संस्कृति और कला का महासंगम! हरिद्वार में ‘नेशनल हैंडीक्राफ्ट वीक’ का आगाज़; CDO ने किया प्रदर्शनी का उद्घाटन, कारीगरों की कलाकृति ने मोहा सबका मन-
संस्कृति और कला का महासंगम! हरिद्वार में ‘नेशनल हैंडीक्राफ्ट वीक’ का आगाज़; CDO ने किया प्रदर्शनी का उद्घाटन, कारीगरों की कलाकृति ने मोहा सबका मन
*अहमद हसन:-*
ऋषिकुल मैदान बना हस्तशिल्प का केंद्र, देहरादून से लेकर रुड़की तक के अंतर्राष्ट्रीय स्तर के डिजाइनर हुए शामिल; विलुप्त होती पुरातन कलाओं को मिला मंच
हरिद्वार, ९ दिसम्बर २०२५। नेशनल हैंडीक्राफ्ट वीक के तहत हरिद्वार के ऋषिकुल मैदान में आज कला और कौशल का अभूतपूर्व संगम देखने को मिला, जहाँ तीन दिवसीय क्राफ्ट डिमोंट्रेशन एवं जागरूकता प्रदर्शनी का भव्य शुभारंभ किया गया। इस प्रदर्शनी में देशभर के कुशल डिजाइनरों और पेंटिंग कारीगरों की रचनात्मकता और मनमोहक कला का प्रदर्शन किया गया है, जिसने हरिद्वारवासियों को चकित कर दिया।

मुख्य विकास अधिकारी ने किया उद्घाटन, हस्तकला को बताया देश की पहचान
प्रदर्शनी का विधिवत उद्घाटन मुख्य विकास अधिकारी (CDO) डॉ. ललित नारायण मिश्रा, जिला उद्योग केंद्र के महाप्रबंधक उत्तम कुमार तिवारी, और प्रांतीय व्यापार मंडल के अध्यक्ष डॉ. विशाल गर्ग ने किया।

डॉ. ललित नारायण मिश्रा ने इस मौके पर हस्त निर्मित कला के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि यह हमारी देश की धरोहर और पहचान है। उन्होंने कहा कि आधुनिकता के इस दौर में भी हस्त निर्मित वस्तुओं, चाहे वह सजावट का सामान हो या पेंटिंग, का आकर्षण और उपयोगिता कायम है। उन्होंने सभी उपस्थित लोगों से इन कुशल कारीगरों का उत्साहवर्धन करने और हस्त कलाओं को बढ़ावा देने का आह्वान किया।

पुरातन यंत्रों से लेकर आधुनिक टेक्सटाइल तक… कलाकृतियों का खजाना
हस्तलिप सेवा केंद्र के असिस्टेंट डायरेक्टर नलिन राय ने बताया कि इस प्रदर्शनी में कई अंतर्राष्ट्रीय डिजाइनर भी अपनी कला का प्रदर्शन कर रहे हैं। यहाँ मौजूद कलाकृतियों की विविधता अविश्वसनीय है:

कला और पेंटिंग: देहरादून की पूनम वर्मा, जया, और हरिद्वार की ज्योति भट्ट ने अपनी पेंटिंग के माध्यम से पर्स, वॉच, बर्तन, और गणेश जी की सुंदर कलाकृतियां प्रस्तुत की हैं।
टेक्सटाइल और ऊनी वस्त्र: मानसी के आकर्षक टेक्सटाइल डिज़ाइन और इंटरनेशनल मेलों में प्रतिभाग करने वाली निर्मला चौहान के ऊनी कपड़ों, शॉल, और बच्चों के खिलौनों ने सबका ध्यान खींचा।

पुरातन धरोहर: रुड़की के प्रसिद्ध मोहम्मद एहसान द्वारा प्रदर्शित पुरातन आर्टिकल यंत्रों की प्रदर्शनी (जैसे कि जहाज यात्रा के दिशा सूचक, टाइमिंग घडी और दूरबीन) विलुप्त होती कलाओं को जीवंत करने का एक शानदार प्रयास है।
बेस्ट टू वंडर: प्रदर्शनी में पुराने फूलों से निर्मित अगरबत्ती, धूप बत्ती, और दीयों के साथ-साथ, पूजा द्वारा बेस्ट (व्यर्थ) कपड़ों से की गई सजावट और बबली द्वारा निर्मित जूट के सामान पर्यावरण संरक्षण का संदेश भी दे रहे हैं
यह तीन दिवसीय प्रदर्शनी हरिद्वार के कला प्रेमियों और आम जनता के लिए एक सुनहरा अवसर है, जहाँ वे सीधे कारीगरों से मिल सकते हैं और हस्तशिल्प की बारीकियों को समझ सकते हैं।