Double Engine Sarkar: डबल इंजन सरकार से बिहार में विकास की सुनामी: फरवरी से जून तक मिले 85 हजार करोड़ रुपये की योजनाएं

Double Engine Sarkar: डबल इंजन सरकार से बिहार में विकास की सुनामी: फरवरी से जून तक मिले 85 हजार करोड़ रुपये की योजनाएं
पटना, 26 जून
बिहार में केंद्र और राज्य की डबल इंजन सरकार की साझेदारी से विकास की रफ्तार तेज हो गई है। फरवरी से जून 2025 के बीच बिहार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की ओर से हजारों करोड़ रुपये की सौगातें मिली हैं, जिससे राज्य में अधोसंरचना से लेकर स्वास्थ्य, शिक्षा और शहरी विकास के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव देखने को मिल रहे हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस दौरान बिहार की 4 यात्राएं कीं और 5 बड़े कार्यक्रमों में भाग लिया। इन आयोजनों के माध्यम से उन्होंने 54,400 करोड़ रुपये से अधिक की योजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। इसमें उनका 29-30 मई का दो दिवसीय दौरा भी शामिल था, जिसमें पटना में भव्य रोड शो का आयोजन हुआ।
वहीं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी पीछे नहीं रहे। फरवरी से जून के बीच उन्होंने 26 कार्यक्रमों में भाग लिया और कई नई परियोजनाओं का शिलान्यास, उद्घाटन और लोकार्पण किया। इन सभी योजनाओं को मिलाकर बिहार को केवल इन पांच महीनों में लगभग 85 हजार करोड़ रुपये की योजनाओं की सौगात प्राप्त हुई है।
विशेष रूप से राजधानी पटना पर केंद्रित योजनाओं की बाढ़ आई है। पटना को चमकाने और आधुनिक बनाने के उद्देश्य से कई ऐतिहासिक परियोजनाओं को शुरू किया गया या पूरा किया गया है।
जेपी गंगा पथ परियोजना के अंतिम चरण का उद्घाटन कंगन घाट से दीदारगंज तक किया गया, जिसकी लागत 3831 करोड़ रुपये है। इसी तरह देश का पहला डबल डेकर फ्लाइओवर, करगिल चौक से साइंस कॉलेज तक 422 करोड़ रुपये की लागत से बनकर तैयार हुआ है। मीठापुर से महुली तक 8.7 किलोमीटर लंबी ऐलिवेटेड रोड भी 1105 करोड़ रुपये की लागत से पूरी हो चुकी है।
इसके अलावा, जीपीओ गोलंबर के पास 66.81 करोड़ रुपये की लागत से मल्टी-मॉडल हब और 84.83 करोड़ रुपये की लागत से अंडरग्राउंड सबवे का उद्घाटन भी हुआ। पीएम मोदी ने पटना एयरपोर्ट पर 1200 करोड़ रुपये की लागत से बने नए टर्मिनल का उद्घाटन किया। नमामि गंगे योजना के तहत पटना में 5 एसटीपी प्लांटों का उद्घाटन भी शामिल है।
स्वास्थ्य सेवाओं में भी बड़ा निवेश हुआ है। पीएमसीएच में 1117 बेड वाले नए भवन का उद्घाटन किया गया, जिसकी कुल लागत 5540 करोड़ रुपये है। इसके अलावा, एक तिब्बी कॉलेज का भी निर्माण शुरू हो चुका है।
गंगा नदी पर कच्ची दरगाह से विदुपुर तक 6 लेन का पुल और सड़क का निर्माण कार्य भी शुरू हो चुका है, जिसकी लागत 4988 करोड़ रुपये है।
इस वर्ष मार्च से जून के बीच घोषित योजनाओं में सबसे बड़ी योजना 30 मई को पीएम द्वारा बिक्रमगंज में घोषित 48,500 करोड़ रुपये की परियोजना रही। वहीं, 20 जून को सीवान में 5900 करोड़ रुपये की योजनाओं की सौगात दी गई।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की योजनाओं में भी कई बड़े प्रोजेक्ट शामिल हैं:
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5 मार्च को सीएम ने प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना के तहत 3 लाख लाभार्थियों के खातों में 1200 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए।
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12 मई को 12,105 किलोमीटर लंबी 6938 ग्रामीण सड़कों के मरम्मत कार्य की शुरुआत की गई, जिसकी लागत 8716 करोड़ रुपये है।
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13 मई को बेगूसराय में 200 करोड़ रुपये से अधिक की 48 योजनाओं का शिलान्यास हुआ।
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19 मई को आरा में 144.72 करोड़ रुपये की लागत से कृषि इंजीनियरिंग कॉलेज की आधारशिला रखी गई।
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20 मई को मुख्यमंत्री समग्र शहरी विकास योजना के तहत 1002 करोड़ रुपये की 1327 योजनाओं की घोषणा की गई।
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9 जून को बख्तियारपुर के पास गंगा के पुराने बहाव को वापस लाने के लिए 342 करोड़ रुपये की योजना बनाई गई।
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13 जून को मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना और सामाजिक सुरक्षा पेंशन के तहत 271 करोड़ रुपये वितरित किए गए।
इन सभी योजनाओं का मुख्य उद्देश्य बिहार की अधोसंरचना को मजबूत करना, रोजगार के नए अवसर पैदा करना और सामाजिक कल्याण योजनाओं के माध्यम से आम जनता को लाभ पहुंचाना है। डबल इंजन सरकार के इस विकास मॉडल से राज्य के दूरदराज के इलाकों तक तरक्की की रौशनी पहुंच रही है।