• November 22, 2025

Khadi Mahotsav 2025: खादी महोत्सव 2025 : स्वदेशी, नवाचार और ग्रामीण सशक्तिकरण का भव्य उत्सव

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Khadi Mahotsav 2025: खादी महोत्सव 2025 : स्वदेशी, नवाचार और ग्रामीण सशक्तिकरण का भव्य उत्सव

लखनऊ, 22 नवंबर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन में प्रदेश की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नई मजबूती देने और आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को आगे बढ़ाने के उद्देश्य से खादी महोत्सव 2025 का आयोजन किया जा रहा है। राजधानी लखनऊ में शुरू हुए इस दस दिवसीय आयोजन में स्वदेशी आंदोलन को आधुनिक संदर्भ में पुनर्जीवित करने, स्थानीय उद्यमिता को बढ़ावा देने और पारंपरिक कलाओं को राष्ट्रीय मंच उपलब्ध कराने का प्रयास किया जा रहा है। इस महोत्सव में स्वदेशी सोच, ग्रामीण उत्पाद, आधुनिक तकनीक और आर्थिक सशक्तिकरण सभी का संगम देखने को मिल रहा है।

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राज्य के विभिन्न जिलों से आए 160 से अधिक उद्यमी अपने पारंपरिक और आधुनिक उत्पादों के साथ इस महोत्सव में प्रतिभाग कर रहे हैं। यहां हाथ से काती गई खादी, टेराकोटा शिल्प, हर्बल उत्पाद, आभूषण, पर्यावरण-अनुकूल वस्तुएं और कई प्रकार के ग्रामीण उत्पाद प्रदर्शित किए गए हैं। खादी महोत्सव उत्तर प्रदेश की सांस्कृतिक पहचान, शिल्प विविधता और पारंपरिक कला-धरोहर को एक ही मंच पर उजागर कर रहा है, साथ ही कुटीर उद्योगों और ग्रामीण उद्यमियों को उपभोक्ताओं तक सीधी पहुंच भी प्रदान कर रहा है।

इस वर्ष महोत्सव का विशेष आकर्षण लाभार्थियों को आधुनिक उपकरणों का वितरण है। दोना बनाने की मशीनें, पॉपकॉर्न यूनिट और इलेक्ट्रिक कुम्हार चाक जैसी आधुनिक इकाइयां उद्यमियों को उपलब्ध कराई जा रही हैं। यह पहल उन लोगों की आय बढ़ाने में मदद करेगी, जो पारंपरिक व्यवसायों से जुड़े हैं। इससे महिला उद्यमियों को विशेष प्रोत्साहन मिलेगा, साथ ही ग्रामीण युवाओं को नए रोजगार अवसर भी प्राप्त होंगे। तकनीकी उन्नयन के इन प्रयासों से न केवल उत्पादों की लागत कम होगी, बल्कि गुणवत्ता भी और अधिक बेहतर होगी।

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खादी महोत्सव 2025 को एक ऐसे मंच के रूप में तैयार किया गया है जहां बाजार और प्रशिक्षण, दोनों का अनुभव मिलता है। यहां कौशल विकास, ई-कॉमर्स, डिजिटल मार्केटिंग, पैकेजिंग और व्यवसाय प्रबंधन से जुड़ी कार्यशालाएं निरंतर आयोजित की जा रही हैं। इन कार्यशालाओं का उद्देश्य ग्रामीण उत्पादों को स्थानीय सीमाओं से निकालकर राष्ट्रीय और वैश्विक बाजारों तक पहुंचाना है। इसके साथ ही स्वदेशी आपूर्ति श्रृंखला को मजबूत करने, उद्यमियों को नए कौशल सिखाने और उन्हें अधिक प्रतिस्पर्धी बनाने पर भी जोर दिया जा रहा है।

महोत्सव में सांस्कृतिक कार्यक्रमों, लोक संगीत, नृत्य और पारंपरिक कला प्रस्तुतियों ने आयोजन को और अधिक जीवंत बना दिया है। यहां परंपरा और तकनीक का अनूठा संगम देखने को मिलता है, जहां ग्रामीण क्षमता आर्थिक शक्ति में बदलती हुई दिखाई देती है। खादी महोत्सव 2025 यह संदेश देता है कि भारत के स्वदेशी उद्योग केवल विरासत नहीं हैं, बल्कि देश के भविष्य को आत्मनिर्भर, टिकाऊ और आर्थिक रूप से मजबूत बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।

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