Unified Pension Scheme: उत्तराखंड में यूनिफाइड पेंशन स्कीम लागू, एक लाख से अधिक कार्मिकों को मिलेगा लाभ

Unified Pension Scheme: उत्तराखंड में यूनिफाइड पेंशन स्कीम लागू, एक लाख से अधिक कार्मिकों को मिलेगा लाभ
प्रदेश के राजकीय, अर्द्ध शासकीय, निकायों, सार्वजनिक उपक्रमों एवं सहायता प्राप्त शिक्षण संस्थाओं के कार्मिकों को अब यूनिफाइड पेंशन स्कीम (यूपीएस) का लाभ मिलेगा। केंद्र सरकार की इस योजना को राज्य सरकार ने अंगीकृत करते हुए मंगलवार को अधिसूचना जारी कर दी है। यह योजना प्रदेश में एक अप्रैल 2025 से लागू होगी, जिससे 1,00,937 कार्मिकों को विकल्प उपलब्ध होगा। इस योजना के कारण राज्य के राजकोष पर सालाना 492 करोड़ रुपये का अतिरिक्त भार पड़ेगा।
उत्तराखंड के सरकारी कार्मिक वर्तमान में नेशनल पेंशन सिस्टम (एनपीएस) के तहत लाभान्वित हो रहे हैं। केंद्र सरकार ने 24 जनवरी 2025 को इस नई योजना की अधिसूचना जारी की थी, जो एनपीएस और ओल्ड पेंशन स्कीम (ओपीएस) का मिला-जुला स्वरूप है। प्रदेश में सरकारी कार्मिकों के वेतन, भत्ते और पेंशन को केंद्र सरकार के अनुरूप रखा गया है। इसी नीति के तहत वर्ष 2005 में प्रदेश में एनपीएस लागू किया गया था।
राज्य सरकार ने स्पष्ट किया है कि यह योजना कार्मिकों पर थोपी नहीं जाएगी। जो कर्मचारी चाहें, वे एनपीएस में ही बने रह सकते हैं, जबकि यूपीएस को अपनाने का विकल्प भी उनके पास उपलब्ध होगा। यूपीएस के तहत कर्मचारियों के वेतन से एनपीएस की तरह ही 10 प्रतिशत की कटौती की जाएगी, लेकिन सरकार का योगदान एनपीएस के 14 प्रतिशत के बजाय यूपीएस में 18.5 प्रतिशत होगा।
यूपीएस के तहत नया विकल्प लेने वाले कर्मचारियों को 10 वर्ष की सेवा के बाद 10,000 रुपये मासिक पेंशन मिलेगी, जबकि एनपीएस में यह राशि 9,000 रुपये निर्धारित है। यदि कोई कर्मचारी 25 वर्ष की सेवा पूरी करता है, तो उसे यूपीएस के तहत पूरी पेंशन के रूप में उसके कुल वेतन का 50 प्रतिशत प्राप्त होगा। साथ ही समय-समय पर महंगाई भत्ते का लाभ भी दिया जाएगा।
यूपीएस के तहत पारिवारिक पेंशन का भी प्रावधान किया गया है, जिसके तहत कर्मचारी के परिवार को पेंशन का 60 प्रतिशत हिस्सा मिलेगा। इस योजना को लेकर राज्य के कार्मिकों में सकारात्मक प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है, क्योंकि यह योजना पुरानी और नई पेंशन व्यवस्था के बीच संतुलन बनाने का प्रयास है।