• June 22, 2025

Uttarakhand: चारधाम यात्रा में 32 लाख श्रद्धालु पहुंचे, अन्य तीर्थ स्थलों पर भी बढ़ी रौनक, उत्तराखंड की आर्थिकी को मिला नया संबल

 Uttarakhand: चारधाम यात्रा में 32 लाख श्रद्धालु पहुंचे, अन्य तीर्थ स्थलों पर भी बढ़ी रौनक, उत्तराखंड की आर्थिकी को मिला नया संबल
Sharing Is Caring:

Uttarakhand: चारधाम यात्रा में 32 लाख श्रद्धालु पहुंचे, अन्य तीर्थ स्थलों पर भी बढ़ी रौनक, उत्तराखंड की आर्थिकी को मिला नया संबल

उत्तराखंड की पवित्र चारधाम यात्रा इस वर्ष श्रद्धालुओं की जबरदस्त आस्था और उत्साह का केंद्र बनी हुई है। अब तक करीब 32 लाख तीर्थयात्री चारधाम की यात्रा पूरी कर चुके हैं, और यह संख्या लगातार बढ़ रही है। खास बात यह है कि श्रद्धालु अब केवल चारधाम तक ही सीमित नहीं हैं, बल्कि प्रदेश के अन्य प्रसिद्ध तीर्थ स्थलों जैसे कार्तिकेय स्वामी मंदिर, जगन्नाथ मंदिर और हेमकुंड साहिब में भी बड़ी संख्या में पहुंच रहे हैं। इसका असर न केवल धार्मिक गतिविधियों पर पड़ा है, बल्कि स्थानीय आर्थिकी को भी जबरदस्त सहारा मिला है।

चारधाम यात्रा के लिए इस वर्ष कुल पंजीकरण की संख्या 44 लाख से अधिक हो चुकी है। इसमें यमुनोत्री के लिए 7,13,456, गंगोत्री के लिए 7,80,554, केदारनाथ के लिए 14,43,513, बद्रीनाथ के लिए 13,36,923 और हेमकुंड साहिब के लिए 1,69,180 तीर्थयात्रियों ने पंजीकरण कराया है। यह दर्शाता है कि आस्था की डोर से बंधे लोग बड़ी संख्या में उत्तराखंड की आध्यात्मिक भूमि का दर्शन करने आ रहे हैं।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की पहल और प्रयासों का असर साफ नजर आने लगा है। उन्होंने न केवल चारधाम, बल्कि प्रदेश के अन्य छोटे-बड़े तीर्थ स्थलों के प्रचार-प्रसार पर भी विशेष ध्यान दिया है, ताकि धार्मिक पर्यटन का लाभ राज्य के दूर-दराज के क्षेत्रों तक पहुंचे। यही कारण है कि अब रुद्रप्रयाग जिले का कार्तिकेय स्वामी मंदिर और उत्तरकाशी का जगन्नाथ मंदिर तीर्थ यात्रियों के नए आकर्षण बनकर उभरे हैं।

गत वर्ष जहां कार्तिकेय स्वामी मंदिर में चार लाख तीर्थयात्री पहुंचे थे, वहीं इस वर्ष जून मध्य तक ही यह संख्या 10 लाख को पार कर चुकी है। इसी तरह उत्तरकाशी के जगन्नाथ मंदिर में भी इस वर्ष अब तक 25,000 श्रद्धालु पहुंच चुके हैं। इससे यह स्पष्ट हो रहा है कि धार्मिक पर्यटन का दायरा अब सीमित नहीं रह गया है और अन्य धार्मिक स्थलों की ओर भी श्रद्धालुओं का रुझान लगातार बढ़ रहा है।

इस तीर्थ यात्रियों की भीड़ से केवल धार्मिक स्थल ही नहीं, बल्कि होटल, रेस्टोरेंट, परिवहन सेवाएं, प्रसाद विक्रेता, गाइड और दुकानदार जैसे हजारों स्थानीय लोगों को रोजगार और आमदनी का अवसर मिल रहा है। इससे राज्य की ग्रामीण और पर्वतीय अर्थव्यवस्था को गति मिल रही है, जो लंबे समय तक टिकाऊ विकास के लिए जरूरी है।

सरकार अब हर तीर्थ स्थल पर बुनियादी सुविधाएं जैसे पेयजल, स्वच्छता, स्वास्थ्य सेवा, सड़क, और आवासीय सुविधाओं के विस्तार पर ध्यान दे रही है, ताकि तीर्थयात्रियों को बेहतर अनुभव मिल सके और राज्य का धार्मिक पर्यटन सशक्त बन सके।

Sharing Is Caring:

Admin

https://nirmanshalatimes.com/

A short bio about the author can be here....

Related post

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *