Uttarakhand Tourism: उत्तराखंड में पर्यटन विकास को मिला नया आयाम, सीएम धामी ने गिनाईं उपलब्धियां, ‘डेस्टिनेशन उत्तराखंड’ पर फोकस

Uttarakhand Tourism: उत्तराखंड में पर्यटन विकास को मिला नया आयाम, सीएम धामी ने गिनाईं उपलब्धियां, ‘डेस्टिनेशन उत्तराखंड’ पर फोकस
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखंड के समग्र विकास और भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए कई महत्वपूर्ण घोषणाएं और मांगें की हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार दिल्ली-देहरादून एलिवेटेड रोड के उद्घाटन से पहले ही योजनागत रूप से तैयारियों में जुट गई है। यह रोड खुलने के बाद राज्य में पर्यटकों की संख्या में भारी वृद्धि की संभावना है, जिससे शहरों में ट्रैफिक और संसाधनों पर दबाव बढ़ सकता है। इसी को ध्यान में रखते हुए सरकार ने केंद्र से 26 किलोमीटर लंबे रिस्पना-बिंदाल एलिवेटेड रोड के लिए समर्थन मांगा है। साथ ही, नीति आयोग से फ्लोटिंग पापुलेशन के लिए सुविधाओं की व्यवस्था हेतु विशेष अनुदान की भी मांग की गई है।
मुख्यमंत्री ने राज्य के बेहतरीन फाइनेंशियल मैनेजमेंट की भी सराहना की और बताया कि उत्तराखंड छोटे राज्यों में वित्तीय प्रबंधन के मामले में दूसरे नंबर पर है। उन्होंने कहा कि हमने SDG इंडेक्स में टॉप रैंक हासिल किया है, GEP लागू करने वाले पहले राज्य बने हैं और UCC लागू करने वाला पहला साहसी राज्य भी उत्तराखंड है। राज्य ने 6500 एकड़ से अधिक भूमि को अतिक्रमण से मुक्त कराया है, और नवाचार के माध्यम से निरंतर विकास को अपना उद्देश्य बना लिया है।
मुख्यमंत्री आवास में उन्होंने फोटोग्राफर भूमेश भारती की “एरियल विस्टाज़ ऑफ उत्तराखंड” कॉफी टेबल बुक का विमोचन किया। इस अवसर पर उन्होंने भूमेश भारती की 15 वर्षों की फोटोग्राफी साधना और उत्तराखंड की प्राकृतिक-सांस्कृतिक सुंदरता को उनके कैमरे के माध्यम से जीवंत रूप में प्रस्तुत करने के प्रयासों की सराहना की। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह पुस्तक देखने वालों को उत्तराखंड की ओर आकर्षित करेगी।
धामी ने कहा कि उनकी सरकार की नई पर्यटन नीति के तहत “डेस्टिनेशन उत्तराखंड” को वैश्विक पर्यटन मानचित्र पर लाने के प्रयास किए जा रहे हैं। राज्य धार्मिक, साहसिक, ईको, वेलनेस, एग्रो और फिल्म पर्यटन जैसे विविध क्षेत्रों में निवेश आकर्षित करने में सफल हो रहा है। दो स्पर्चुअल जोन – ऋषिकेश और हरिद्वार – को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर योग और अध्यात्म के केंद्र के रूप में विकसित किया जा रहा है। वहीं मानसखंड कॉरिडोर को केदारखंड की भांति भव्य रूप में विकसित किया जा रहा है।
साहसिक पर्यटन के क्षेत्र में भी उत्तराखंड ने तेजी से प्रगति की है। ट्रेकिंग, स्कीइंग, माउंटेनियरिंग, पैराग्लाइडिंग और रिवर राफ्टिंग जैसी गतिविधियों को बढ़ावा देने की दिशा में भी सरकार लगातार प्रयासरत है। मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि शीतकालीन यात्रा की शुरुआत इसी क्रम में की गई है, जिसे प्रोत्साहित करने के लिए स्वयं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हर्षिल और मुखबा क्षेत्र का दौरा कर चुके हैं।
फिल्म पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार ने सिंगल विंडो क्लीयरेंस सिस्टम लागू किया है और फिल्म निर्माताओं को विशेष सब्सिडी व सुविधाएं दी जा रही हैं। इसके परिणामस्वरूप उत्तराखंड को राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों में “मोस्ट फिल्म फ्रेंडली स्टेट” का खिताब भी मिल चुका है।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि उत्तराखंड अब देश और विदेश के निवेशकों के लिए एक पसंदीदा गंतव्य बनता जा रहा है। हाल ही में जखोल, हर्षिल, गूंजी और सूपी गांवों को भारत सरकार द्वारा “सर्वश्रेष्ठ पर्यटन ग्राम” पुरस्कार से नवाजा गया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार “विकल्प रहित संकल्प” के साथ उत्तराखंड को देश का अग्रणी राज्य बनाने हेतु पूर्ण प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है।
इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री के साथ अपर सचिव बंशीधर तिवारी, दून विश्वविद्यालय की वीसी सुरेखा डंगवाल, वरिष्ठ पत्रकार सतीश शर्मा और प्रदेशभर से आए छायाकार व कला प्रेमी उपस्थित रहे। यह आयोजन उत्तराखंड के सौंदर्य, संस्कृति और विकास के समर्पण का एक सशक्त प्रतीक बनकर सामने आया।