IITF 2025 में गूँजा ‘झारखंड’: सांस्कृतिक वैभव, क्रिएटिव इकोनॉमी और विकास का भव्य प्रदर्शन!
IITF 2025 में गूँजा ‘झारखंड’: सांस्कृतिक वैभव, क्रिएटिव इकोनॉमी और विकास का भव्य प्रदर्शन!
अहमद हसन:-
भारत मंडपम में ‘झारखंड दिवस’ बना आकर्षण का शिखर; छऊ, पाइका और नागपुरी नृत्यों ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध किया
नई दिल्ली: भारत मंडपम में आयोजित 44वें भारतीय अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेला (IITF 2025) में झारखंड दिवस समारोह का आयोजन बेहद भव्य और ऐतिहासिक रहा। यह समारोह राज्य की समृद्ध आदिवासी विरासत और उसकी तीव्र विकास यात्रा का एक जीवंत उत्सव बन गया, जिसने पूरे मेले में अपनी एक अमिट छाप छोड़ी।

मुख्य सचिव अविनाश कुमार ने किया पवेलियन का शुभारंभ
समारोह में झारखंड के मुख्य सचिव अविनाश कुमार की गरिमामयी उपस्थिति ने कार्यक्रम की भव्यता को और बढ़ा दिया। उन्होंने सबसे पहले पवेलियन पहुँचकर भगवान बिरसा मुंडा की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की और दीप प्रज्वलित कर 25वें झारखंड दिवस समारोह का विधिवत शुभारंभ किया।
पविलियन के सभी 32 स्टॉलों का अवलोकन करने के बाद, मुख्य सचिव ने राज्य के कारीगरों, महिला स्वयं सहायता समूहों (SHG), और युवा उद्यमियों द्वारा प्रदर्शित उत्कृष्ट उत्पादों की हृदय से सराहना की।

विकास की राह पर झारखंड: ‘हमारा लक्ष्य एक सक्षम, समृद्ध और भविष्य-उन्मुख राज्य’
मुख्य सचिव अविनाश कुमार ने इस अवसर पर कहा, “झारखंड सरकार राज्य को हर क्षेत्र में अग्रणी बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। हमारी संस्कृति, परंपरा और विकास मॉडल को समान प्राथमिकता देते हुए हम शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, खेल, पेयजल, तकनीक और हवाई कनेक्टिविटी जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर को तेज़ी से विकसित कर रहे हैं। हमारा लक्ष्य झारखंड को एक सक्षम, समृद्ध और भविष्य-उन्मुख राज्य के रूप में स्थापित करना है।”

सांस्कृतिक संध्या: लोक कलाओं से सराबोर प्रगति मैदान
प्रगति मैदान के नाट्यशाला थिएटर और एम्फीथियेटर में आयोजित सांस्कृतिक संध्या में झारखंड की लोक-सांस्कृतिक रंगत अपनी चरम पर थी। दर्शकों ने कलाकारों की मंत्रमुग्ध कर देने वाली प्रस्तुतियों का भरपूर आनंद लिया।
छऊ नृत्य: तपन नायक और उनकी टीम ने अपनी ओजस्वी प्रस्तुति से वीरता और सौंदर्य का अद्भुत समां बांधा।

पाइका नृत्य: श्री अशोक कच्छप के दल ने इस पारंपरिक मार्शल आर्ट फॉर्म से दर्शकों में उत्साह भर दिया।
नागपुरी और मुंडारी नृत्य: किशोर नायक और टीम का नागपुरी नृत्य, तथा सुखराम पहन और टीम का मुंडारी नृत्य, झारखंड की गहरी लोक विरासत को सामने लाए।
उरांव नृत्य: श्री कृष्ण भगत और उनकी टीम की प्रस्तुति ने भी दर्शकों को खूब लुभाया।
क्रिएटिव इकोनॉमी का केंद्र: पवेलियन बना नवाचार और परंपरा का संगम
इस वर्ष झारखंड पवेलियन विविधता और रचनात्मकता का एक अनूठा संगम बनकर उभरा। पारंपरिक कलाकृतियों से लेकर संस्थागत उत्पादों तक, हर स्टॉल ने राज्य की आर्थिक क्षमता को दर्शाया।
संस्थागत आकर्षण: झारक्राफ्ट, पालाश मार्ट, मुख्यमंत्री लघु एवं कुटीर उद्यम विकास बोर्ड, मत्स्य निदेशालय और झारखंड राज्य खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड जैसे स्टॉल विशेष आकर्षण का केंद्र रहे।
पारंपरिक कला: पैतकर और सोहराय पेंटिंग के स्टॉलों पर कला प्रेमियों की भारी भीड़ दिखी।
स्थानीय कारीगरों की धूम: मकबूल जादुपटिया, गीता वर्मा, संध्या सिंह कुंतिया, अनूपा कुजूर, अर्मान कार्पेट, करियातपुर ब्रास, और माटी कला बोर्ड जैसे स्थानीय उद्यमियों ने अपनी हस्तनिर्मित कलाओं और उत्पादों से आगंतुकों को विशेष रूप से आकर्षित किया।
झारखंड दिवस समारोह ने IITF 2025 में राज्य की सांस्कृतिक धरोहर, कारीगरों की रचनात्मकता, और सरकार की विकासोन्मुख नीतियों का एक जीवंत, प्रेरक और गतिशील रूप प्रस्तुत किया। यह पवेलियन इस बात का प्रमाण है कि झारखंड, अपनी जड़ों को थामे हुए, एक समृद्ध भविष्य की ओर तेज़ी से बढ़ रहा है।