Safe Food Uttarakhand: सुरक्षित भोजन और स्वस्थ आहार पर राज्य स्तरीय सलाहकार समिति की बैठक, मिलावट पर सख्त कार्रवाई के निर्देश

Safe Food Uttarakhand: सुरक्षित भोजन और स्वस्थ आहार पर राज्य स्तरीय सलाहकार समिति की बैठक, मिलावट पर सख्त कार्रवाई के निर्देश
मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन की अध्यक्षता में सचिवालय में सुरक्षित भोजन एवं स्वस्थ आहार पर राज्य स्तरीय सलाहकार समिति की 5वीं बैठक आयोजित हुई। बैठक में प्रदेश में दुग्ध एवं दुग्ध उत्पादों में मिलावट रोकने के लिए ठोस रणनीति पर चर्चा की गई। मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि उत्तर प्रदेश के एफडीए सहित अन्य राज्यों के साथ संयुक्त अभियान चलाकर खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता सुनिश्चित की जाए। उन्होंने यह भी कहा कि मिलावटखोरी में संलिप्त व्यक्तियों के खिलाफ निरंतर कठोर कार्रवाई की जाए और न्यायालयों में प्रभावी पैरवी की व्यवस्था हो, ताकि दोषियों को सजा मिल सके।
मुख्य सचिव ने फूड टेस्टिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर को और सुदृढ़ बनाने पर जोर देते हुए टेस्टिंग लैब की संख्या बढ़ाने के निर्देश दिए। उन्होंने ‘फूड सेफ्टी ऑन व्हील्स’ परियोजना को शीघ्र धरातल पर उतारने की बात कही, ताकि खाद्य नमूनों की समयबद्ध और सटीक जांच हो सके। उन्होंने ईट राइट कैंपस सर्टिफिकेशन को भी बढ़ावा देने और मिड डे मील एवं आंगनवाड़ी केंद्रों में दी जाने वाली टेक होम राशन की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए, जिससे बच्चों और गर्भवती व धात्री माताओं को सुरक्षित एवं पौष्टिक भोजन मिल सके।
उन्होंने प्रयुक्त खाना पकाने के तेल को खाद्य श्रृंखला से बाहर करने के लिए मजबूत कलेक्शन मैकेनिज्म तैयार करने की आवश्यकता पर बल दिया। उनका कहना था कि जब तक संग्रहण व्यवस्था सुदृढ़ नहीं होगी, यूज्ड कुकिंग ऑयल को बाजार से हटाना मुश्किल रहेगा। बैठक में सचिव आर. राजेश कुमार ने जानकारी दी कि वित्तीय वर्ष 2024-25 में कुल 1,684 खाद्य पदार्थों के नमूने लिए गए, जिनमें से 1,509 का विश्लेषण किया जा चुका है। इनमें 62 नमूने असुरक्षित और 78 घटिया अथवा गलत ब्रांड वाले पाए गए। चारधाम यात्रा और कांवड़ यात्रा के दौरान भी यात्रा मार्गों पर खाद्य नमूने लिए गए। उन्होंने बताया कि विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस (07 जून 2025) के अवसर पर शुरू किए गए ‘सर्व सेफ फूड’ कार्यक्रम के तहत कुमाऊं क्षेत्र में 1,000 स्ट्रीट फूड विक्रेताओं को प्रशिक्षित किया जा रहा है। अब तक 18 प्रशिक्षण सत्र पूरे हो चुके हैं, जिनमें रुद्रपुर और काशीपुर के 540 विक्रेता प्रशिक्षित हो चुके हैं, जबकि शेष 460 विक्रेताओं को चंपावत, रानीखेत, अल्मोड़ा और बागेश्वर में प्रशिक्षित किया जाएगा।