Doons University NRDC MoU: विकसित भारत 2047 की दिशा में अग्रसर, दून विश्वविद्यालय और NRDC के बीच हुआ महत्वपूर्ण समझौता, अनुसंधान और नवाचार को मिलेगा नया मंच

Doons University NRDC MoU: विकसित भारत 2047 की दिशा में अग्रसर, दून विश्वविद्यालय और NRDC के बीच हुआ महत्वपूर्ण समझौता, अनुसंधान और नवाचार को मिलेगा नया मंच
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के ‘विकसित भारत 2047’ विज़न को साकार करने की दिशा में एक और बड़ा कदम उठाया गया है। आज राजभवन में दून विश्वविद्यालय और राष्ट्रीय अनुसंधान विकास निगम (NRDC) के बीच एक महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर हुए। इस करार का उद्देश्य अनुसंधान एवं नवाचार को न केवल प्रोत्साहित करना है, बल्कि बौद्धिक संपदा को व्यावसायिक रूप से विकसित कर उसे उद्योगों, स्टार्टअप्स और राष्ट्रीय प्राथमिकताओं से जोड़ना भी है।
यह समझौता ज्ञापन दून विश्वविद्यालय को एक नया प्लेटफॉर्म देगा, जिससे वह अपने अनुसंधान कार्यों को केवल शैक्षणिक दायरे में सीमित न रखकर व्यावहारिक और सामाजिक उपयोगिता से जोड़ सकेगा। यह पहल संस्थान को आत्मनिर्भरता की ओर अग्रसर करेगी और बाहरी वित्तीय संसाधनों पर निर्भरता को भी कम करेगी।
दून विश्वविद्यालय अब न केवल बौद्धिक संपदा के क्षेत्र में नई ऊंचाइयों को छूने को तैयार है, बल्कि तकनीकी नवाचार को वास्तविक उत्पादों और सेवाओं में बदलने के लिए एक सक्षम ढांचा भी विकसित कर सकेगा। NRDC के साथ यह साझेदारी विश्वविद्यालय के शोधार्थियों और छात्रों को पेटेंट, तकनीक हस्तांतरण, स्टार्टअप निर्माण और नवाचार आधारित उद्यमिता की दिशा में व्यावहारिक अवसर उपलब्ध कराएगी।
यह कदम राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के उद्देश्यों के भी अनुरूप है, जिसमें नवाचार, अनुसंधान, स्टार्टअप सहयोग और आत्मनिर्भर भारत की नींव को सशक्त करने पर विशेष बल दिया गया है। इससे उत्तराखंड राज्य को उच्च शिक्षा और अनुसंधान के क्षेत्र में एक नई पहचान मिलेगी।