Uttarakhand Inspiration: बंजर ज़मीन को बनाया सोना, पौड़ी गढ़वाल के मटकुण्ड गांव की धनी कांति चंद और विजय पाल चंद ने रचा स्वरोजगार का आदर्श उदाहरण

Uttarakhand Inspiration: बंजर ज़मीन को बनाया सोना, पौड़ी गढ़वाल के मटकुण्ड गांव की धनी कांति चंद और विजय पाल चंद ने रचा स्वरोजगार का आदर्श उदाहरण
उत्तराखंड के पर्वतीय अंचल में बसे बीरोंखाल ब्लॉक के मटकुण्ड गांव की एक साधारण दंपति ने असाधारण हिम्मत और श्रम से न केवल अपनी तकदीर बदली, बल्कि पहाड़ की संभावनाओं पर भी नई रोशनी डाली है। श्रीमती धनी कांति चंद और उनके पति श्री विजय पाल चंद ने अपनी बंजर पड़ी जमीन को पसीने से सींचा और वहां बागवानी कर स्वरोजगार का एक प्रेरणादायक मॉडल खड़ा किया।
जहां कभी सूखा पड़ा रहता था और भूमि खेती के लायक नहीं मानी जाती थी, आज वहां फलों से लदे पेड़ लहराते हैं। यह बदलाव सिर्फ खेतों का नहीं है, बल्कि सोच, साहस और आत्मनिर्भरता का भी है। दंपति ने वर्षों की मेहनत और निरंतर प्रयासों से न केवल अपनी जीविका के लिए साधन जुटाए, बल्कि स्थानीय युवाओं और ग्रामीणों के लिए भी प्रेरणा का स्रोत बने हैं।
शुरुआत में न कोई संसाधन था, न कोई सरकारी मदद। लेकिन दोनों ने हार नहीं मानी। अपने सीमित संसाधनों के साथ, इन्होंने सबसे पहले मिट्टी की गुणवत्ता को सुधारने का कार्य किया, फिर मौसमी और स्थानीय परिस्थितियों के अनुरूप फलदार पौधे लगाए। आज उनके खेतों में आड़ू, माल्टा, नींबू, और अनार जैसे कई फल लहलहा रहे हैं, जो बाजार में अच्छी कीमत पर बिकते हैं।
धनी कांति चंद का कहना है कि यह बदलाव केवल मेहनत से नहीं, बल्कि पहाड़ के प्रति प्रेम और उससे जुड़े रहने की जिद से आया है। उनका सपना है कि अधिक से अधिक लोग गांवों में ही स्वरोजगार को अपनाएं और पलायन की प्रवृत्ति को रोकें। उन्होंने कई युवाओं को बागवानी की तकनीकें सिखाई हैं और उनका मार्गदर्शन किया है।