Kanwar Yatra 2025: हरिद्वार में शिवभक्तों का भव्य स्वागत, मुख्यमंत्री धामी ने कांवड़ियों के चरण धोकर जताया सम्मान, श्रद्धा-सुरक्षा-संस्कृति का दिया संदेश

Kanwar Yatra 2025: हरिद्वार में शिवभक्तों का भव्य स्वागत, मुख्यमंत्री धामी ने कांवड़ियों के चरण धोकर जताया सम्मान, श्रद्धा-सुरक्षा-संस्कृति का दिया संदेश
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज हरिद्वार में ओम पुल के निकट गंगा घाट पर आयोजित विशेष कार्यक्रम में कांवड़ यात्रा के प्रति अपनी आस्था और सेवा भाव को प्रकट करते हुए देशभर से आए शिवभक्त कांवड़ियों के चरण धोकर उनका सम्मान किया। यह दृश्य न केवल आध्यात्मिक भावनाओं को सजीव करने वाला था, बल्कि सरकार की तरफ से श्रद्धालुओं के प्रति सम्मान और सेवा भाव का स्पष्ट संदेश भी था।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर को अपना सौभाग्य बताया और कहा कि शिवभक्तों के चरण धोकर आशीर्वाद लेना एक आत्मिक अनुभव है। उन्होंने सफल आयोजन के लिए हरिद्वार पुलिस, प्रशासनिक अधिकारियों और हरिद्वार-ऋषिकेश विकास प्राधिकरण (एचआरडीए) की सराहना की। उन्होंने कहा कि सावन के पावन मास में भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने के लिए जलाभिषेक का विशेष महत्व है, और कांवड़ यात्रा इसी श्रद्धा और भक्ति का प्रतीक है।
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश में चल रही सांस्कृतिक पुनर्जागरण की योजनाओं का उल्लेख करते हुए कहा कि काशी विश्वनाथ कॉरिडोर, अयोध्या में भव्य राम मंदिर, उज्जैन में महाकाल कॉरिडोर, केदारनाथ धाम का पुनर्निर्माण और बदरीनाथ मास्टर प्लान जैसे कार्य भारत की सांस्कृतिक विरासत को फिर से विश्व मानचित्र पर स्थापित कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने आदि कैलाश यात्रा को नई पहचान दिलाई और वह पहले प्रधानमंत्री हैं जिन्होंने सीमांत क्षेत्र में 17,500 फीट की ऊंचाई पर भगवान आदि कैलाश और पार्वती कुंड के दर्शन कर ऐतिहासिक पहल की। मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि हरिद्वार-ऋषिकेश कॉरिडोर का निर्माण भी प्रस्तावित है, जिससे भविष्य में हरिद्वार धर्मनगरी भी काशी और अयोध्या की तरह भव्य स्वरूप में नजर आएगी।
श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए सरकार ने पहली बार कांवड़ यात्रा हेतु मोबाइल ऐप, स्वास्थ्य केंद्र, शौचालय, टिन शेड, विश्राम स्थल और पार्किंग जैसी सुविधाओं की विशेष व्यवस्था की है। होटल व ढाबों की गुणवत्ता की निगरानी भी प्रशासन द्वारा सुनिश्चित की जा रही है। सुरक्षा के दृष्टिकोण से कांवड़ क्षेत्र में 300 से अधिक सीसीटीवी और ड्रोन कैमरे लगाए गए हैं। आपातकालीन स्थिति के लिए वाटर एम्बुलेंस की सुविधा भी उपलब्ध कराई गई है, जिससे गंभीर मरीजों को नदी मार्ग से अस्पताल पहुंचाया जा सके।
मुख्यमंत्री ने अपील की कि कांवड़ यात्रा एक पवित्र अनुष्ठान है, न कि शक्ति प्रदर्शन। उन्होंने श्रद्धालुओं से नियमों और अनुशासन का पालन करने की अपील करते हुए कहा कि हाल की कुछ घटनाएं अनुचित व्यवहार की तरफ इशारा करती हैं, जो शिवभक्ति की आत्मा के विपरीत है। उन्होंने कहा कि सच्चा शिवभक्त विनम्र और मर्यादित होता है, और वहीं सच्चे अर्थों में आत्मिक शांति को प्राप्त करता है।
मुख्यमंत्री ने “ऑपरेशन कालनेमि” का उल्लेख करते हुए बताया कि कुछ छद्म वेशधारी लोग सनातन धर्म के नाम पर भोले-भाले लोगों को ठगने का प्रयास कर रहे हैं। ऐसे तत्वों को पहचानकर उन पर कार्रवाई की जा रही है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि प्रदेश के सरकारी स्कूलों में श्रीमद्भागवत गीता के पाठ को अनिवार्य कर दिया गया है ताकि बच्चों में आध्यात्मिक चेतना और जीवन मूल्यों की समझ विकसित हो सके। मुख्यमंत्री ने सभी श्रद्धालुओं, प्रशासन और नागरिकों से कांवड़ यात्रा को सफल बनाने में सहयोग देने की अपील की और निर्देशों का पालन सुनिश्चित करने का अनुरोध किया।