Uttarakhand: उत्तराखंड में विकास योजनाओं और प्रशासनिक दक्षता को लेकर मुख्य सचिव की वर्चुअल समीक्षा बैठक, जियो टैगिंग, वन भूमि और हरेला पर्व पर विशेष जोर

Uttarakhand: उत्तराखंड में विकास योजनाओं और प्रशासनिक दक्षता को लेकर मुख्य सचिव की वर्चुअल समीक्षा बैठक, जियो टैगिंग, वन भूमि और हरेला पर्व पर विशेष जोर
देहरादून, उत्तराखंड के मुख्य सचिव श्री आनंद बर्द्धन ने शुक्रवार को एक वर्चुअल समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों और जनपद स्तरीय अधिकारियों से विभिन्न विभागीय कार्यों की प्रगति पर विस्तार से चर्चा की। इस महत्वपूर्ण बैठक में लंबित प्रकरणों, विकास योजनाओं के क्रियान्वयन और प्रशासनिक पारदर्शिता को लेकर निर्देश जारी किए गए।
जियो टैगिंग और जियो फेंसिंग को बताया प्राथमिकता
मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि प्रदेश के सभी विभाग सितंबर 2025 के अंत तक अपनी परिसंपत्तियों की जियो टैगिंग और जियो फेंसिंग का कार्य अनिवार्य रूप से पूर्ण करें। यह तकनीकी पहल राज्य की परिसंपत्तियों की पारदर्शिता, सुरक्षा और प्रभावी प्रबंधन को सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक मानी गई है।
वन भूमि और लैंड बैंक मामलों पर निर्देश
बैठक में वन भूमि से संबंधित लंबित प्रकरणों को शीघ्र निपटाने हेतु मुख्य सचिव ने जिलाधिकारियों को हर महीने डीएफओ और संबंधित विभागों के साथ बैठकें आयोजित करने के निर्देश दिए। उन्होंने स्पष्ट किया कि विकास योजनाओं के लिए भूमि की उपलब्धता जरूरी है, अतः लैंड बैंक के दिशा-निर्देशों का सख्ती से अनुपालन किया जाए।
इसके साथ ही, डिग्रेडेड फॉरेस्ट लैंड (वन क्षेत्रों में खराब हो चुकी भूमि) का विस्तृत विवरण समयबद्ध रूप से प्रस्तुत करने का आदेश दिया गया। मुख्य सचिव ने वन विभाग को SOP (मानक प्रक्रिया) बनाने को भी कहा जिससे भूमि स्थानांतरण के मामलों का निस्तारण सरल और सुव्यवस्थित हो।
जन शिकायत पोर्टल को और प्रभावी बनाने पर बल
श्री बर्द्धन ने कहा कि सेवा के अधिकार से जुड़ी जनहित सेवाओं को पब्लिक ग्रीवांस पोर्टल पर शामिल किया जाए, ताकि आम नागरिकों को समयबद्ध और सुलभ सेवाएं मिल सकें। साथ ही, जनपदों से प्रत्येक माह कम से कम दो सफलता की कहानियाँ प्रस्तुत करने को भी कहा गया, जिससे बेस्ट प्रैक्टिसेज को साझा किया जा सके।
हरेला पर्व पर विशेष पौधरोपण अभियान की तैयारी
आगामी हरेला पर्व (16 जुलाई) के अवसर पर वृहद पौधरोपण अभियान को सफल बनाने के लिए हर जिले को तत्काल प्रभाव से पौधरोपण योजना तैयार करने के निर्देश दिए गए। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि यह अभियान नियोजित, पर्यावरण अनुकूल और प्रभावी हो।
क्लस्टर विद्यालयों पर भी समीक्षा
क्लस्टर मॉडल पर आधारित माध्यमिक विद्यालयों की प्रगति की समीक्षा करते हुए मुख्य सचिव ने शिक्षा विभाग को जिलाधिकारियों के साथ मिलकर ट्रांसपोर्टेशन प्लान तैयार करने के निर्देश दिए। प्रथम चरण के विद्यालयों के उपयोगिता प्रमाण पत्र शीघ्र भेजे जाएँ, ताकि द्वितीय चरण की धनराशि समय पर जारी हो सके।
स्थानीय उत्पादों के उपयोग पर भी निर्देश
उन्होंने कहा कि सरकारी आयोजनों में स्थानीय उत्पादों के उपयोग से संबंधित दिशा-निर्देशों का कड़ाई से पालन किया जाए, जिससे क्षेत्रीय उत्पादों को बढ़ावा मिल सके और स्थानीय अर्थव्यवस्था को बल मिले।
इस वर्चुअल बैठक में प्रमुख सचिव श्री आर. के. सुधांशु, श्री मीनाक्षी सुंदरम, सचिव श्री नितेश कुमार झा, श्री रविनाथ रामन, श्री सी. रविशंकर, श्री चंद्रेश कुमार यादव, श्री विनोद कुमार सुमन, और वन विभाग के श्री रंजन कुमार मिश्रा सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। गढ़वाल और कुमाऊं मंडल के आयुक्त और सभी जिलाधिकारी वर्चुअल माध्यम से बैठक में शामिल हुए।
यह बैठक उत्तराखंड सरकार की प्रशासनिक पारदर्शिता, पर्यावरणीय जागरूकता और विकास कार्यों की गति को और अधिक प्रभावी बनाने की दिशा में एक मजबूत पहल साबित हुई है।