Uttarakhand:उत्तराखंड में सामाजिक विकास, डिजिटल प्रतिभा और एआई आधारित शिक्षा को बढ़ावा देने हेतु मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की उपस्थिति में तीन ऐतिहासिक समझौते

Uttarakhand:उत्तराखंड में सामाजिक विकास, डिजिटल प्रतिभा और एआई आधारित शिक्षा को बढ़ावा देने हेतु मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की उपस्थिति में तीन ऐतिहासिक समझौते
देहरादून, 4 जून 2025 — उत्तराखंड में तकनीकी और सामाजिक प्रगति को नई दिशा देने वाले तीन महत्वपूर्ण समझौतों पर मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी की उपस्थिति में सचिवालय में हस्ताक्षर किए गए। ये समझौते राज्य के सामाजिक विकास, डिजिटल प्रतिभा निर्माण और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित व्यक्तित्व विकास को बढ़ावा देने की दिशा में मील का पत्थर साबित होंगे।
पहला समझौता उत्तराखंड सरकार, सेतु आयोग और टाटा ट्रस्ट के बीच हुआ, जिसके तहत राज्य में जल प्रबंधन, पोषण, टेलीमेडिसिन, ग्रामीण आजीविका और हरित ऊर्जा जैसे सामाजिक विकास के क्षेत्रों में संयुक्त रूप से कार्य किया जाएगा। इस समझौते की अवधि 10 वर्ष की होगी और इसका उद्देश्य राज्य के ग्रामीण और वंचित समुदायों तक प्रभावी सेवाएं पहुंचाना है।
दूसरा त्रिपक्षीय समझौता सेतु आयोग, उच्च शिक्षा विभाग, तकनीकी शिक्षा विभाग और नैस्कॉम/आईटी-आईटीईएस सेक्टर स्किल काउंसिल के बीच हुआ, जिसका उद्देश्य उत्तराखंड को डिजिटल टैलेंट केंद्र बनाना है। इस पहल के अंतर्गत राज्य के सभी सरकारी और निजी कॉलेजों में फ्यूचर स्किल्स से जुड़े आधुनिक पाठ्यक्रमों को शैक्षणिक क्रेडिट के साथ जोड़ा जाएगा। प्रत्येक जिले में एक मॉडल कॉलेज को ‘मेंटर संस्थान’ के रूप में विकसित किया जाएगा। अनुमान है कि लगभग 1.5 लाख छात्र आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, साइबर सिक्योरिटी, डेटा साइंस, जनरेटिव एआई और पायथन जैसी अत्याधुनिक तकनीकों में प्रशिक्षित होंगे।
तीसरा समझौता वाधवानी फाउंडेशन, सेतु आयोग और उच्च शिक्षा विभाग के बीच किया गया, जिसमें तीन वर्षों के लिए सहयोग स्थापित किया गया है। इसका उद्देश्य एआई आधारित व्यक्तित्व विकास और स्वरोजगार के लिए कौशल विकास पाठ्यक्रमों को प्रदेश के सभी सरकारी उच्च शिक्षण संस्थानों में लागू करना है। इस योजना के अंतर्गत लगभग 1.20 लाख छात्रों को रोजगारपरक और सॉफ्ट स्किल्स पर आधारित प्रशिक्षण दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने इन समझौतों को राज्य के लिए अत्यंत उपयोगी और भविष्यदर्शी बताया। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड को देश का अग्रणी राज्य बनाने के लिए सरकार समाज के अंतिम व्यक्ति तक विकास योजनाओं को पहुंचाने के लिए कार्यरत है। उन्होंने यह भी कहा कि ये तीनों समझौते न केवल उत्तराखंड को आधुनिक मानव संसाधन विकसित करने में मदद करेंगे, बल्कि राज्य को एआई और साइबर सिक्योरिटी हब के रूप में स्थापित करने की दिशा में निर्णायक कदम हैं।
मुख्यमंत्री ने टाटा ट्रस्ट, नैस्कॉम और वाधवानी फाउंडेशन का धन्यवाद ज्ञापित करते हुए विश्वास जताया कि इन संस्थानों के सहयोग से राज्य में युवाओं को 21वीं सदी की मांगों के अनुरूप रोजगारपरक शिक्षा मिलेगी और उत्तराखंड का हर कोना तकनीकी विकास की रोशनी से प्रकाशित होगा।
इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री डॉ. धन सिंह रावत, सेतु आयोग के उपाध्यक्ष श्री राज शेखर जोशी, मुख्य सचिव श्री आनंद बर्द्धन, टाटा ट्रस्ट के सीईओ श्री सिद्धार्थ शर्मा, नैस्कॉम स्किल काउंसिल की सीईओ श्रीमती अभिलाषा गौड़, वाधवानी फाउंडेशन के एक्जीक्यूटिव वीपी श्री सुनील दहिया, उच्च शिक्षा सचिव श्री रंजीत सिन्हा, सचिव श्रीमती राधिका झा समेत कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।