गर्मियों से पहले ही सूखने लगे लोगों के हलक, सैकड़ों कॉलोनियों में गहराया जल संकट
उत्तराखंड में पानी का संकट यूं तो मई और जून महीने में शुरू होता है, लेकिन इस बार लोगों के हलक सूखने का सिलसिला मार्च से ही शुरू हो गया है. स्थिति ये है कि पानी की कमी को लेकर अभी से शिकायतें मिलने लगी हैं. जबकि आंकड़े यह बताते हैं कि गर्मियों के महीनों में सैकड़ों कॉलोनियां हमेशा पानी के लिए तरसती रही हैं.प्रदेश में यह सीजन तापमान के लिहाज से पहले ही आने वाली परेशानियों को जाहिर करने लगा है. मार्च महीने में तापमान सामान्य से 10 डिग्री तक भी अधिक रिकॉर्ड किया गया है. जबकि अप्रैल महीने में होने वाली गर्मी का एहसास मार्च में ही महसूस हो रहा है. इसका असर न केवल बढ़ते तापमान के रूप में झेलना पड़ रहा है बल्कि, इससे समय से पहले ही पानी का संकट भी खड़ा होने लगा है. इस बात का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि मार्च महीने में ही देहरादून से 1 दिन के भीतर ही पेयजल की समस्या को लेकर 150 तक शिकायतें मिलने लगी हैं. इसमें पीने के पानी की सप्लाई बाधित होने, गंदा पानी आने से लेकर लीकेज तक की समस्या शामिल हैं.