• July 13, 2025

Success Story: हजारों करोड़ का प्याज बचाएगी किसान की बेटी की खोज, ‘गोडाम सेंस’ बना किसानों की उम्मीद

 Success Story: हजारों करोड़ का प्याज बचाएगी किसान की बेटी की खोज, ‘गोडाम सेंस’ बना किसानों की उम्मीद
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Success Story: हजारों करोड़ का प्याज बचाएगी किसान की बेटी की खोज, ‘गोडाम सेंस’ बना किसानों की उम्मीद

भारत में प्याज की खेती करने वाले किसानों की हालत लंबे समय से संकटपूर्ण रही है। कभी मौसम की मार, तो कभी बाजार में गिरते दाम—हर स्थिति में नुकसान किसानों का ही होता है। लेकिन अब इस कहानी को बदलने के लिए एक बेटी ने कमाल कर दिखाया है। यह बेटी है महाराष्ट्र के नासिक जिले की रहने वाली कल्याणी शिंदे, जिसने अपने पिता की वर्षों की तकलीफों और फसल नुकसान से प्रेरणा लेकर एक ऐसा क्रांतिकारी तकनीकी समाधान बनाया है, जो देशभर में प्याज की बर्बादी को रोकने में बड़ी भूमिका निभा सकता है।

भारत हर साल लगभग 2.6 करोड़ टन प्याज का उत्पादन करता है, लेकिन चौंकाने वाली बात यह है कि इसका करीब 40 फीसदी हिस्सा बर्बाद हो जाता है। यह नुकसान आर्थिक रूप से 40,000 करोड़ रुपये से ज्यादा का है और इससे न केवल किसानों की कमर टूटती है, बल्कि लाखों लोगों की खाद्य सुरक्षा पर भी असर पड़ता है। यह वह संकट है जिसमें नमी, तापमान और सरकारी भंडारण की खराब व्यवस्था बड़ी भूमिका निभाती है।

कल्याणी के पिता हर साल अपनी आधी प्याज की फसल सड़न की वजह से गंवा देते थे। बेटी होने के नाते कल्याणी यह दर्द देख नहीं सकीं और उन्होंने कंप्यूटर इंजीनियरिंग की पढ़ाई के दौरान ही इस समस्या के समाधान पर काम करना शुरू किया। उन्होंने अपने विचारों को साकार करने के लिए एशिया की सबसे बड़ी प्याज मंडी—लासलगांव का रुख किया, जहां से उन्हें वास्तविक ज़मीनी अनुभव और किसानों के संघर्ष की गहराई से समझ मिली।

केवल 3 लाख रुपये की फंडिंग के साथ कल्याणी ने “Godaam Sense” नामक एक IoT (इंटरनेट ऑफ थिंग्स) डिवाइस विकसित किया। यह डिवाइस भारत में प्याज के लिए बनाया गया अपनी तरह का पहला स्मार्ट सेंसर है। Godaam Sense एक हार्डवेयर आधारित सिस्टम है, जो प्याज के भंडारण में माइक्रो-क्लाइमेट यानी सूक्ष्म जलवायु का रीयल टाइम में विश्लेषण करता है। यह गैस सेंसर, तापमान और आर्द्रता सेंसर से लैस होता है, जो प्याज से निकलने वाली उन गैसों की पहचान करता है जो उनके सड़ने की शुरुआत का संकेत देती हैं।

जैसे ही किसी गोदाम में रखे प्याज के केवल 1% हिस्से में भी सड़न शुरू होती है, यह डिवाइस अलर्ट भेज देता है। इससे किसान तुरंत कार्रवाई कर सकते हैं—या तो उस हिस्से को हटा सकते हैं या पूरी खेप को बचाने के लिए आवश्यक उपाय कर सकते हैं। इस तकनीक से न केवल लाखों टन प्याज बर्बाद होने से बच सकते हैं, बल्कि किसानों की आमदनी भी दोगुनी हो सकती है।

Godaam Sense सिर्फ एक डिवाइस नहीं, बल्कि एक आंदोलन की शुरुआत है, जिसमें तकनीक के जरिए भारतीय कृषि को नई दिशा दी जा रही है। कल्याणी की यह खोज यह साबित करती है कि यदि युवा पीढ़ी ग्रामीण भारत की समस्याओं से जुड़कर समाधान निकाले, तो गांवों की तस्वीर बदली जा सकती है।

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