• August 22, 2025

Uttarakhand: आपदा प्रभावित परिवारों को 72 घंटे में अनुग्रह राशि देने के निर्देश, सचिव आपदा प्रबंधन ने सभी जिलाधिकारियों संग की बैठक

 Uttarakhand: आपदा प्रभावित परिवारों को 72 घंटे में अनुग्रह राशि देने के निर्देश, सचिव आपदा प्रबंधन ने सभी जिलाधिकारियों संग की बैठक
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Uttarakhand: आपदा प्रभावित परिवारों को 72 घंटे में अनुग्रह राशि देने के निर्देश, सचिव आपदा प्रबंधन ने सभी जिलाधिकारियों संग की बैठक

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास विनोद कुमार सुमन ने आज सभी जिलाधिकारियों के साथ वर्चुअल बैठक कर स्पष्ट निर्देश दिए कि आपदा के दौरान किसी भी व्यक्ति की मृत्यु होने पर मृतक के आश्रितों को अनुग्रह राशि अधिकतम 72 घंटे के भीतर उपलब्ध कराना अनिवार्य होगा। उन्होंने कहा कि इस प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की देरी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। यदि मृतक की पहचान या अन्य कारणों से विलंब होता है तो हर हाल में एक सप्ताह के भीतर राशि का वितरण सुनिश्चित किया जाए।

बैठक में सचिव ने बताया कि आगामी कुछ दिनों में मौसम विज्ञान विभाग ने राज्य के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। इसको देखते हुए सभी जिलाधिकारियों को सतर्क रहने और नदियों-नालों के जलस्तर की नियमित निगरानी करने के निर्देश दिए गए हैं। सचिव ने मानसून से उत्पन्न हालात की समीक्षा करते हुए जिलाधिकारियों से कहा कि अब तक हुई विभागीय क्षति का आकलन शीघ्र पूरा कर उसकी रिपोर्ट शासन को भेजें, ताकि एसडीआरएफ और एसडीएमएफ मद से भारत सरकार से अतिरिक्त धनराशि प्राप्त करने के लिए प्रस्ताव भेजे जा सकें।

उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि आपदा राहत, बचाव और पुनर्निर्माण के लिए जिलों के पास पर्याप्त धनराशि उपलब्ध है, जिसे समय पर खर्च करना आवश्यक है। मुख्यमंत्री प्रदेश में अतिवृष्टि से उत्पन्न परिस्थितियों पर लगातार नजर बनाए हुए हैं और सरकार हर स्तर पर राहत कार्यों को प्राथमिकता दे रही है।

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बैठक में आपदा प्रबंधन विभाग की राज्य सलाहकार समिति के उपाध्यक्ष विनय कुमार रुहेला भी ऑनलाइन जुड़े। उन्होंने कहा कि मानसून अवधि का अभी डेढ़ महीना शेष है, ऐसे में सभी जिलों को हमेशा अलर्ट रहने की आवश्यकता है। उन्होंने जिलाधिकारियों को निर्देश दिए कि भूस्खलन संभावित क्षेत्रों, नदियों और संवेदनशील स्थानों पर चेतावनी बोर्ड (साइनेज) लगाए जाएं और आमजन को लगातार जागरूक किया जाए।

उन्होंने यह भी कहा कि आपदा प्रबंधन की दृष्टि से हर जिले में प्रतिदिन समीक्षा बैठक होनी चाहिए। इसके साथ ही स्कूली और कॉलेज के छात्रों, व्यापारियों और स्थानीय नागरिकों का वाट्सएप ग्रुप बनाकर समय-समय पर अलर्ट संदेश साझा किए जाएं।

बैठक में एसीईओ प्रशासन/अपर सचिव आनंद स्वरूप, एसीईओ क्रियान्वयन डीआईजी राजकुमार नेगी, डॉ. पूजा राणा, रोहित कुमार, हेमंत बिष्ट, डॉ. वेदिका पंत और तंद्रीला सरकार सहित अन्य अधिकारी भी मौजूद रहे।

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