Uttarakhand Agriculture: उत्तराखण्ड सरकार का बड़ा निर्णय, गन्ना मूल्य में ऐतिहासिक बढ़ोतरी, किसानों की आय में नई मजबूती
Uttarakhand Agriculture: उत्तराखण्ड सरकार का बड़ा निर्णय, गन्ना मूल्य में ऐतिहासिक बढ़ोतरी, किसानों की आय में नई मजबूती
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गन्ना किसानों के हित में एक महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक फैसला लेते हुए पेराई सत्र 2025–26 के लिए गन्ने के राज्य परामर्शित मूल्य में उल्लेखनीय वृद्धि को मंजूरी दे दी है। सरकार का यह निर्णय किसानों की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने और उनके जीवन स्तर में सुधार लाने की दिशा में निर्णायक कदम माना जा रहा है। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट कहा कि उत्तराखण्ड सरकार किसानों के हितों को सर्वोच्च प्राथमिकता देती है और यह सुनिश्चित करने के लिए संकल्पित है कि किसानों को उनकी मेहनत और उपज का पूर्ण और उचित मूल्य समय पर प्राप्त हो।
पिछले पेराई सत्र 2024–25 में अगेती प्रजाति के गन्ने का मूल्य 375 रुपये प्रति कुंतल और सामान्य प्रजाति का मूल्य 365 रुपये प्रति कुंतल निर्धारित था। इस वर्ष दोनों श्रेणियों में उल्लेखनीय वृद्धि करते हुए अगेती गन्ने का मूल्य 405 रुपये प्रति कुंतल और सामान्य गन्ने का मूल्य 395 रुपये प्रति कुंतल तय किया गया है। यह वृद्धि किसानों की आय बढ़ाने और कृषि आधारित अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बताया कि गन्ना मूल्य निर्धारण से संबंधित प्रक्रिया पूरी तरह व्यापक चर्चा और अध्ययन के बाद तय की गई है। इसमें सहकारी, सार्वजनिक एवं निजी क्षेत्र की चीनी मिलों, गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग विभाग, किसान संगठनों और संबंधित हितधारकों से विचार-विमर्श किया गया। साथ ही केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित फ्रेंम्ड रेम्युनरेटिव प्राइस (FRP), उत्तर प्रदेश के प्रभावी गन्ना मूल्य तथा उत्तराखंड की कृषि और भौगोलिक परिस्थितियों का सूक्ष्म विश्लेषण करते हुए यह संतुलित निर्णय लिया गया है।
मुख्यमंत्री ने सभी संबंधित विभागों को निर्देश दिए हैं कि खरीद केंद्रों पर किसानों को किसी भी प्रकार की समस्या या देरी का सामना न करना पड़े। भुगतान को पारदर्शी, सरल और समयबद्ध बनाने के निर्देश भी जारी किए गए हैं ताकि किसान अपनी मेहनत की फसल का लाभ बिना किसी बाधा के प्राप्त कर सकें।
राज्य सरकार का मानना है कि यह मूल्य वृद्धि न केवल गन्ना उत्पादकों को त्वरित राहत प्रदान करेगी, बल्कि पूरे राज्य की कृषि अर्थव्यवस्था में नई ऊर्जा का संचार करेगी। इससे गन्ना खेती को बढ़ावा मिलेगा, ग्रामीण स्तर पर रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और राज्य का आर्थिक ढांचा और मजबूत बनेगा।
यह निर्णय स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि उत्तराखण्ड सरकार किसानों की समृद्धि और भविष्य की सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध है और उनके विकास से जुड़े हर कदम को प्राथमिकता के साथ आगे बढ़ा रही है।