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Uttarakhand: कांवड़ यात्रा हमारी आस्था का उत्सव है, सभी तैयारियाँ पूरी – मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी

Uttarakhand: कांवड़ यात्रा हमारी आस्था का उत्सव है, सभी तैयारियाँ पूरी – मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आगामी कांवड़ यात्रा को लेकर राज्य सरकार की तैयारियों और संकल्प को लेकर महत्वपूर्ण बयान दिया है। उन्होंने कहा कि कांवड़ यात्रा न केवल श्रद्धालुओं के लिए बल्कि उत्तराखंड सरकार के लिए भी एक अत्यंत महत्वपूर्ण धार्मिक यात्रा है, जिसकी सफलता और सुव्यवस्था के लिए प्रशासनिक स्तर पर व्यापक तैयारियाँ की जा रही हैं।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा, “कांवड़ मेला एक बहुत बड़ा आयोजन है, जिसमें देशभर से लाखों की संख्या में कांवड़ यात्री हरिद्वार और उत्तराखंड के विभिन्न तीर्थ स्थलों पर पवित्र जल लेने आते हैं। उनकी सुरक्षा, सुविधा और सहजता को सुनिश्चित करना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है।” उन्होंने यह भी बताया कि यात्रा की सफलता के लिए लगातार समीक्षा बैठकें की जा रही हैं।
धामी ने जानकारी दी कि हाल ही में हरिद्वार में सभी संबंधित विभागों—पुलिस, स्वास्थ्य, नगर निगम, जल निगम, परिवहन और आपदा प्रबंधन—के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक की गई, जिसमें यात्रा मार्गों, ट्रैफिक नियंत्रण, चिकित्सा सुविधा, साफ-सफाई, पेयजल व्यवस्था और सुरक्षा व्यवस्था पर विस्तार से चर्चा की गई।
इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि यात्रा को लेकर एक अंतरराज्यीय बैठक भी वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी में संपन्न हुई है, ताकि अन्य राज्यों से आने वाले कांवड़ यात्रियों को भी सुविधा और समन्वय मिल सके। उन्होंने सभी श्रद्धालुओं से अपील करते हुए कहा, “कृपया यात्रा के दौरान स्वच्छता का विशेष ध्यान रखें, नियमों का पालन करें और प्रशासन का सहयोग करें। हम पूरे हृदय से आपका उत्तराखंड में स्वागत करते हैं।”
सरकार की ओर से यह भी आश्वासन दिया गया है कि इस बार की यात्रा को और बेहतर बनाने के लिए नई तकनीकों और डिजिटल सूचनाओं का भी सहारा लिया जाएगा। सीसीटीवी निगरानी, ड्रोन कैमरों, मोबाइल हेल्पलाइन और ऑनलाइन रूट मैप जैसी सुविधाओं को सक्रिय किया गया है।
कांवड़ यात्रा के दौरान लाखों की संख्या में श्रद्धालु हरिद्वार से गंगाजल लेकर अपने राज्यों में स्थित शिव मंदिरों तक पैदल यात्रा करते हैं। यह यात्रा धार्मिक आस्था, अनुशासन और समर्पण का अद्भुत उदाहरण होती है, और उत्तराखंड सरकार इस भावना को ध्यान में रखते हुए हर वर्ष इसे सुरक्षित और व्यवस्थित बनाने का प्रयास करती है।