UP: अंतरराष्ट्रीय कौशल विकास की दिशा में बड़ा कदम: ग्रामीण युवाओं को ग्लोबल स्किल्स से जोड़ेगी योगी सरकार

UP: अंतरराष्ट्रीय कौशल विकास की दिशा में बड़ा कदम: ग्रामीण युवाओं को ग्लोबल स्किल्स से जोड़ेगी योगी सरकार
उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने ग्रामीण युवाओं को वैश्विक स्तर के कौशल से जोड़ने की दिशा में एक महत्वपूर्ण और दूरगामी पहल की है। दीन दयाल उपाध्याय-ग्रामीण कौशल्य योजना (डीडीयू-जीकेवाई) को आधुनिक स्वरूप देकर मुख्यमंत्री योगी ने राज्य को अंतरराष्ट्रीय कौशल विकास के नक्शे पर स्थापित करने की दिशा में ठोस कदम बढ़ा दिए हैं। इस योजना का उद्देश्य सिर्फ युवाओं को प्रशिक्षण देना नहीं, बल्कि उन्हें अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार तैयार कर उन्हें उच्च वेतन वाली नौकरियों से जोड़ना है, जिससे वे अपने परिवार, समाज और प्रदेश की आर्थिक समृद्धि में भागीदार बन सकें।
राज्य सरकार की इस योजना का मुख्य फोकस ग्रामीण युवाओं, विशेष रूप से महिलाओं को वैश्विक उद्योगों के अनुरूप दक्ष बनाना है। सरकार ने न्यूनतम 12,000 रुपये मासिक वेतन वाली नौकरियों के लिए कम से कम 75 प्रतिशत प्रशिक्षुओं को प्लेसमेंट दिलाने का लक्ष्य निर्धारित किया है। महिलाओं को प्रशिक्षण में अधिक से अधिक शामिल करने की नीति अपनाकर राज्य सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि समाज का वह वर्ग, जो अब तक मुख्यधारा से वंचित था, भी आर्थिक सशक्तिकरण की ओर अग्रसर हो सके।
इस मिशन की सफलता के लिए राज्य सरकार केवल युवाओं के प्रशिक्षण पर ही नहीं, बल्कि अधिकारियों और परियोजना कार्यान्वयन एजेंसियों की क्षमता वृद्धि पर भी विशेष ध्यान दे रही है। अप्रैल 2025 में प्रस्तावित कार्यशालाओं और प्रशिक्षण सत्रों के माध्यम से न केवल इन एजेंसियों की कार्यक्षमता को बढ़ाया जाएगा, बल्कि प्रशिक्षण की गुणवत्ता को भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहुंचाने का प्रयास किया जाएगा। योगी सरकार की मंशा है कि प्रशिक्षण सिर्फ प्रमाणपत्र तक सीमित न रह जाए, बल्कि व्यावहारिक कौशल और उद्योगों की वास्तविक जरूरतों से मेल खाए।
इसी दिशा में सरकार विभिन्न देशों और भारत के अन्य राज्यों की सफल कौशल विकास परियोजनाओं का गहन अध्ययन कर रही है, ताकि उनकी सर्वोत्तम प्रथाओं को उत्तर प्रदेश की प्रणाली में समाहित किया जा सके। इससे प्रदेश के युवाओं को न केवल देश के भीतर, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी नौकरी के बेहतरीन अवसर मिल सकेंगे। इस योजना को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए राज्य सरकार उद्योगों के साथ मिलकर दो दिवसीय कार्यशाला आयोजित करने जा रही है, जिसमें प्रशिक्षित युवाओं को शत-प्रतिशत रोजगार सुनिश्चित करने की रणनीति तैयार की जाएगी।
डीडीयू-जीकेवाई को नई दिशा देने के लिए इस महीने ही कौशल विकास विभाग द्वारा विस्तृत कार्ययोजना तैयार की जा रही है। हाल ही में हुई समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ने स्पष्ट निर्देश दिए कि नई कार्ययोजना ऐसी हो जो न केवल वर्तमान जरूरतों को पूरा करे, बल्कि भविष्य की वैश्विक मांगों के अनुरूप युवाओं को तैयार कर सके। सरकार का इरादा इस योजना को केवल एक सरकारी पहल तक सीमित न रखते हुए इसे एक व्यापक सामाजिक-आर्थिक क्रांति का आधार बनाना है।
उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन इस लक्ष्य की पूर्ति के लिए आधुनिक प्रशिक्षण केंद्रों की स्थापना पर भी काम कर रहा है, जो वैश्विक मानकों के अनुरूप होंगे। ये केंद्र ग्रामीण क्षेत्रों में युवाओं के लिए वह अवसर बनेंगे, जिनकी उन्हें लंबे समय से आवश्यकता थी।
योगी सरकार का यह प्रयास उत्तर प्रदेश के युवाओं को सिर्फ नौकरी दिलाने की योजना नहीं है, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर, वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी और सामाजिक रूप से प्रभावशाली बनाने का एक सशक्त माध्यम है। इस पहल से न सिर्फ प्रदेश में बेरोजगारी की समस्या को कम किया जा सकेगा, बल्कि यह उत्तर प्रदेश को भारत का अगला कौशल हब बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित हो सकता है।