विधानसभा की रजत जयंती: CM सोरेन ने कहा- बाबा शिबू सोरेन थे झारखंड की आत्मा-
झारखंड विधानसभा की ऐतिहासिक रजत जयंती: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा- ‘बाबा शिबू सोरेन झारखंड की आत्मा थे’, राज्य के नवनिर्माण का लिया संकल्प
अहमद हसन:-
शहीदों के सम्मान और विकास के वादे के साथ मनाई गई विधानसभा की 25वीं वर्षगांठ, उत्कृष्ट विधायक और राज्य की प्रतिभाएं हुईं सम्मानित
रांची, 22 नवंबर 2025 | झारखंड के लोकतंत्र के मंदिर, झारखंड विधानसभा ने आज अपनी स्थापना के 25 वर्ष पूरे कर लिए। इस ऐतिहासिक रजत जयंती (Silver Jubilee) समारोह का आयोजन रांची स्थित विधानसभा परिसर में भव्यता के साथ किया गया। इस गरिमामयी कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि महामहिम राज्यपाल श्री संतोष कुमार गंगवार और माननीय मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन शामिल हुए।
समारोह न केवल जश्न का प्रतीक था, बल्कि यह झारखंड के संघर्ष, बलिदान और भविष्य की उम्मीदों का संगम भी बना। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर राज्य के विकास, पारदर्शी प्रशासन और सामाजिक सशक्तिकरण के प्रति अपनी सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराया।
दिशोम गुरु को नमन: “वे झारखंड के संघर्ष और स्वाभिमान के प्रतीक थे”
समारोह के दौरान माहौल उस वक्त भावुक हो गया जब मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन ने झारखंड आंदोलन के पुरोधा और अपने पिता, ‘दिशोम गुरु’ स्वर्गीय बाबा शिबू सोरेन को याद किया।
मुख्यमंत्री ने कहा:
”यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है कि आज हमारे बीच आदरणीय बाबा दिशोम गुरु शिबू सोरेन जी नहीं हैं। उन्होंने अपने जीवन का हर क्षण राज्य की अस्मिता और आदिवासियों-मूलवासियों के स्वाभिमान के लिए समर्पित कर दिया। वे न केवल हमारे प्रेरणा स्रोत हैं, बल्कि झारखंड की आत्मा और संघर्ष के प्रतीक हैं। उनके आदर्श आने वाली पीढ़ियों के लिए सदैव प्रकाश स्तंभ बने रहेंगे।”
मुख्यमंत्री ने याद दिलाया कि झारखंड का निर्माण एक लंबी लड़ाई और अनगिनत बलिदानों का परिणाम है, और आज राज्य अपनी विशिष्ट पहचान के साथ विकास के पथ पर अग्रसर है।
सरकार का विजन: सेवा का अधिकार और पारदर्शी प्रशासन
राज्य की प्रगति पर चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने स्वीकार किया कि गठन के शुरुआती वर्षों में गरीबी और कुपोषण जैसे मुद्दों पर अपेक्षित प्रगति नहीं हो पाई थी। लेकिन, उन्होंने जोर देकर कहा कि वर्तमान सरकार ने “सेवा का अधिकार” जैसे अभिनव कार्यक्रमों के माध्यम से शासन को जनता के द्वार तक पहुंचाया है।
सरकार की प्राथमिकताएं:
आर्थिक व सामाजिक सशक्तिकरण: हर वर्ग को मुख्यधारा से जोड़ना।
पारदर्शिता: प्रत्येक ग्राम और क्षेत्र में संवेदनशील प्रशासन सुनिश्चित करना।
संवैधानिक अधिकार: अंतिम व्यक्ति तक न्याय और सुविधाओं का लाभ पहुंचाना।

सम्मान समारोह: राज सिन्हा बने ‘उत्कृष्ट विधायक’
विधानसभा की गरिमा बढ़ाने वाले जनप्रतिनिधियों और समाज के नायकों को सम्मानित करना इस समारोह का मुख्य आकर्षण रहा:
उत्कृष्ट विधायक सम्मान: माननीय विधायक श्री राज सिन्हा को उत्कृष्ट विधायक के रूप में सम्मानित किया गया। मुख्यमंत्री ने उन्हें बधाई देते हुए कहा कि यह चयन उनकी निष्ठा और सदन में उनके अनुशासित आचरण का प्रमाण है।
शहीदों को नमन: देश की सीमाओं की रक्षा और नक्सल अभियानों में सर्वोच्च बलिदान देने वाले झारखंड के वीर पुलिसकर्मियों और सैनिकों के परिजनों को स्मृति-चिह्न, प्रशस्ति-पत्र और सम्मान राशि देकर सम्मानित किया गया।
प्रतिभाओं का सम्मान: राज्य का नाम रोशन करने वाले खिलाड़ियों, छात्रों, साहित्यकारों और पूर्व विधायकों को भी मंच पर सम्मानित किया गया।
साहित्यिक धरोहर: ‘उड़ान’ और ‘सदन संवाद’ का लोकार्पण
विधानसभा के बौद्धिक योगदान को रेखांकित करते हुए मंच से महत्वपूर्ण प्रकाशनों का विमोचन किया गया:
झारखंड विधानसभा की प्रतिष्ठित मासिक पत्रिका “उड़ान” के 99वें और 100वें (विशेषांक) अंक का लोकार्पण।
माननीय सदस्यों के जीवन परिचय पर आधारित ग्रंथ और “सदन संवाद” पुस्तक का विमोचन।
ये दिग्गज रहे मौजूद
इस ऐतिहासिक समारोह में राज्य के सभी प्रमुख राजनीतिक दलों के नेताओं ने एक मंच पर आकर लोकतंत्र की खूबसूरती पेश की। कार्यक्रम में विधानसभा अध्यक्ष श्री रवींद्रनाथ महतो, नेता प्रतिपक्ष श्री बाबूलाल मरांडी, संसदीय कार्य मंत्री श्री राधाकृष्ण किशोर, मुख्य सचेतक (प्रतिपक्ष) श्री नवीन जायसवाल और प्रभारी सचिव श्री माणिकलाल हेंब्रम सहित कई मंत्रीगण, सांसद, विधायक और वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।
निष्कर्ष:
झारखंड विधानसभा की यह रजत जयंती न केवल 25 वर्षों के सफर का उत्सव थी, बल्कि यह “अबुआ दिशोम” (अपना देश) के सपनों को पूरा करने के लिए एक नए संकल्प की शुरुआत भी साबित हुई।