• August 11, 2025

Uttarakhand Capital Expenditure: मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने पूंजीगत व्यय और केपीआई-केओआई की गहन समीक्षा की, 15 अगस्त तक प्रस्ताव भेजने के निर्देश

 Uttarakhand Capital Expenditure: मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने पूंजीगत व्यय और केपीआई-केओआई की गहन समीक्षा की, 15 अगस्त तक प्रस्ताव भेजने के निर्देश
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Uttarakhand Capital Expenditure: मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने पूंजीगत व्यय और केपीआई-केओआई की गहन समीक्षा की, 15 अगस्त तक प्रस्ताव भेजने के निर्देश

उत्तराखंड सरकार के मुख्य सचिव श्री आनंद बर्द्धन ने सचिवालय में आयोजित एक महत्वपूर्ण बैठक के दौरान राज्य के 12 विभागों की पूंजीगत व्यय, केंद्र सहायतित योजनाएं, नाबार्ड और वाह्य सहायतित परियोजनाओं की गहन समीक्षा की। साथ ही, उन्होंने केपीआई (Key Performance Indicators) और केओआई (Key Outcome Indicators) पर भी फोकस करते हुए स्पष्ट निर्देश दिए कि विभागीय कार्य केवल खर्च तक सीमित न रहें, बल्कि उनका ठोस परिणाम भी दिखे।

बैठक में बताया गया कि चालू वित्तीय वर्ष में राज्य के पूंजीगत व्यय के तहत कुल 14,763 करोड़ रुपये का बजटीय प्रावधान किया गया है, जिसमें से 2,215 करोड़ रुपये (15 प्रतिशत) राशि अब तक जारी की जा चुकी है। इस में से केवल 1,049 करोड़ रुपये (7.11 प्रतिशत) की ही व्यय दर्ज की गई है। मुख्य सचिव ने इस धीमी गति पर चिंता जताई और स्पष्ट निर्देश दिए कि सितंबर 2025 तक पूंजीगत बजट का कम से कम 50 प्रतिशत व्यय हर हाल में पूरा किया जाए।

मुख्य सचिव ने कहा कि 15 अगस्त 2025 तक सभी विभागों को अपने प्रस्ताव शासन को भेजने होंगे, ताकि अनुमोदन में विलंब न हो। उन्होंने विभागीय सचिवों और प्रमुख अधिकारियों को निर्देश दिए कि पाक्षिक (हर पंद्रह दिन) स्तर पर नियमित समीक्षा बैठकें आयोजित की जाएं ताकि प्रगति की सतत निगरानी सुनिश्चित हो।

उन्होंने यह भी निर्देशित किया कि पूंजीगत व्यय के तहत मुख्यमंत्री घोषणाओं को प्राथमिकता दी जाए। इसके साथ ही, उन्होंने सभी विभागों को केपीआई और केओआई पर ध्यान केंद्रित करने के निर्देश दिए। उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि पर्यटन विभाग अगर व्यय करता है, तो यह भी स्पष्ट होना चाहिए कि इससे विदेशी पर्यटकों की संख्या में कितनी वृद्धि हुई, या औसत ठहराव अवधि कितनी बढ़ी।

उद्यान विभाग को निर्देश
मुख्य सचिव ने उद्यान विभाग को अपनी कार्य क्षमता बढ़ाने, कोल्ड चेन विकसित करने, और ऑफ सीजन उत्पादन को बढ़ावा देने के निर्देश दिए। उन्होंने पॉलीहाउस प्रोजेक्ट, वैल्यू एडेड एग्रीकल्चर, और फूड प्रोसेसिंग से संबंधित योजनाओं को शीघ्रता से अमल में लाने को कहा।

कृषि विभाग को fencing के लिए 200 करोड़ का हेड बनाने के निर्देश
मुख्य सचिव ने बायो फेंसिंग और चेन लिंक फेंसिंग के लिए शीघ्र गाइडलाइंस तैयार करने और इनके लिए अलग बजटीय हेड सृजित करने के निर्देश दिए। उन्होंने इस हेतु 200 करोड़ रुपये का बजटीय प्रावधान करने और इसे सप्लीमेंट्री बजट में भी शामिल करने की बात कही। उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि ऐसे स्थानों को प्राथमिकता दी जाए, जहां मानव-वन्यजीव संघर्ष और फसलों को अधिक नुकसान हो रहा है।

दुग्ध विकास और गन्ना विभाग को भी दिशा-निर्देश
दुग्ध विकास विभाग को आंचल ब्रांड के डेयरी उत्पादों का उत्पादन और वितरण बढ़ाने का निर्देश मिला। साथ ही, गन्ना विकास विभाग को राज्य की चीनी मिलों का दौरा कर मशीनों की मरम्मत व रखरखाव कार्य शीघ्र पूर्ण करने और समय से उत्पादन शुरू कराने को कहा गया।

उपस्थित वरिष्ठ अधिकारी
इस अवसर पर प्रमुख सचिव श्री आर.के. सुधांशु, सचिव श्रीमती राधिका झा, श्री दिलीप जावलकर, डॉ. बी.वी.आर.सी. पुरुषोत्तम, श्री वी. षणमुगम, श्री धीराज गर्ब्याल, श्री श्रीधर बाबू अद्दांकी, अपर सचिव श्री हिमांशु खुराना, श्री मनमोहन मैनाली सहित कई वरिष्ठ अधिकारी बैठक में उपस्थित रहे।

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