Uttarakhand: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से महत्वपूर्ण भेंट: उत्तराखंड से जुड़े प्रस्तावों पर हुई व्यापक चर्चा

Uttarakhand: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से महत्वपूर्ण भेंट: उत्तराखंड से जुड़े प्रस्तावों पर हुई व्यापक चर्चा
नई दिल्ली में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने आज केंद्रीय रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह से शिष्टाचार भेंट कर राज्य के विकास, सुरक्षा और धार्मिक-सांस्कृतिक महत्व से जुड़े कई अहम मुद्दों पर विस्तृत चर्चा की। मुख्यमंत्री ने राज्य की जनता की अपेक्षाओं और ज़रूरतों के अनुरूप रक्षा मंत्रालय से सहयोग की मांग करते हुए कई ठोस प्रस्ताव प्रस्तुत किए, जिन पर रक्षा मंत्री ने सकारात्मक रुख दिखाया।
मुख्यमंत्री ने बैठक के दौरान सबसे पहले रानीखेत और लैंसडाउन छावनी क्षेत्रों के नगर पालिकाओं में विलय का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि इन छावनी क्षेत्रों को नगर निकायों के साथ मिलाने से स्थानीय निवासियों को मूलभूत सेवाओं और विकास कार्यों का सीधा लाभ मिलेगा। वर्तमान में छावनी बोर्ड की सीमित प्रशासनिक व्यवस्था के चलते स्थानीय नागरिकों को नागरिक सुविधाओं की उपलब्धता में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।
इसके अतिरिक्त, मुख्यमंत्री ने धारचूला और ज्योतिर्मठ में स्थित सैन्य हेलीपैड्स को क्षेत्रीय कनेक्टिविटी योजना (RCS) के अंतर्गत नागरिक उड्डयन सेवाओं के लिए खोलने की अनुमति मांगी। उन्होंने तर्क दिया कि इन हेलीपैड्स का उपयोग नागरिक हवाई सेवा के लिए करने से दुर्गम पर्वतीय क्षेत्रों में आवागमन की सुविधा बढ़ेगी, पर्यटन को प्रोत्साहन मिलेगा और स्थानीय लोगों को आपातकालीन परिवहन सेवाओं का लाभ मिल सकेगा।
आपदा प्रबंधन के मुद्दे पर मुख्यमंत्री ने एक महत्वपूर्ण प्रस्ताव रखते हुए अनुरोध किया कि राज्य में आपदा एवं राहत कार्यों के लिए जब भारतीय वायुसेना की सेवाएं ली जाती हैं, तो उसके एवज में लिया जाने वाला शुल्क माफ किया जाए। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड एक आपदा-प्रवण राज्य है, जहां भूस्खलन, बाढ़, बादल फटने और हिमस्खलन जैसी घटनाएं अक्सर होती रहती हैं। ऐसे में वायुसेना की मदद न केवल समय-संवेदनशील होती है, बल्कि कई बार जनजीवन की रक्षा में निर्णायक भूमिका निभाती है।
राज्य की सांस्कृतिक विरासत और पर्यटन से जुड़ी एक और अहम मांग के तहत मुख्यमंत्री ने ग्वालदम से नंदकेसरी होते हुए थराली, देवाल, मुन्दोली और वाण को जोड़ने वाले मोटर मार्ग के रख-रखाव और अनुरक्षण का जिम्मा भविष्य में भी लोक निर्माण विभाग (PWD) को दिए जाने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि यह मार्ग विश्व प्रसिद्ध नंदा देवी राजजात यात्रा का मुख्य मार्ग है, जो हर 12 वर्षों में आयोजित होती है। अगली यात्रा वर्ष 2026 में प्रस्तावित है, जिसमें लाखों श्रद्धालु भाग लेते हैं। यह यात्रा केवल धार्मिक नहीं, बल्कि उत्तराखंड की सांस्कृतिक अस्मिता और पारंपरिक आस्था की गहरी झलक देती है।
इन सभी प्रस्तावों पर केंद्रीय रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने सहमति जताते हुए राज्य सरकार को आवश्यक सहयोग देने का भरोसा दिलाया। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड जैसे सामरिक और संवेदनशील राज्य की आवश्यकताओं को समझते हुए केंद्र सरकार हरसंभव सहयोग करेगी।
यह भेंट उत्तराखंड के विकास के लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण मानी जा रही है, क्योंकि इससे राज्य की आधारभूत संरचना, नागरिक सेवाएं और धार्मिक पर्यटन को नया आयाम मिल सकता है।