Uttarakhand: “विकसित भारत” की तर्ज पर “विकसित उत्तराखंड” की दिशा में सीएम ने दिए व्यापक निर्देश, पर्यटन को मिलेगा नया स्वरूप

Uttarakhand: “विकसित भारत” की तर्ज पर “विकसित उत्तराखंड” की दिशा में सीएम ने दिए व्यापक निर्देश, पर्यटन को मिलेगा नया स्वरूप
देहरादून: उत्तराखंड में पर्यटन और ग्राम विकास को लेकर मुख्यमंत्री द्वारा आयोजित एक अहम बैठक में राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों को “विकसित भारत” की अवधारणा के अनुरूप “विकसित उत्तराखंड” के निर्माण की दिशा में ठोस कदम उठाने के निर्देश दिए गए। यह बैठक मुख्यमंत्री के शासकीय आवास पर आयोजित की गई, जहां कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए।
मुख्यमंत्री ने पर्यटन सचिव को निर्देश दिए कि राज्य के पर्यटन ढांचे को सुदृढ़ बनाने हेतु अल्पकालिक, मध्यकालिक और दीर्घकालिक योजनाओं को शीघ्र तैयार किया जाए। इन योजनाओं का उद्देश्य न केवल पर्यटन को प्रोत्साहन देना है, बल्कि स्थानीय स्तर पर अधिक से अधिक रोजगार के अवसर भी सृजित करना है।
आदर्श ग्राम विकास की पहल
बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि सारकोट गांव की तर्ज पर हर जनपद में दो गांवों को ‘आदर्श ग्राम’ के रूप में विकसित किया जाएगा। इन गांवों में स्थानीय संस्कृति और वास्तुकला का ध्यान रखते हुए शिक्षा, स्वास्थ्य, पेयजल, सड़क और अन्य मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में जीवनस्तर बेहतर हो सके।
स्पिरिचुअल इकोनॉमिक ज़ोन और साहसिक पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर घोषित दो स्पिरिचुअल इकोनॉमिक ज़ोन की स्थापना के लिए उपयुक्त स्थलों का शीघ्र चयन कर निर्माण कार्य आरंभ करने के निर्देश भी दिए गए। साथ ही मुख्यमंत्री ने एडवेंचर टूरिज्म को बढ़ावा देने हेतु नए पर्यटन स्थलों के विकास की भी बात कही। इस कदम से क्षेत्रीय युवाओं को स्थानीय स्तर पर रोजगार मिलेगा और राज्य का पर्यटन राजस्व भी बढ़ेगा।
होमस्टे मॉडल बन रहा सफल उदाहरण
मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में डबल इंजन सरकार के प्रयासों से उत्तराखंड में होमस्टे मॉडल सफलतापूर्वक कार्य कर रहा है। धार्मिक, साहसिक और ग्रामीण पर्यटन के तीनों पहलुओं के संतुलन से उत्तराखंड को एक आदर्श पर्यटन राज्य के रूप में विकसित किया जा रहा है।
राज्य सरकार की यह पहल उत्तराखंड को “विकसित भारत” के विजन के साथ जोड़ने की दिशा में एक ठोस कदम है, जो न केवल आर्थिक विकास को बढ़ावा देगा, बल्कि स्थानीय संस्कृति और रोजगार को भी समृद्ध बनाएगा।