सर्वाधिक है। इस अत्यधिक वर्षा के कारण जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। सड़कों, पुलों, भवनों, जलापूर्ति और अन्य अवस्थापना संरचनाओं को व्यापक क्षति पहुँची है।
नई दिल्ली से लौटने के बाद सचिव ने राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र (USDMA) में पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि केंद्रीय टीम उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, चमोली, पौड़ी, बागेश्वर और नैनीताल जिलों का दौरा करेगी। इन जिलों में वर्षा और आपदा से सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है। टीम दो भागों में बंटकर विभिन्न जिलों का दौरा करेगी और अपने निरीक्षण के आधार पर विस्तृत रिपोर्ट तैयार करेगी।
राज्य सरकार ने टीम के भ्रमण को लेकर सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं। दौरे का मिनट-टू-मिनट कार्यक्रम तैयार किया गया है ताकि टीम प्रभावित क्षेत्रों की वास्तविक स्थिति और क्षति की गंभीरता को सही ढंग से समझ सके।
इस अंतर मंत्रालयीय टीम का नेतृत्व गृह मंत्रालय के संयुक्त सचिव आर. प्रसना करेंगे। टीम में उप निदेशक महेश कुमार, अधीक्षण अभियंता सुधीर कुमार, उप निदेशक विकास सचान, मुख्य अभियंता पंकज सिंह और निदेशक डॉ. वीरेन्द्र सिंह सहित कुल सात सदस्य शामिल होंगे। ये सभी अपने-अपने विशेषज्ञता क्षेत्रों के आधार पर क्षति का आकलन करेंगे और सुझाव देंगे।
सचिव ने बताया कि मानसून सीजन में अब तक राज्य को भारी नुकसान हुआ है। इस क्षति की भरपाई तथा भविष्य में अवस्थापना संरचनाओं को संभावित नुकसान से बचाने के लिए भारत सरकार से 5702.15 करोड़ रुपये की विशेष सहायता देने का अनुरोध किया गया है। इसमें से 1944.15 करोड़ रुपये क्षतिग्रस्त परिसंपत्तियों के पुनर्निर्माण पर खर्च होंगे, जबकि 3758 करोड़ रुपये उन परिसंपत्तियों और क्षेत्रों को स्थिर करने पर लगाए जाएंगे जो भविष्य में संभावित क्षति की कगार पर हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि आपदा के कारण कई लोगों की आजीविका प्रभावित हुई है। ऐसे परिवारों और व्यक्तियों की सहायता के लिए भारत सरकार को अलग प्रस्ताव भेजा जाएगा। केंद्रीय टीम के दौरे से पहले उच्चस्तरीय बैठक की गई, जिसमें तैयारियों और भ्रमण कार्यक्रम पर विस्तृत चर्चा कर हर पहलू पर ध्यान दिया गया।
इस बैठक में अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी प्रशासन आनंद स्वरूप, अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी क्रियान्वयन डीआईजी राजकुमार नेगी, जेसीईओ मो. ओबैदुल्लाह अंसारी सहित कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।