Uttarakhand: मुख्य सचिव आनंद बर्धन की सचिव स्तरीय समीक्षा बैठक: परियोजनाओं की प्रगति, आउटपुट इंडिकेटर और कार्बन क्रेडिट पर दिया विशेष जोर
देहरादून, उत्तराखंड के मुख्य सचिव आनंद बर्धन ने राज्य शासन के सभी सचिवों के साथ एक उच्चस्तरीय सचिव स्तरीय समीक्षा बैठक आयोजित कर विभिन्न विभागीय कार्यों की प्रगति, नवाचार, तकनीकी समावेशन और पर्यावरणीय पहल से जुड़े विषयों पर विस्तृत चर्चा की। बैठक में मुख्य सचिव ने संबंधित विभागों को स्पष्ट निर्देश दिए कि राज्य की बड़ी योजनाओं और केंद्र सरकार से जुड़े प्रकरणों को सुव्यवस्थित, अद्यतन और प्रभावी ढंग से प्रस्तुत किया जाए।
मुख्य सचिव ने शहरी क्षेत्रों में संचालित की जा रही महत्वपूर्ण परियोजनाओं का विवरण शीघ्र तैयार करने को कहा, ताकि उन्हें जल्द से जल्द लोकार्पण या शिलान्यास के लिए प्रस्तावित किया जा सके। यह कार्य राज्य सरकार की विकास परियोजनाओं के धरातल पर तेज़ी से क्रियान्वयन की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है।
भारत सरकार से जुड़े विभिन्न विभागीय प्रकरणों की स्थिति रिपोर्ट तैयार करने और उसे जल्द भेजने के निर्देश देते हुए उन्होंने सभी सचिवों से समन्वित ढंग से कार्य करने की अपेक्षा जताई। उन्होंने कहा कि सभी विभाग यह सुनिश्चित करें कि केंद्र सरकार को भेजी जा रही सूचनाएं अद्यतन और प्रामाणिक हों, जिससे फंडिंग और मंज़ूरी संबंधी प्रक्रिया में कोई विलंब न हो।
बैठक में मुख्य सचिव ने सभी विभागों के आउटपुट इंडिकेटर (प्रदर्शन सूचकांक) तैयार करने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि हर विभाग अपने कार्यों का मूल्यांकन करें और यह विश्लेषण करें कि नई तकनीक या किसी नवाचार से कितनी प्रगति हुई है। इस तुलनात्मक विवरण से राज्य शासन को योजना निर्माण और कार्यान्वयन की गुणवत्ता बढ़ाने में सहायता मिलेगी।
मुख्य सचिव ने यह भी निर्देश दिए कि सभी विभाग अपने वर्क प्लान तैयार कर उसका अनुमोदन सुनिश्चित करें, जिससे योजनाबद्ध ढंग से विभागीय कार्यों को संचालित किया जा सके। उन्होंने कहा कि बिना ठोस कार्य योजना के कार्यों की निगरानी और मूल्यांकन कठिन होता है।
बैठक में पर्यावरणीय पहल के अंतर्गत कार्बन क्रेडिट से लाभ उठाने वाले विभागों को निर्देशित किया गया कि वे अपने कार्यक्रमों में इस दिशा में ठोस प्रयास करें। मुख्य सचिव ने कहा कि राज्य सरकार के जिन कार्यक्रमों में कार्बन उत्सर्जन में कटौती हो रही है, वहां इसे कार्बन क्रेडिट में रूपांतरित करने की संभावनाएं तलाशना जरूरी है। इससे राज्य को आर्थिक लाभ के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी पर्यावरणीय प्रतिबद्धता का संदेश जाएगा।
इस समीक्षा बैठक में मुख्य सचिव के साथ प्रमुख सचिव आर. के. सुधांशु, एल.एल. फैनई, शैलेश बगोली, रविनाथ रमन, डॉ. पंकज कुमार पांडेय, दिलीप जावलकर, डॉ. रंजीत कुमार सिन्हा, डॉ. श्रीधर बाबू अद्यंकी, चंद्रेश यादव, डॉ. आर. राजेश कुमार, एस.एन. पांडेय, दीपेंद्र कुमार चौधरी, दीपक कुमार, वी. षणमुगम, विनोद कुमार सुमन, सी. रविशंकर, रणवीर सिंह चौहान, नीरज खैरवाल, युगल किशोर पंत, धीराज सिंह गबर्याल, अपर सचिव विजय कुमार जोगदंडे सहित कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।